Section 80C के तहत 1.5 लाख कर योग्य आय पर टैक्स कैसे बचाएं।

Section 80C of Income Tax Act

80C Deduction limit: क्या आपको भी लगता है कि आप अपनी मेहनत की कमाई बेवजह सरकार को दे रहे हैं और सरकार को अपने पैसों पर टैक्स देने में झिझक रहे हैं तो आइए जानते हैं एक ऐसे राज के बारे में जिससे आप आसानी से 150,000 रुपये बचा सकते हैं। और वे भी कानूनी तौर पर बचत कर सकते हैं, आइए जानते हैं क्या है Section 80C, जिसके जरिए आप 150000 रुपये बचा सकते हैं।

लेकिन इसे बचाने के लिए आपको जो पैसा टैक्स से बचाना है उसे कहीं और निवेश करना पड़ सकता है और एक तरह से आपको यहां भी फायदा मिलेगा, क्योंकि आप जो भी निवेश करेंगे उससे आपको या आपके परिवार को मदद मिलेगी या फिर आपके धन में वृद्धि होगी। 

अब आप सोच रहे होंगे कि हम किसमें निवेश कर सकते हैं, तो हम आपको यह भी बता दें कि आप PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम), EPF(एम्प्लॉय  प्रोविडेंट फंड), LIC(भारतीय जीवन बिमा निगम), ELSS(इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम),  शुकन्या स्मृद्धि योजना आदि और भी बहुत सारें हैं जिसमें में निवेश कर सकते हैं। इन सभी में निवेश करना जरूरी नहीं है। आपको बस एक में निवेश करना होगा। और इसमें दिक्कत ये है कि आप 1.5 लाख रुपये से ज्यादा बचत नहीं कर सकते।

इस योजना में आपके द्वारा निवेश किए गए 1.5 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और आगे हम आपको बताएंगे कि कुछ निवेश ऐसे भी हैं जिन पर निवेश पूरा होने के बाद भी जब निवेश राशि निकाली जाती है तो उस राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है।

लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह तय करना है कि इनमें से कौन सा आपके लिए अच्छा है और किसमें निवेश करना है। और क्या यह संभव है कि इन सभी में निवेश किए बिना भी हम Section 80C के तहत टैक्स चुकाए बिना 1.5 लाख रुपये बचा सकते हैं, तो हाँ, यह संभव है और इसके बारे में हम अगले आर्टिकल में जानेंगे.

सबसे पहले हम जानेंगे कि अगर इन सबमें निवेश किए बिना हम Section 80C के तहत 1.5 लाख रुपये बिना टैक्स चुकाए अपना पैसे कैसे बचाया जा सकता हैं, लेकिन अगर जानने के बावजूद भी आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उसके बाद हम जानेंगे कि बिना कहीं निवेश किये बिना ही कैसे अपने पैसे को टैक्स फ्री कैसे बना सकते हैं। आपको सबसे पहले यह सोचना चाहिए कि सबसे अच्छा निवेश कौन सा होगा जिससे आपको फायदा होगा और वह भी बिना Income Tax चुकाए।

80C Investment Options: ये सभी विकल्प ऐसे हैं जिनमें आप अलग से निवेश किए बिना ही Section 80C का लाभ उठा सकते हैं

EPF(एम्प्लॉय  प्रोविडेंट फंड)

  • अगर आप नौकरीपेशा वाले व्यक्ति हैं यानी आप कहीं नौकरी करते हैं और आपकी सैलरी की रकम से EPF कटता है तो आपको पता होना चाहिए कि EPF में जो भी पैसा कटता है, वह सारा पैसा 80C के तहत क्लेम किया जा सकता है। तो यह आपका पहला विकल्प है जिसमें आप बिना किसी अलग निवेश और बिना Tax चुकाए 1.5 लाख रुपये बचा सकते हैं।
  • एक बात और आपको बता दें कि EPF निवेश की EEE श्रेणी में आता है, जिसे इग्ज़ेम्प्ट  इग्ज़ेम्प्ट  इग्ज़ेम्प्ट इन्वेस्टमेंट कहा जाता है, इसका मतलब है कि आप जो पैसा निवेश करते हैं उस पर टैक्स नहीं लगता है। उसके बाद उस निवेशित पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर आपको Tax नहीं देना होता है और जब यह निवेश निकाला जाता है तो इस पर भी टैक्स नहीं लगता है।

