जब भी हम टैक्स बचाने के बारे में सोचते हैं तो ज्यादातर लोग Section 80C के बारे में जानते हैं, जिसमें NPS और जीवन बीमा प्रीमियम के लिए Section 80C के तहत 1.5 लाख रुपये का दावा किया जा सकता है और इससे अधिक अगर आप Section 80CCD के तहत 50,000 रुपये का क्लेम लेते हैं, तो आप कुल मिलाकर 2 लाख रुपये का टैक्स बचा सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि Section 80C के अलावा और भी सेक्शन हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है, ताकि हम Income tax भी बचा सकें और फाइनैन्स की दुनिया में अपना ज्ञान भी बढ़ा सकें।
पर आज जिस क्षेत्र के बारे में हम बात करने जा रहे हैं वह आपको टैक्स सेविंग भी करवाएगा और आपको यह सिक्योरिटी और सेफ्टी भी दिवाएगा और आपको फाइनेंशियल मजबूत बने रहने में मदद करेगा।
What is Section 80D?
आज हम जिस धारा के बारे में बात करने जा रहे हैं वो Section 80D है। Section 80D का लाभ आप तभी उठा सकते हैं जब आप अपने या अपने परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस लेते हैं। भगवान न करे, लेकिन अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को कभी अस्पताल जाना पड़ जाए तो आज के महंगाई के दौर में न चाहते हुए भी काफी पैसा खर्च हो जाता है, जिसकी वजह से हम आर्थिक रूप से पिछड़ जाते हैं और कई बार कई तरह के बुरे कर्ज में फंस जाते हैं। जिससे निकल पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
इन सब से बचने के लिए मेडिकल इंश्योरेंस लेना काफी जरूरी हो जाता है। और जब आप मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम भरते हैं तो आप एक साल में जो प्रीमियम भरते हैं उसमें से 25 हजार तक आप Section 80D के तहत क्लेम कर सकते हैं।मेरी राय में, अब हर व्यक्ति को मेडिकल बीमा लेना चाहिए और अपने परिचितों को भी मेडिकल बीमा लेने का सुझाव देना चाहिए।
लेकिन हम भारतीय सोचते हैं कि अगर हम एक साल में बीमार नहीं पड़े तो जो पैसा हम मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी को देते हैं वो बर्बाद हो जाएगा। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो कुछ समय के लिए आपकी सोच सही है लेकिन मान लीजिए अगर ऐसी समस्या आ गई कि आपके परिवार में से किसी को अस्पताल जाना पड़ गया तो आपकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो जाएगी। उसके बाद अगर आपको पैसों की जरूरत पड़ी तो आप बहुत परेशान हो जाएंगे इसलिए मेरी राय में आपको मेडिकल इंश्योरेंस ले लेना चाहिए और यहां एक कहावत फिट बैठती है, “साहब, सिर मुंडाते ही ओले पड़ जाएंगे”।
अगर आपके मन में अभी भी यह सवाल है कि आपको मेडिकल बीमा लेना चाहिए या नहीं तो मेरा जवाब यही होगा कि आपको मेडिकल इन्श्योरेन्स जरूर लेना चाहिए।
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आइए हम Section 80D को एक कहानी के माध्यम से समझने का प्रयास करें ताकि किसी को इसे समझने में कोई परेशानी न हो।
आज हम इस कहानी के जरिए जिस परिवार के बारे में बात करने जा रहे हैं उसका नाम खोसला फैमिली है। इस परिवार में पांच सदस्य हैं जिनमें से इस परिवार के मुखिया मिस्टर खोसला हैं जिनकी उम्र 65 साल है और उनकी पत्नी का नाम मिस खोसला है और मिस खोसला की उम्र 58 साल है। उनके तीन बच्चे हैं, जिनमें बड़ा बेटा नौकरी करता है और दो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। खोसला शुरू से ही अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग रहे हैं। और वह अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करने जाते हैं।
