What is Section 80gg?
अगर आप एक कर्मचारी हैं, आप जहां भी काम करते हैं, अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो आपको सरकार की तरफ से HRA (हाउस रेंट अलाउंस) दिया जाता है या फिर अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं तो आपको कंपनी की तरफ से HRA दिया जाता है। लेकिन अगर आप जहाँ नौकरी कर रहे हैं वहाँ HRA देने का कोई प्रावधान नहीं है तो उन लोगों के लिए Income Tax की Section 80GG को जोड़ा गया है ताकि उन लोगों को इसका लाभ मिल सके जिन्हें सरकार या कंपनी की तरफ से HRA नहीं मिल रहा है तो वे Section 80GG का लाभ उठा पाएंगे।
Section 80GG उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जिन्हें HRA नहीं मिलता है, लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि इस धारा को 1997 में बंद कर दिया गया था। आगे कि आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे कि ऐसा क्यों किया गया?
1997 को बंद कर दिया गया क्योंकि इस समय लोग Section 80GG का बहुत ज्यादा दुरुपयोग करने लगे थे। इसलिए इस धारा को बंद कर दिया गया।
Section 80GG को इसलिए बंद किया गया क्योंकि जिस समय यह धारा शुरू की गई थी, उस समय यह पता लगाना बहुत मुश्किल था कि किसे वास्तव में इस धारा की आवश्यकता है और किसे इसकी आवश्यकता नहीं है। जिसके कारण बहुत से लोग गलत जानकारी देकर Section 80GG का लाभ उठा रहे थे, इसलिए सरकार को अंततः Section 80GG को बंद करना पड़ा।
Section 80GG को बंद करने का दूसरा कारण यह था कि जो लोग मकान के मालिक थे, वे किराया नहीं देते थे, क्योकि वह माकन मालिक थे इसलिए उन्हें सेक्शन 80G का लाभ नहीं मिल पाता था। लेकिन जो लोग किराए पर रहते थे और उन्हें किराया देना पड़ता था, वे सेक्शन 80GG का पूरा लाभ उठा रहे थे। इसलिए देखा गया कि मकान मालिकों और किराएदारों को समान लाभ नहीं मिल पा रहा था। यह भी एक कारण था जिसके कारण 1997 में Section 80GG को बंद कर दिया गया था।
लेकिन कुछ समय बाद इस धारा में कुछ बदलाव किये गये और इसे 1998 में पुनः लाया गया।
इस कटौती को समझना बहुत आसान है। आप जितना किराया दे रहे हैं, उतनी ही कटौती आपको मिलेगी। लेकिन एक शर्त यह है कि आप जिस जगह काम कर रहे हैं, वहां आपको HRA नहीं दिया जा रहा हो।
दुबारा से लोग पहले जैसा इसका कोई गलत उपयोग न करें इसलिए इसमें कुछ बलवा किया गया। और साथ में ही कुछ शर्त भी रखी गई है, ताकि जो व्यक्ति इन सर्तो को पूरा करेगा वही इसका लाभ ले पाएगा।
मान लीजिए कोई व्यक्ति दिल्ली में काम कर रहा है तो सबसे पहले उसके नाम पर या उसकी पत्नी के नाम पर या उसके बच्चे के नाम पर दिल्ली में कोई भी घर नहीं होना चाहिए, तब वह Section 80GG का लाभ उठा सकता है।
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Who is eligible for Section 80GG deduction?
इसमें एक दिक्कत ये भी हो सकती है कि मान लीजिए कोई ऐसा व्यक्ति है जिसका घर राजस्थान में है लेकिन ट्रांसफर की वजह से वो दिल्ली शिफ्ट हो गया है और Section 80GG का लाभ लेना चाहता है तो ऐसी स्थिति में सबसे पहले आपको सरकार को ये डिटेल देनी होगी कि राजस्थान वाला घर मेरे नाम पर नहीं है। अगर आप दिल्ली में रह रहे हैं जिसके लिए आप क्लेम के लिए अप्लाई कर रहे हैं और दूसरी तरफ राजस्थान में आपका अपना घर है तो ऐसी स्थिति में आपको सेक्शन 80GG का लाभ नहीं मिल सकता है।
लेकिन यदि आप धारा 80जी का लाभ उठाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको फॉर्म 10बीए के माध्यम से इस धारा के तहत यह घोषणा पत्र देना होगा।।
अब तक हमने यह चर्चा की है कि Section 80GG का लाभ उठाने के लिए आपको किन शर्तों को पूरा करना होगा। लेकिन अब हम जानेंगे कि धारा 80GG के तहत हम कितनी कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
1969 में जब इस औसत की गणना की गई तो पता चला कि हर व्यक्ति अपने वेतन का करीब 25 प्रतिशत घर का किराया चुकाने में खर्च करता है। अगर आपका घर का किराया 25% की इस श्रेणी में आता है तो आप सेक्शन 80gg के ज़रिए पूरा 25% क्लेम कर सकते हैं।
इसमें सरकार का सीधा नियम है कि आपको अपने किराए का 10% देना होगा और अगर यह 10% से ज्यादा है तो आप 25% तक और बाकी 10% से ऊपर और 25% तक के खर्च के लिए Section 80GG के जरिए क्लेम कर सकते हैं।
यह समझना थोड़ा कठिन लग सकता है इसलिए हम इसे समझने के लिए एक उदाहरण की मदद लेंगे।
How to calculate Section 80GG deduction calculation?
मान लीजिए कोई व्यक्ति है जिसकी मासिक आय ₹1000 है और वह ₹400 मकान किराए के रूप में दे रहा है। तो इस धारा के नियमों के अनुसार 1000 का 10% यानी ₹100 जो उस व्यक्ति को खुद ही देना होगा। इससे ऊपर का किराया जो 25% तक है, इस धारा के तहत क्लेम किया जा सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि 25% क्यों फिक्स रखा गया क्योंकि ऊपर हमने देखा कि ज़्यादातर लोग अपने मकान के किराए पर 25% ही खर्च करते हैं।
इसलिए, यदि कोई व्यक्ति घर के किराए पर ₹400 या उससे अधिक खर्च कर रहा है, तो इस क्षेत्र के नियमों के अनुसार, आप Section 80GG के तहत अपनी कुल मासिक आय का 25% तक का दावा कर सकते हैं।
What is the maximum limit for Section 80GG?
इस सेक्शन में आप अधिकतम 5000 रुपये का दावा कर सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि 5000 रुपये बहुत कम है, तो हम आपको बता दें कि यह सेक्शन गरीब लोगों की मदद के लिए बनाया गया है, इसलिए देखा जाए तो 5000 रुपये घर के किराए के लिए एक अच्छी रकम है।