Home Loan 

  • अगला विकल्प उस व्यक्ति के लिए है जिसने होम लोन लिया है, क्योंकि जब आप होम लोन लेते हैं तो एक साल के लिए होम लोन की मूल राशि को Section 80C के तहत क्लेम किया जा सकता है और इसके अलावा आप होम लोन पर दिए गए ब्याज की राशि को भी अन्य सेक्शन से क्लेम कर सकते हैं, लेकिन अभी हम Section 80C की बात कर रहे हैं। इसके बारे में हम किसी अन्य आर्टिकल में विस्तार से बात करेंगे।
  • मान लीजिए कि आप इस साल घर खरीदना चाहते हैं और घर खरीदने के बाद घर को अपने नाम पर ट्रांसफर करने के लिए चुकाई जाने वाली स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज को भी इनकम टैक्स चुकाते समय Section 80C के तहत दावा किया जा सकता है।

बच्चों का Tution Fee

  • अगर आप शादीशुदा हैं और आपके दो बच्चे हैं और दोनों स्कूल जाते हैं। और आपके बच्चे स्कूल में ही ट्यूशन भी पढ़ते है तो उस ट्यूशन फी को Section 80C के तहत आप क्लेम कर सकते हैं। 
  •  परंतु ध्यान रखें कि अगर आप स्कूल के बाहर ट्यूशन दे रहे हैं तो आप उसे इनकम टैक्स में क्लेम नहीं कर सकते। 
  • इसमें एक बात और ध्यान रखने वाली है कि मान लीजिए की चार बच्चे है, और आपकी पत्नी भी इनकम टैक्स पेयर है तो दो और जो बच्चे है, उनका ट्यूशन फी आपकी पत्नी क्लेम कर सकतीं हैं। 

Life Insurance 

  • अगर हम जीवन बीमा की बात करें तो यह एक ऐसा निवेश है जो हर किसी के पास होना चाहिए। लेकिन अगर आपके पास यह नहीं है तो यह सोचने वाली बात है कि आपके पास जीवन बीमा क्यों नहीं है। यह एक अच्छा निवेश है क्योंकि यदि आप अचानक किसी दुर्घटना के कारण काम करने में असमर्थ हो जाते हैं, तो जीवन बीमा आपको या आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार को कुछ वित्तीय सहायता प्रदान करता है। अगर आप अभी भी जीवन बीमा से अनजान हैं तो हम एक अलग लेख में इसके बारे में बात करेंगे।
  • जीवन बीमा में भी आप Section 80C का लाभ उठा सकते है, पर कितना इसके बारें में जानना बहुत जरूरी है। जीवन बीमा में आप सिर्फ जितना का कवर लेते है, उसका 10% प्रीमियम ही क्लेम कर सकते हैं। अगर हम इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करें तो मान लीजिए की इस बीमा का कवर 10 लाख है, तो आप सिर्फ इसका 10% मतलब 1 लाख ही 80C  के तहत क्लेम ले सकते हैं।
  • यह टर्म इंश्योरेंस में भी लागू है, यह एंडोमेंट और यूलिप में भी लागू है। 

80C Investment Options: लेकिन अब हम जानेंगे कि आप कहां अलग से निवेश करके Section 80C का लाभ उठा सकते हैं।

NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम)

