Babar Azam’s return: Politics above performance in Pakistan cricket?

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान Babar Azam एक बार फिर चर्चा में हैं। जबरदस्त आलोचनाओं और खराब फॉर्म के चलते उन्हें टेस्ट टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। इसके बाद टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कई मुकाबले जीते, जिससे ऐसा लगा कि बाबर की अनुपस्थिति टीम के लिए फायदेमंद रही। लेकिन अब, बिना किसी उल्लेखनीय प्रदर्शन के, Babar Azam को टेस्ट, वनडे और टी20—तीनों फॉर्मेट्स में वापस शामिल कर लिया गया है।

इस फैसले ने क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिरकार, जब बाबर को खराब प्रदर्शन के कारण बाहर किया गया था, तो अब अचानक उनकी वापसी क्यों हुई? क्या यह निर्णय सही है, या फिर यह सिर्फ राजनीति का नतीजा है?

Babar Azam : प्रदर्शन और ड्रॉप होने की कहानी

Babar Azam का करियर एक समय पर पाकिस्तान क्रिकेट के लिए उम्मीदों का प्रतीक था। लेकिन पिछले कुछ सालों में उनके प्रदर्शन में गिरावट आई है।

  • इंग्लैंड के खिलाफ खराब प्रदर्शन: इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में बाबर का बल्ला खामोश रहा। नतीजतन, उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
  • ऑस्ट्रेलिया और जिम्बाब्वे टूर: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी Babar Azam ने कुछ खास नहीं किया। यहां तक कि जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ भी वे रन बनाने में नाकाम रहे।
  • न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज: न्यूजीलैंड के खिलाफ भी Babar Azam का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उनकी आखिरी बड़ी पारी नेपाल के खिलाफ आई थी, जो किसी मजबूत टीम के खिलाफ नहीं थी।

इन सबके बावजूद, Babar Azam को अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीनों फॉर्मेट्स में जगह दी गई है।

कामरान गुलाम बनाम Babar Azam: किसे मिलेगी प्राथमिकता?

Babar Azam की वापसी से सबसे ज्यादा नुकसान युवा बल्लेबाज कामरान गुलाम को हो सकता है।

  • कामरान गुलाम का हालिया प्रदर्शन:
    कामरान ने अपनी पिछली 10 पारियों में दो शानदार शतक लगाए हैं। उनका डेब्यू मैच ही यादगार रहा, जहां उन्होंने 118 रनों की पारी खेली थी।
  • बाबर की तुलना में बेहतर आंकड़े:
    2023 से अब तक, जहां Babar Azam ने 50 से ज्यादा पारियां खेलीं और एक भी शतक नहीं लगाया, वहीं कामरान ने 10 पारियों में दो शतक जड़ दिए।
  • टीम में जगह की समस्या:
    मौजूदा प्लेइंग इलेवन में ओपनिंग जोड़ी के लिए अब्दुल्ला शफीक और सैम अयूब को प्राथमिकता दी जा रही है। तीसरे नंबर पर शान मसूद खेलते हैं। चौथे नंबर पर कामरान या बाबर में से किसी एक को जगह मिलेगी।

यहां बड़ा सवाल यह है कि कामरान जैसे इन-फॉर्म खिलाड़ी को सिर्फ Babar Azam के लिए टीम से बाहर करना क्या सही होगा?

टीम चयन में राजनीति का असर?

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) पर हमेशा से ही राजनीति और सीनियर खिलाड़ियों के पक्षपात का आरोप लगता रहा है।

  • ड्रॉप करने का मतलब: जब किसी खिलाड़ी को टीम से ड्रॉप किया जाता है, तो यह माना जाता है कि वह घरेलू क्रिकेट में जाकर फॉर्म हासिल करेगा और फिर टीम में वापसी करेगा।
    लेकिन Babar Azam को बिना किसी उल्लेखनीय घरेलू प्रदर्शन के सीधे टीम में वापस लाना PCB के फैसले पर सवाल खड़े करता है।
  • सीनियर खिलाड़ियों का दबदबा: Babar Azam जैसे सीनियर खिलाड़ियों के प्रति PCB का झुकाव साफ दिखाई देता है। साजिद खान, जिन्होंने दो मैचों में 19 विकेट चटकाए थे, उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया, जबकि बाबर को बिना किसी हालिया उपलब्धि के वापस लाया गया।

टीम में बाकी बदलाव: कौन अंदर, कौन बाहर?

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए पाकिस्तान टीम में कई अन्य बदलाव भी हुए हैं।

  1. शाहीन अफरीदी:
    शाहीन को भी टीम से बाहर रखा गया है।
  2. नसीम शाह:
    नसीम शाह को टी20 से बाहर कर दिया गया है।
  3. साजिद खान:
    साजिद, जिन्होंने हाल ही में शानदार प्रदर्शन किया था, उन्हें भी टीम से बाहर कर दिया गया है।
  4. उस्मान खान:
    उस्मान खान को वनडे टीम में जगह दी गई है।

Babar Azam की वापसी: क्या यह सही फैसला है?

Babar Azam की वापसी पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं:

  • क्या यह सही समय है?
    Babar Azam की हालिया फॉर्म को देखते हुए उनकी वापसी सवालों के घेरे में है।
  • क्या कामरान गुलाम को नजरअंदाज किया जाएगा?
    कामरान जैसे युवा खिलाड़ी, जिन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें बाहर करना पाकिस्तान क्रिकेट के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

भविष्य की संभावनाएं: Babar Azam के लिए क्या होगा आगे?

अब जब बाबर आजम टीम में वापस आ चुके हैं, उनके सामने खुद को साबित करने की चुनौती होगी।

  • साउथ अफ्रीका के खिलाफ प्रदर्शन:
    अगर बाबर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो PCB पर दबाव और बढ़ जाएगा।
  • युवा खिलाड़ियों के मौके:
    पाकिस्तान क्रिकेट में युवा खिलाड़ियों को मौका देने की जरूरत है। अगर सीनियर खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं करते, तो उन्हें टीम में बनाए रखना गलत होगा।

निष्कर्ष: क्या बाबर की वापसी जायज है?

बाबर आज़म की वापसी ने पाकिस्तान क्रिकेट में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह फ़ैसला उनकी प्रतिभा और अनुभव के आधार पर है या फिर यह सिर्फ़ राजनीति का नतीजा है? आगामी सीरीज़ में उनका प्रदर्शन तय करेगा कि उनका चयन सही था या नहीं। लेकिन एक बात तो तय है – पाकिस्तान क्रिकेट को पारदर्शिता और निष्पक्षता की सख़्त ज़रूरत है।

आपका क्या मानना है? क्या बाबर आजम की वापसी सही है या कामरान गुलाम को प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी?
अपनी राय कमेंट में जरूर दें।

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