Yes Bank: नमस्कार बिस तक के इस खास शो में आपका स्वागत है। मैं ईशा मालवी, आज आपके लिए लेकर आई हूं एक खास रिपोर्ट, जो एक ऐसे बैंक पर आधारित है जिसने 2019 में भारी संकट का सामना किया था। जी हां, हम बात कर रहे हैं यस बैंक की। हाल ही में Yes Bank एक बार फिर सुर्खियों में है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इसे 51% हिस्सेदारी बेचने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि ये मामला क्या है, इसके पीछे क्या कारण हैं, और यस बैंक की पूरी कहानी।
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Yes Bank की वर्तमान स्थिति
हाल ही में, Yes Bank के शेयरों में अचानक तेजी देखने को मिली। इस वृद्धि का मुख्य कारण आरबीआई द्वारा यस बैंक को 51% हिस्सेदारी बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी देना है। इस खबर के चलते यस बैंक के शेयरों में 2% से ज्यादा की वृद्धि हुई और इसकी कीमत ₹21.25 पर पहुंच गई।
हालांकि, यस बैंक ने खुद स्टॉक मार्केट को स्पष्ट किया है कि इस तरह की खबरें बेबुनियाद हैं और इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। फिर भी, Yes Bank के शेयरों में उछाल आया है।
प्रमोटर्स की भूमिका
यस बैंक के प्रमोटर्स में एसबीआई, एलआईसी, और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। 2019 में जब यस बैंक को बड़ी क्राइसिस का सामना करना पड़ा था, तब एसबीआई ने इसे रेस्क्यू किया था। एसबीआई के पास Yes Bank में 24% की हिस्सेदारी है।
2019 की क्राइसिस: एक टाइमलाइन
राणा कपूर का प्रमोटर बनना
यस बैंक की स्थापना राणा कपूर और अशोक कपूर द्वारा 2004 में की गई थी। राणा कपूर बैंक के प्रमोटर और एमडी थे, लेकिन उन पर फ्रॉड और ब्राइबरी के आरोप लगे और उन्हें जेल जाना पड़ा। सितंबर 2019 में, आरबीआई ने राणा कपूर को एक्सटेंशन देने से मना कर दिया। इसके बाद, अगस्त में यस बैंक का शेयर ₹85 से घटकर ₹5.65 पर आ गया।
राणा कपूर का पद छोड़ना
जनवरी 2019 में, आरबीआई ने राणा कपूर को सीईओ के पद से हटने के लिए कहा। इसके बाद, बैंक के बैड लोंस और एनपीएस बढ़ते गए। अप्रैल 2019 में मैक्वायरी ने यस बैंक को डबल डाउनग्रेड कर दिया और इसका स्टॉक 30% डाउन हो गया। मई 2019 में, आरबीआई ने अपने डिप्टी गवर्नर आर गांधी को एडिशनल डायरेक्टर अपॉइंट किया।
क्राइसिस का चरम
2020 में, क्राइसिस के बाद केंद्र सरकार ने Yes Bank के बोर्ड का टेकओवर कर लिया और इसे मोरटोरियम में डाल दिया। इसके बाद, एसबीआई ने यस बैंक को रेस्क्यू किया और पहले ट्रेंच में इसमें ₹10,000 करोड़ डाले। एसबीआई के डिप्टी एमडी को यस बैंक चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
Yes Bank का रेस्क्यू प्लान
यस बैंक की क्राइसिस के दौरान, सरकार और आरबीआई ने मिलकर इसे बचाने के लिए कई कदम उठाए। आरबीआई ने यस बैंक को मोरटोरियम में डाल दिया, जिससे बैंक के इन्वेस्टर और डिपॉजिटर्स फंस गए। सरकार ने यस बैंक के बोर्ड का टेकओवर कर लिया और एसबीआई ने इसे रेस्क्यू किया। एसबीआई ने Yes Bank में पहले ट्रेंच में ₹10,000 करोड़ का निवेश किया और इसे चलाने की जिम्मेदारी एसबीआई के डिप्टी एमडी को सौंपी गई।
आरबीआई की सैद्धांतिक मंजूरी
हाल ही में, आरबीआई ने यस बैंक को 51% हिस्सेदारी बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इस खबर के चलते यस बैंक के शेयरों में तेजी आई है। हालांकि, यस बैंक ने खुद स्टॉक मार्केट को यह स्पष्ट किया है कि इस तरह की खबरें बेबुनियाद हैं और इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। फिर भी, यस बैंक के शेयरों में उछाल आया है।
निवेशकों के लिए अच्छी खबर
आरबीआई की सैद्धांतिक मंजूरी और Yes Bank के शेयरों में तेजी निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। अगर आरबीआई इसे लागू करती है, तो यस बैंक के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है। यह निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और यस बैंक को पटरी पर लाने में मदद कर सकता है।
Yes Bank का भविष्य
Yes Bank अब पटरी पर लौटता हुआ दिखाई दे रहा है। आरबीआई ने यस बैंक को 51% हिस्सेदारी बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। अगर आरबीआई इसे लागू करती है, तो यस बैंक के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है। यह निवेशकों के लिए भी एक अच्छी खबर है।
निष्कर्ष
इस ब्लॉग पोस्ट में, हमने आपको यस बैंक की पूरी कहानी बताई – 2019 की क्राइसिस से लेकर वर्तमान स्थिति तक। यस बैंक की क्राइसिस और इसके रेस्क्यू प्लान ने इसे फिर से पटरी पर लाने में मदद की है। अब, आरबीआई की सैद्धांतिक मंजूरी और यस बैंक के शेयरों में तेजी निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यदि आरबीआई इसे लागू करती है, तो Yes Bank के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है, जिससे बैंक और इसके निवेशकों को लाभ होगा।
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धन्यवाद!