  • इस लिस्ट में सबसे पहले NPS के बारें में जनेगें। NPS को  “नेशनल पेंशन सिस्टम” भी कहा जाता है। इसको सबसे पहले जानने की पहली खास वजह यह है कि यह EEE  की कैटोगरी में आता है इसका मतलब है, कि आप इसमें जितना भी पैसा जमा करेंगे उस पर भी टैक्स नहीं लगेगा और जमा पैसे पर जो ब्याज मिलेगा उस पर भी टैक्स नहीं लगेगा और जब आप इसे निकालेंगे तो उस पैसे पर भी टैक्स नहीं लगता है।  
  • ध्यान रखने वाली बात यह है कि आप केवल 60% पैसा ही निकाल सकते हैं और 40% पैसा “एन्युटी प्लान” में निवेश करना होगा, जिससे आपको अगले महीने से पेंशन के रूप में एक राशि मिलनी शुरू हो जाएगी। लेकिन आपको बता दें कि जो एन्युटी प्लान से मासिक धन प्राप्त होगा उसपर आपको टैक्स देना पड़ेगा।  
  • इसलिए NPS में निवेश करके जो पैसे लाभ प्राप्त करेंगे उसका 60% जब निकालेंगे उस पैसे तक ही सेक्शन 80C तक आता है, इसके अलवा जो 40% पैसे होंगे वो Section 80C में आप क्लेम नहीं कर सकते हैं।
  • इसमें एक और फायदा है जो किसी अन्य निवेश में नहीं है, आप Section 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की कटौती ले सकते हैं और 80CCC (1B) के तहत 50000 रुपये की कर कटौती का दावा भी कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आप सिर्फ NPS में 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं। 
  • लेकिन इसमें एक नुकसान यह है कि इसकी अवधि 60 साल तक है, यानी आप इससे पहले पैसा नहीं निकाल सकते।
  • क्योंकि यह सरकार द्वारा चलाई जाने वाली पेंशन योजना है, इसलिए इसे सबसे सुरक्षित माना जाता है। और इसमें आप इक्विटी में भी निवेश का चुनाव कर सकते हैं, तो अगर आप इसमें एक्विटी का निवेश का चुनाव करते है, तो आप अपने निवेशित राशि पर 8-10% ब्याज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

ELSS(इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम)

  • आगे हम बात करेंगे ELSS के बारे में जिसे “इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम” कहा जाता है जो एक Mutual Fund होता है। यह ऐसा म्युचुअल फंड है जिसमें निवेश करने पर सरकार आपको Section 80C का इनकम टैक्स डिडक्शन क्लेम करने की मौका देती है।
  • यह म्यूचुअल फंड EET कैटेगरी में आता है, यानी कि अगर आप इसमें निवेश करते हैं तो जो पैसे इसमें निवेश करेंगे उन पैसों पर आपको कोई टैक्स नहीं लगेगा। और इसमें मिलने वाले ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा, लेकिन जब आप इस म्यूचूअल फंड को पूरा हो जाने के बाद जब इससे पैसे बाहर निकलेंगे तो उस पैसे पर आपको टैक्स देना पड़ेगा।  
  • आप सोच रहे होंगे कि अगर इस पर टैक्स लगेगा तो इसमें निवेश करने से क्या फायदा होगा, तो आइए आपको बताते हैं। आप संभवतः बताए गए निवेशों में सबसे अधिक पैसा ELSS से कमा सकते हैं, क्योंकि इसमें उच्च रिटर्न है और इसका लॉकइन समय सिर्फ तीन साल का ही होता है, मतलब तीन साल बाद आप इस पैसे को अपने इच्छा अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं।  

सुकन्या समृद्धि योजना

  • सुकन्या समृद्धि योजना पर नजर डालें तो यह योजना उन माता-पिता के लिए है जिनकी बेटियां हैं। इस योजना में आप 250 रुपये प्रति माह से लेकर 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक निवेश कर सकते हैं। और यह योजना सरकार के अधीन चलती है, इसलिए यह एक सुरक्षित योजना है।
  • एक बात का ध्यान रखें कि जिस बेटी के लिए आप इस योजना में निवेश करना चाहते हैं उसकी उम्र 1 दिन से 10 साल के बीच होनी चाहिए।
  • इसमें आपको लगभग 8% का ब्याज मिलता है और इसका ब्याज हर साल बढ़ता और घटता रहता है।
  • हालाँकि, आप इस योजना में निवेश किया गया पैसा 21 साल से पहले नहीं निकाल सकते। लेकिन अगर किसी वजह से बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसों की दिक्कत हो, तो ऐसी स्थिति में 21 साल से पहले भी पैसा निकाला जा सकता है।
  • और यह EEE (Exempt, Exempt, Exempt) कैटेगरी में आता है, यानी जब आप पैसा जमा करते हैं तो जमा किए गए पैसे पर कोई टैक्स नहीं लगता है, और निवेशित पैसों से मिलने वाली ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है, इसके बाद जब यह निवेश पूरा हो जाता है तो इसकी निकासी पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है।

PPF(Public Provident Fund) 

