कौन हैं Vaibhav Suryavanshi ?
Vaibhav Suryavanshi बिहार के समस्तीपुर जिले के मोतीपुर गांव के युवा क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) में जगह बनाई है। लेकिन इन दिनों वह न केवल अपनी खेल प्रतिभा बल्कि अपनी उम्र को लेकर भी सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या 13 साल का खिलाड़ी आईपीएल में खेलने के योग्य हो सकता है?
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क्या है विवाद?
Vaibhav Suryavanshi की उम्र को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें आईपीएल मेगा ऑक्शन में 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा। जैसे ही यह खबर फैली, हर जगह चर्चाएं शुरू हो गईं। कई लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि इतनी कम उम्र में कोई खिलाड़ी आईपीएल जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर जगह बना सकता है।
Vaibhav Suryavanshi की असली उम्र क्या है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई लोग कह रहे हैं कि उसकी उम्र 13 साल है, जबकि कुछ जगहों पर कहा जा रहा है कि वह 14 या 15 साल का है। जब इस मुद्दे पर उनके पिता संजीव सूर्यवंशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “हमने कभी उम्र को लेकर झूठ नहीं बोला। जब Vaibhav Suryavanshi महज ढाई साल का था, तब बीसीसीआई ने उसका बोन टेस्ट कराया था। उस टेस्ट के आधार पर ही उसका आयु प्रमाण पत्र जारी किया गया है।”
क्रिकेट के प्रति Vaibhav Suryavanshi का जुनून
वैभव को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। उनके पिता ने बताया कि उन्होंने पांच साल की उम्र में ही घर पर नेट प्रैक्टिस एरिया बनवा दिया था, ताकि Vaibhav Suryavanshi को गांव में ही अच्छी ट्रेनिंग मिल सके।
पहले उन्होंने समस्तीपुर क्रिकेट अकादमी और फिर जीसस क्रिकेट अकादमी ज्वाइन की। वहां उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आई और उन्होंने लगातार अपने खेल में सुधार किया।
कठिनाइयों से भरा सफर
Vaibhav Suryavanshi के पिता ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के क्रिकेट करियर को बेहतर बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया। वैभव जब 10 साल का था, तो हमने उसकी क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए अपनी ज़मीन बेच दी थी। आज जब वह आईपीएल में जगह बना चुका है, तो हमें गर्व महसूस हो रहा है। वैभव के परिवार के लिए यह सफ़र आसान नहीं था। ट्रायल के लिए प्रतिदिन समस्तीपुर से आना-जाना और क्रिकेट की दुनिया में खुद को साबित करना एक बड़ी चुनौती थी।
अंडर-19 में भी चमका Vaibhav Suryavanshi का प्रदर्शन
Vaibhav Suryavanshi पहले ही भारत के लिए अंडर-19 क्रिकेट खेल चुके हैं। उन्होंने अंडर-19 एशिया कप और अंडर-19 टेस्ट में भी शानदार प्रदर्शन किया है। हाल ही में चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ हुए युवा टेस्ट मैच में उन्होंने 62 गेंदों में 104 रन बनाकर सबको चौंका दिया।
इसके अलावा, उन्होंने मुश्ताक अली ट्रॉफी में बिहार की ओर से डेब्यू किया और कई शानदार पारियां खेलीं।
राजस्थान रॉयल्स का भरोसा
आईपीएल ऑक्शन में Vaibhav Suryavanshi को राजस्थान रॉयल्स ने 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा। यह दिखाता है कि फ्रेंचाइज़ी को उनकी प्रतिभा पर पूरा भरोसा है। राजस्थान रॉयल्स पहले भी युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए जाना जाता है। यशस्वी जायसवाल, रियान पराग और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों को राजस्थान ने संवारा है।
राहुल द्रविड़ की प्रतिक्रिया
जब भारतीय क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड़ से Vaibhav Suryavanshi के चयन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “Vaibhav Suryavanshi में शानदार कौशल है। हमने उसका खेल देखा है और हमारा मानना है कि अगर उसे सही माहौल और मार्गदर्शन मिले तो वह भारतीय क्रिकेट का भविष्य बन सकता है।”
समस्तीपुर से IPL तक का सफर: गांव में जश्न का माहौल
वैभव को जब राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा तो उनके गांव मोतीपुर में जश्न का माहौल था। पूरा गांव और पूरा बिहार गौरवान्वित महसूस कर रहा था। उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा, “अब वैभव सिर्फ़ मेरा बेटा नहीं बल्कि पूरे बिहार का बेटा बन गया है।”
उम्र विवाद पर पिता की सफाई
वैभव की उम्र को लेकर उठे विवाद के बीच उनके पिता कहते हैं:
हमने कभी कोई गलत जानकारी नहीं दी। अगर किसी को कोई संदेह है तो वह टेस्ट करवा सकता है। हमारा बेटा सही उम्र का है। हालांकि, यह भी सच है कि भारत और पाकिस्तान में उम्र को लेकर विवाद आम बात है। कई खिलाड़ियों को अपने शुरुआती करियर में ऐसे विवादों का सामना करना पड़ा है।
वैभव का भविष्य
भले ही वैभव की उम्र को लेकर विवाद हो, लेकिन उनकी प्रतिभा और प्रदर्शन पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। 13 या 14 साल की उम्र में अगर वह जसप्रीत बुमराह, जोफ्रा आर्चर और मिचेल स्टार्क जैसे दिग्गज गेंदबाजों के साथ खेलने का मौका पा रहे हैं, तो यह उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिभा का ही नतीजा है।
क्रिकेट विशेषज्ञों की राय
कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि हमें वैभव की उम्र के बजाय उसकी प्रतिभा पर ध्यान देना चाहिए। एक क्रिकेट कोच ने कहा, “अगर कोई खिलाड़ी 14 साल की उम्र में इतना प्रतिभाशाली है, तो हमें उसका समर्थन करना चाहिए और उसके कौशल को और निखारना चाहिए।
रणजी ट्रॉफी में भी किया शानदार प्रदर्शन
वैभव ने रणजी ट्रॉफी में 12 साल 284 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। यह उपलब्धि उन्हें देश के सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों में शामिल करती है। उन्होंने पांच मैचों में 400 रन बनाए और अपनी जगह पक्की कर ली।
निष्कर्ष
वैभव सूर्यवंशी की कहानी बिहार के युवाओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणादायी है। उनकी मेहनत, संघर्ष और सफलता बताती है कि अगर आपके पास प्रतिभा और मेहनत है तो आप कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
उम्मीद है कि वैभव आने वाले समय में बिहार और देश का नाम और रोशन करेंगे। उम्र का विवाद भले ही जारी रहे, लेकिन यह तय है कि क्रिकेट के मैदान पर उनका दबदबा बरकरार रहेगा। अब समय आ गया है कि उनकी प्रतिभा पर ध्यान दिया जाए और उन्हें अपने खेल से दुनिया को प्रभावित करने का मौका दिया जाए।
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