Banks And NBFCs Have High Expectations From RBI Policy: Analysis of Citi Report

RBI की आगामी मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले बैंकों और NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) को लेकर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब भारतीय अर्थव्यवस्था में कई बदलाव और चुनौतियां देखने को मिल रही हैं। इस रिपोर्ट में खास तौर पर CRR (कैश रिजर्व रेशियो) में कटौती की संभावना को रेखांकित किया गया है, जिससे बैंकों और NBFC को बड़ा लाभ मिल सकता है।

CRR में कटौती क्या है और इसका महत्व क्या है?

CRR वह हिस्सा है, जिसे बैंकों को RBI के पास रखना होता है, जो उनकी जमा राशि का एक निश्चित प्रतिशत होता है। इसे कम करने का मतलब है कि बैंकों के पास लोन देने के लिए ज्यादा पैसा होगा। इससे न सिर्फ उनकी कार्यकुशलता बढ़ेगी, बल्कि लिक्विडिटी में भी सुधार होगा।

CRR में कटौती का असर:

– रिपोर्ट के मुताबिक, CRR में 25 से 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है। – अगर यह कटौती होती है, तो बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में 2 से 3 बेसिस पॉइंट्स का सुधार हो सकता है।

– इससे उन बैंकों को ज़्यादा फ़ायदा होगा, जिनका NII (नेट इंटरेस्ट इनकम) कम है और जिनका LCR (लिक्विडिटी कवरेज रेशियो) कम है या LDR (लोन डिपॉज़िट रेशियो) ज़्यादा है।

 बैंकों के लिए संभावित फ़ायदे

इस रिपोर्ट में उन बैंकों का ज़िक्र है, जिन्हें CRR में कटौती से सबसे ज़्यादा फ़ायदा हो सकता है। इन बैंकों में प्रमुख नाम हैं:

1. HDFC बैंक

2. एक्सिस बैंक

3. फ़ेडरल बैंक

4. बैंक ऑफ़ बड़ौदा

यह कदम इन बैंकों के लिए फ़ायदेमंद होगा, क्योंकि उनके लोन-टू-डिपॉज़िट रेशियो और दूसरे ऑपरेशनल आँकड़ों को इस तरह की राहत से सीधे फ़ायदा मिल सकता है।

एनबीएफसी के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है?

एनबीएफसी भी इस नीति के दायरे में आ सकते हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि अगर सीआरआर में कटौती की जाती है तो एनबीएफसी पर भी इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।

रिपोर्ट में इन कंपनियों के नाम बताए गए हैं:

1. एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस

2. बजाज फाइनेंस

3. एलएनटी फाइनेंस

4. एमएंडएम फाइनेंस

शेयर बाजार और बैंकों पर असर

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सीआरआर में कटौती की वजह से बैंकिंग शेयरों में तेजी आने की संभावना है।

– एचडीएफसी बैंक के शेयरों के लिए सपोर्ट लेवल 1780 पर है। जब तक यह लेवल बना रहेगा, तब तक तेजी बनी रहेगी।

– एक्सिस बैंक के शेयर शॉर्ट टर्म में 2100 से 2200 तक जा सकते हैं।

 NBFC पर RBI का रुख

RBI गवर्नर ने पिछली पॉलिसी में NBFC के लिए कुछ सख्त निर्देश दिए हैं।

1. लोन ग्रोथ: NBFC द्वारा बहुत आक्रामक लोन ग्रोथ को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।

2. असुरक्षित ऋण: RBI ने NBFC को असुरक्षित ऋण देने से बचने की सलाह दी थी।

3. नई पॉलिसी का असर: इस बार RBI गवर्नर NBFC की मौजूदा स्थिति और उनकी बैलेंस शीट को लेकर नए कदम उठा सकते हैं।

 RBI पॉलिसी में क्या होगा खास?

इस पॉलिसी में सबसे महत्वपूर्ण फोकस निम्न बिंदुओं पर रहेगा:

– कमजोर GDP आंकड़े: दूसरी तिमाही में GDP आंकड़े कमजोर रहे। RBI का मौजूदा GDP अनुमान 7.2% है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि RBI इसे घटाता है या नहीं।

– लोन ग्रोथ: NBFC और बैंकों की आक्रामक लोन ग्रोथ पर RBI का क्या नजरिया है। – सीआरआर में कटौती की घोषणा: यह फैसला बाजार की दिशा तय कर सकता है।

एनबीएफसी में कौन सा शेयर सबसे बेहतर है?

एनबीएफसी शेयरों में पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है।

1. एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस:

– हाल ही में यह 200 दिनों के मूविंग एवरेज से नीचे चला गया है।

– यह लंबी अवधि के लिए नकारात्मक संकेत है।

2. पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस:

– इसने 200 दिनों के मूविंग एवरेज पर सपोर्ट लिया है।

– अगर यह 925 के रेजिस्टेंस को पार करता है तो इसमें बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है।

– इसका सपोर्ट लेवल 875 है।

बाजार पर संभावित असर

आरबीआई की पॉलिसी पर बाजार ने पहले ही सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। निफ्टी बैंक इंडेक्स में उछाल और नेतृत्वकारी भूमिका में बैंकों का प्रदर्शन इसका सबूत है।

 निष्कर्ष

आरबीआई की इस बार की नीति कई अहम फैसलों का संकेत दे सकती है। सीआरआर में कटौती, एनबीएफसी पर सख्ती और जीडीपी अनुमान पर चर्चा से बाजार की दिशा तय होगी। यह समय निवेशकों के लिए अपनी पोर्टफोलियो रणनीति पर पुनर्विचार करने का है, खासकर बैंकों और एनबीएफसी में।

यह देखना दिलचस्प होगा कि नीति के बाद बाजार की क्या प्रतिक्रिया होती है और बैंकों और एनबीएफसी के शेयरों में क्या रुझान रहता है।

महत्वपूर्ण सूचना:
यह जानकारी केवल शैक्षिक और जानकारी देने के उद्देश्य से प्रदान की गई है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह, सिफारिश, या वित्तीय मार्गदर्शन नहीं है। निवेश करने से पहले कृपया अपनी वित्तीय स्थिति, जोखिम सहने की क्षमता, और लक्ष्यों को ध्यान में रखें।

निवेश बाजार में जोखिम के साथ आता है, और इसमें आपके निवेश की राशि का नुकसान हो सकता है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श करें।

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