लेकिन मिस्टर खोसला केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं, इसलिए वे CGHS के अंतर्गत आते थे। और वे अपने और अपनी पत्नी के लिए सरकार को प्रति वर्ष 20,000 रुपये देते थे। और उन्होंने अपने तीन बच्चों के लिए मेडिकल बीमा भी ले रखे हैं, जिसके लिए वे प्रति वर्ष 18,000 रुपये देते थे।
क्योंकि मेडिकल इंश्योरेंस लेना समझदारी भरा काम है, इससे आपका और आपके परिवार का भविष्य अच्छा बना रहता है। और सरकार भी इसे बढ़ावा देती है, इसीलिए सरकार Section 80D लेकर आई। ऐसा इसलिए ताकि लोग इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक हो सकें और Section 80D के तहत क्लेम लेकर अपने पैसे भी बचा सकें। लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि कैसे और कितना क्लेम किया जा सकता है और इसका क्लेम लेने के नियम और कानून क्या हैं। और जिन लोगों ने अभी तक मेडिकल इंश्योरेंस नहीं लिया है, उनसे हमारी गुजारिश है कि वे मेडिकल इंश्योरेंस जरूर लें।
अगर आपने मेडिकल इंश्योरेंस लिया है और आप Section 80D के तहत क्लेम का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप जो प्रीमियम दे रहे हैं उसका भुगतान नकद में न करें। अगर आप नकद भुगतान करते हैं तो आपको क्लेम नहीं दिया जाएगा।
Section 80D Limit:
इसमें आप अपने, अपनी पत्नी और अपने बच्चों के लिए प्रीमियम का दावा कर सकते हैं, लेकिन यहां एक नियम लागू होता है जिसे आपको जानना चाहिए। वह नियम यह है कि आप उन बच्चों के लिए दावा नहीं कर सकते जो आप पर निर्भर नहीं हैं। इसका निश्चित राशि 25 हजार है।
लेकिन अगर आपके परिवार में किसी की उम्र 60 साल है, आप या आपकी पत्नी या दोनों की उम्र 60 साल से ज्यादा है तो आप उनके लिए ₹50000 तक का क्लेम कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि वरिष्ठ लोगों के मेडिकल बीमा का प्रीमियम ज्यादा होता है, इसलिए उनका क्लेम भी ज्यादा होता है।
तो मिस्टर खोसला CGHS में अपने और अपनी पत्नी के लिए ₹20000 का भुगतान करते हैं और अपने तीन बच्चों के लिए मेडिकल बीमा के लिए ₹18000 का भुगतान करते हैं। मिस्टर घोसला की उम्र 65 वर्ष है, इसलिए एक वरिष्ठ नागरिक होने के नाते, वह Section 80D के नियमों के अनुसार ₹50000 तक का दावा कर सकते हैं। तो यहां, CGHS के लिए ₹20000 और स्वास्थ्य बीमा के लिए ₹18000 एक साथ ₹38000 होते हैं।
लेकिन यहां एक समस्या यह है कि मिस्टर खोसला का बड़ा बेटा कहीं नौकरी करता है, जिसके कारण वह आत्मनिर्भर कहलाएगा और Section 80D का नियम है कि जो बच्चा आत्मनिर्भर है उसका प्रीमियम क्लेम नहीं किया जा सकता है। तो अब मिस्टर खोसला केवल अपना, अपनी पत्नी और दो बच्चों का प्रीमियम ही क्लेम कर सकते हैं, मतलब कुल मिलाकर मिस्टर घोसला अब केवल ₹32000 प्रीमियम का दावा कर सकते हैं।
मान लीजिए आप, आपकी पत्नी और आपके बच्चे एक अलग परिवार हैं, और आपके माता-पिता भी एक अलग परिवार हैं। तो आप अपनी पत्नी और आप पर निर्भर अपने बच्चों के लिए 25,000 रुपये तक के एक साल के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का दावा कर सकते हैं, लेकिन अगर आप या आपकी पत्नी वरिष्ठ नागरिक हैं, तो यह दावा बढ़कर 50,000 रुपये हो जाएगा।
लेकिन अगर कोई अपने माता-पिता के लिए मेडिकल बीमा का प्रीमियम भरता है, तो आपका परिवार और आपके माता-पिता मिलकर कुल 75000 रुपये का दावा कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके परिवार में आप या आपकी पत्नी की उम्र 60 साल से अधिक है, तो अब आप Section 80D के तहत कुल 1 लाख रुपये का दावा कर सकते हैं।
