Satyajit Ray: सत्यजीत रे के पास खुद चल कर आया था ऑस्कर अवार्ड, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा फ़िल्मी अवार्ड माना जाता है। 

Satyajit Ray की व्यक्तित्वा का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं। ऑस्कर अवॉर्ड जो हर एक्टर और डायरेक्टर का सपना होता है, वही अवॉर्ड Satyajit Ray के पास खुद चलकर आया। उन्हें भारत सरकार की ओर से 32 रास्ट्रीय पुरष्कार से सम्मानित किया गया। चलिए अब आगे बढ़ते हैं, ऐसी ही मनोरंजन से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए जुड़े रहिए Tezkhabar24x7 के साथ।

Satyajit Ray Award 2023

भारत ने 2023 में दो ऑस्कर अवॉर्ड जीते हैं। एम किरबानी ने फिल्म ‘अर्ध’ के गाने ‘नटू नटू’ के लिए बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीता, जबकि कार्तिकेय गुंजालिस द्वारा निर्देशित ‘दिल्ली फ्रंट विस्फोट’ ने भी शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में यह अवॉर्ड जीता। ऑस्कर अवॉर्ड दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म अवॉर्ड माना जाता है। भारत को समय-समय पर सफलता मिली है, भले ही वह छोटी ही क्यों न हो। इससे पहले एआर रहमान को फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियम’ के गाने ‘जय हो’ के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिल चुका है।

Satyajit Ray movies

दुनिया भले ही ऑस्कर अवॉर्ड्स की दीवानी हो, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि एक भारतीय दिग्गज ऐसे भी थे जिनके लिए ऑस्कर अवॉर्ड खुद भारत आया था? हम बात कर रहे हैं, भारतीय सिनेमा के महानतम निर्देशक Satyajit Ray की। 1921 में जन्मे सत्यजीत रे ने अपने जीवन में 37 फ़िल्में बनाईं, जो आज भी विश्व सिनेमा के लिए एक मास्टर क्लास हैं। 1950 के दौरान Satyajit Ray अपनी पत्नी के साथ इंग्लैंड गए। इस दौरान उन्होंने करीब 100 फ़िल्में देखीं और फ़िल्मों के प्रति उनका जुनून बढ़ता गया।

Satyajit Ray In Bengali

उनकी सभी फ़िल्में याद की जाती हैं। वैसे तो सत्यजीत रे ने अपनी ज़्यादातर फ़िल्में बंगाली भाषा में बनाईं, लेकिन उनकी हिंदी फ़िल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ भी हिंदी सिनेमा की यादगार फ़िल्मों में गिनी जाती है। हॉलीवुड फ़िल्म ‘द गॉडफ़ादर’ के निर्देशक फ्रांसिस्को ओला भी सत्यजीत रे के फैन थे।

Awards Won By Satyajit Ray

भारतीय सिनेमा में सत्यजीत रे के योगदान को देखते हुए, उन्हें भारत सरकार ने 32 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया था। सत्यजीत रे न केवल भारतीय सिनेमा बल्कि विश्व सिनेमा के भी दिग्गज हैं। उनकी फिल्मों की तारीफ पूरी दुनिया में हुई। सिनेमा के क्षेत्र में उनके अहम योगदान को देखते हुए उन्हें ऑस्कर का खास अवॉर्ड दिया गया। सत्यजीत रे को ऑस्कर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित करने का ऐलान किया गया।

Satyajit Ray Oscar

उस वक्त बुजुर्ग सत्यजीत रे बीमारी की वजह से यात्रा नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में ऑस्कर कमेटी के चेयरमैन ने खुद उनके नाम से अवॉर्ड लिया। वो भारत आए और 30 मार्च 1992 को उन्होंने अपने हाथों से सत्यजीत रे को ऑस्कर अवॉर्ड दिया। करीब एक महीने बाद 23 अप्रैल को दिल का दौरा पड़ने से सत्यजीत रे का निधन हो गया।

Satyajit Ray Birthday

भारत के महानतम फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे को पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। भारतीय सिनेमा के महानायक सत्यजीत रे ने सारी फिल्में अपनी भाषा में ही बनाईं, लेकिन उनके काम को दुनिया के हर कोने में सम्मान और प्यार मिला। ऑस्कर अवॉर्ड के पीछे और1921 में जन्मे सत्यजीत रे की कहानी दीवानी दुनिया को याद दिलाना जरूरी है।

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