  • PPF भी EEE (Exempt, Exempt, Exempt) की श्रेणी में आता है, और EEE का मतलब ऊपर की दो निवेश में बता चुके हैं।
  • यह 15 सालों का लॉक इन पीरियड के साथ निवेश किया जाता है और इसका इंटरेस्ट रेट भी लगभग 8% के आसपास रहता है।
  • PPF के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, क्योंकि अगर आपके खिलाफ कोई कोर्ट केस चल रहा है जिसमें कोर्ट ने आदेश दिया है कि आपकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जाए तो आपका जो भी निवेश होगा वह कोर्ट जब्त कर लेगा लेकिन PPF एक ऐसा निवेश है जिस पर कोर्ट भी रोक नहीं लगाता है इसलिए PPF को सबसे ज्यादा सुरक्षित निवेश माना जाता है। 

Exempt Taxable Exempt

आइए अब जानते हैं कुछ ऐसा जो ETE  (Exempt Taxable Exempt) की श्रेणी में आते हैं, जिसका मतलब है कि आप जो पैसा निवेश कर रहे हैं उस पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन उस निवेशित पैसे से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा। लेकिन निवेश पूरा हो जाने के बाद जब आप पैसा निकलेंगे, तो उस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।

इसमें सबसे पहले 5 साल की फिक्स्ड अवधि वाला FD है, और उसके बाद पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट है जो 5 साल के लिए लॉक होता है,  नेशन सेविंग सर्टिफिकेट जो 5 साल के लिए होता है, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना जो 5 वर्ष के लिए होनी चाहिए। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इन सभी को 5 साल के लिए लॉकइन समय अनिवार्य है, तभी इन निवेशों पर Section 80C के तहत क्लेम कर सकता है।

अभी यह सोच सकते हैं कि इन सब को सबसे लास्ट में क्यों रखा गया है, क्योंकि एक तो इन सबको 5 साल के लिए लॉक इन  पीरियड में रखना अनिवार्य है। उसके बाद यह पुराना निवेश हो चुका है, फिर भी इसमें “सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम” जो अभी भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।

और इन सबको लास्ट में जानने का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि इसमें आपको जो ब्याज मिलता है, उस पर भी टैक्स लिया जाता है। इन सबमें देखा जाए तो 5-7% ब्याज ही मिलता है, और इसमें भी आपसे 2-3% टैक्स के रूप में ले लिया जाता है, तो आपको 5-6% ब्याज का लाभ मिल पाता है। और अभी आप जानते ही है कि भारत की महगाई दर 5-6% है, तो अगर आप महगाई दर को ध्यान में रखकर अपनी लाभ देखें तो आप कोई लाभ प्राप्त नहीं कर पाए। तो क्या फायदा हुया इसमें निवेश करके, इसलिए ही इस सब को लास्ट में रखा गया है।

Investment OptionTax TreatmentLock-in PeriodKey Points
EPFEEE (Exempt Exempt Exempt)N/A– Deducted from salary<br>- No tax on investment, interest, or withdrawal
Home LoanEEEN/A– Principal amount and stamp duty/registration charges can be claimed<br>- Interest can also be claimed (though not discussed under Section 80C in detail)<br>- Specific to individuals with home loans
Children’s Tuition FeeEEEN/A– Tuition fees paid for children’s education can be claimed
Life InsuranceEEEN/A– 10% of premium on sum assured can be claimed under 80C
NPSEEEUntil 60 years– Tax deduction up to Rs 2 lakh under Section 80C and 80CCC (1B)<br>- 60% withdrawal allowed, rest invested in annuity plan (taxable)<br>- Government-run pension scheme
ELSS (Equity Linked Savings Scheme)EET (Exempt Exempt Taxed)3 years– Mutual fund with high returns<br>- No tax on investment or interest<br>- Taxed on withdrawal
Sukanya Samriddhi YojanaEEEUntil 21 years– For parents with daughters aged 1 day to 10 years<br>- Interest around 8%<br>- EEE category investment<br>- Partial withdrawal allowed for education
PPF (Public Provident Fund)EEE15 years– Considered safest investment<br>- No tax on investment, interest, or withdrawal
FD, Post Office Savings Account, NSC, Senior Citizen Savings SchemeETE (Exempt Taxable Exempt)5 years– Interest taxed<br>- Mandatory lock-in period of 5 years

इसीलिए कहा जाता है कि निवेश तो बहुत सारें हैं, लेकिन कौन सा निवेश सही है  और उसका चयन करना सबसे महत्वपूर्ण बात है, और यह आप में इसके बारें में सीखने और पढ़ने से आएगी। इसी तरह के आर्टिकल पढ़ने के लिए Tezkhabar24x7 साथ बने रहें और अपना ज्ञान बढ़ाते रहें।

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