Lokesh Rahul’s press conference: The full truth about batting order in Pink Ball Test

Lokesh Rahul : भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज Lokesh Rahul ने आगामी पिंक बॉल टेस्ट मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने बैटिंग ऑर्डर को लेकर खुलकर बात की। यह मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 दिसंबर से 10 दिसंबर तक एडिलेड में खेला जाएगा। इस दौरान कई अहम सवालों के जवाब देते हुए Lokesh Rahul ने अपनी बैटिंग पोजिशन, तैयारी और पिंक बॉल टेस्ट के अनुभव को साझा किया।

लोकेश राहुल को कब पता चला कि वे ओपनिंग करेंगे?

Lokesh Rahul से जब उनके बल्लेबाजी क्रम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें पहले ही बता दिया गया था कि वह ओपनिंग कर सकते हैं। राहुल ने कहा:

मुझे पहले ही बता दिया गया था कि मुझे ओपनिंग करनी पड़ सकती है। मैंने पिछले दो मैच नहीं खेले, लेकिन मुझे तैयार रहने को कहा गया था।

Lokesh Rahul ने यह भी कहा कि जैसे ही उन्हें यह खबर मिली, उन्होंने अभ्यास शुरू कर दिया और अपने बेसिक्स पर ध्यान केंद्रित किया। उनका मानना ​​है कि यह तैयारी उन्हें पहले टेस्ट मैच में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगी।

पिंक बॉल टेस्ट मैच का अनुभव

Lokesh Rahul ने माना कि यह उनका पहला पिंक बॉल टेस्ट मैच होगा और उन्हें इस प्रारूप में खेलने का कोई पूर्व अनुभव नहीं है। हालांकि, अभ्यास मैच के दौरान पिंक बॉल से खेलकर उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बातें सीखी हैं।

राहुल ने कहा:

यह मेरा पहला पिंक बॉल टेस्ट मैच है। मैंने अब तक रेड बॉल से ही ज्यादा खेला है, लेकिन पिंक बॉल की स्पीड, स्विंग और बाउंस रेड बॉल से अलग है।

उन्होंने यह भी बताया कि पिंक बॉल का बाउंस थोड़ा ज्यादा होता है और हाथों पर सख्त महसूस होता है। गेंदबाजों को इससे स्विंग भी ज्यादा मिलती है, जो बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

पिंक बॉल और रेड बॉल में अंतर

Lokesh Rahul ने पिंक बॉल और रेड बॉल के बीच के अंतर पर भी विस्तार से चर्चा की। उनके अनुसार:

  1. स्पीड और बाउंस:
    पिंक बॉल, रेड बॉल की तुलना में तेज़ी से बैट पर आती है और इसका बाउंस भी ज्यादा होता है।
  2. स्विंग:
    पिंक बॉल हवा में अधिक स्विंग करती है, जिससे बल्लेबाजों को अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता है।
  3. रात में खेलना:
    पिंक बॉल टेस्ट आमतौर पर डे-नाइट फॉर्मेट में खेला जाता है, जिससे रात के समय खेलना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

नई गेंद का सामना करने की रणनीति

Lokesh Rahul ने इस बात पर जोर दिया कि पिंक बॉल से खेलते समय उनकी प्राथमिकता नई गेंद का सम्मान करना है। उन्होंने कहा:

मेरा फोकस यह है कि नई गेंद को 20 से 25 ओवर तक खेलने की कोशिश करूं। अगर हम शुरुआती ओवर निकाल लेते हैं, तो बल्लेबाजी आसान हो जाती है।

यह रणनीति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि नई गेंद के साथ स्विंग और बाउंस ज्यादा होता है, लेकिन जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती जाती है, बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान हो जाता है।

बैटिंग ऑर्डर पर सवाल

प्रेस कॉन्फ्रेंस में Lokesh Rahul से उनके बैटिंग ऑर्डर के बारे में भी पूछा गया। उन्होंने जवाब में कहा:

मुझे बता दिया गया है कि मैं कहां बैटिंग करूंगा, लेकिन मुझे इसे सार्वजनिक करने की अनुमति नहीं है। आप सबको टेस्ट के दिन ही पता लगेगा।

Lokesh Rahul ने यह भी कहा कि वे किसी भी पोजीशन पर खेलने के लिए तैयार हैं और उनका मुख्य लक्ष्य टीम के लिए योगदान देना है। उन्होंने कहा:

मैं बस प्लेइंग 11 का हिस्सा बनना चाहता हूं और टीम के लिए खेलना चाहता हूं, चाहे मुझे किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करनी पड़े।

पिंक बॉल टेस्ट की तैयारी

Lokesh Rahul ने यह भी बताया कि उन्होंने पिंक बॉल टेस्ट की तैयारी के लिए किस तरह की ट्रेनिंग की है। उन्होंने कहा:

  • प्रैक्टिस मैचों में प्रदर्शन:
    राहुल ने प्रैक्टिस मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया और यह सुनिश्चित किया कि वे पिच पर ज्यादा से ज्यादा समय बिता सकें।
  • अनुभवी खिलाड़ियों से बातचीत:
    चूंकि यह उनका पहला पिंक बॉल टेस्ट है, इसलिए उन्होंने टीम के अनुभवी खिलाड़ियों से बात की, जिन्होंने पहले इस फॉर्मेट में खेला है।
  • बेसिक्स पर ध्यान:
    राहुल ने अपनी बल्लेबाजी के बेसिक्स पर ध्यान दिया और सुनिश्चित किया कि उनकी तकनीक पिंक बॉल के खिलाफ मजबूत हो।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चुनौती

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट खेलना भारतीय टीम के लिए हमेशा से एक चुनौती रहा है। एडिलेड की पिच और परिस्थितियां ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को फायदा पहुंचाती हैं। राहुल ने माना कि ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी लाइनअप मजबूत है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय बल्लेबाजों ने उनकी योजना के खिलाफ तैयारी कर ली है।

ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज पिंक बॉल के साथ काफी प्रभावशाली होते हैं, लेकिन हमने उनकी गेंदबाजी का विश्लेषण किया है और अपनी रणनीति बनाई है।”

टीम के लिए योगदान देने की इच्छा

लोकेश राहुल ने यह भी स्पष्ट किया कि वे टीम के लिए किसी भी पोजीशन पर खेलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता टीम की जीत में योगदान देना है।

मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं किस नंबर पर बल्लेबाजी करता हूं। मेरा लक्ष्य टीम की जीत में योगदान देना है और मुझे जहां भी मौका मिलेगा, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा।

निष्कर्ष

लोकेश राहुल की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से साफ है कि वह आगामी पिंक बॉल टेस्ट के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। चाहे उन्हें ओपनिंग करनी हो या फिर मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करनी हो, राहुल ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। उनका लक्ष्य टीम के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन करना है और वह हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। अब देखना यह है कि एडिलेड में होने वाले इस पिंक बॉल टेस्ट में राहुल कैसा प्रदर्शन करते हैं और अपनी टीम की जीत में कितना योगदान दे पाते हैं।

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