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि बच्चों की तरह यह ज़रूरी नहीं है कि आपके माता-पिता आप पर आश्रित हों तभी आप उनके प्रीमियम का दावा कर सकते हैं। अगर वे आप पर आश्रित नहीं भी हैं तो भी Section 80D का नियम कहता है कि आप अपने माता-पिता के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम का दावा कर सकते हैं।
जब सरकार ने 2013 के बजट की प्रस्तुति से पहले सिफारिशें आमंत्रित की थीं, तो FIGI(Financial Instrument Global Identifier) ने सरकार को एक मजबूत सिफारिश दी थी। कि वह कुछ ऐसा करे जिससे लोगों को स्वास्थ्य जांच के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और लोग समय पर अपनी जांच करवा सकें, ताकि बीमारी का प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाया जा सके और सही समय पर उसका इलाज किया जा सके।
फिर सरकार ने 2013 के बजट में Section 80D में प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप को शामिल किया। इसकी अधिकतम सीमा 5000 रुपये रखी गई। इसका मतलब है कि आप चेकअप पर जो पैसा खर्च करेंगे, उसमें से आप Section 80D के तहत 5000 रुपये का क्लेम कर सकते हैं। और अगर आप खर्च किए गए पैसे का भुगतान नकद में करते हैं, तो भी आप क्लेम का लाभ उठा सकते हैं।
यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है कि आपको हेल्थ चेकअप के लिए अलग से 5,000 रुपये नहीं मिलेंगे। सेक्शन 80डी में दी गई 1 लाख रुपये की सीमा है उसी में ये 5,000 भी सामील है। प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप का आपको कोई अलग से लाभ नहीं दिया जाएगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि 5000 तो बहुत कम है, तो आपको बता दें की इसे सबसे पहले 2013 में लाया गया था इसलिए उस समय के अनुसार 5000 ठीक था। लेकिन मेडिकल इन्श्योरेन्स जो पहले 15000 और 30000 थे उसे बढ़ाकर 25000 और 50000 किया गया लेकिन प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप का जो कवर है उसके शुरुआत से अभी तक कोई बदलाव नहीं लाया गया है।
लेकिन 2018 में बजट में एक और बदलाव आया कि उस समय बहुत सारी स्वास्थ्य बीमा कंपनियां एक ही किस्त के जरिए बहुत सारा बीमा बेच रही थीं यानी आपको हर साल प्रीमियम भरने की जरूरत नहीं है आप एक साथ दो या तीन साल का प्रीमियम भर सकते हैं और इसका फायदा ग्राहक को ये मिल रहा था कि अब उन्हें हर साल प्रीमियम भरने की चिंता नहीं करनी पड़ती थी।
लेकिन इसमें दिक्कत ये थी कि टैक्सेशन के समय Section 80D की लिमिट 25 और 50 हजार थी और लोग हर साल प्रीमियम नहीं भर रहे थे और प्रीमियम की रकम ज्यादा थी तो इसका क्लेम मिलने में दिक्कत आ रही थी तो सरकार 2018 में इसका समाधान लेकर आई। आपका जो लमसम प्रीमियम है उसको आप भाग दे दो साल की संखिया से उसके बाद जो रिजल्ट आएगा उसका आप डिडक्शन Section 80D में ले लीजिएगा।
Deduction under section 80D
Scenario | Deduction Amount | Details |
Self, Spouse, and Dependent Children | Up to ₹25,000 | Premium paid for medical insurance for self, spouse, and dependent children. |
Self, Spouse, and Dependent Children (if any are senior citizens) | Up to ₹50,000 | Premium paid for medical insurance for self, spouse, and dependent children if the insured is above 60 years old. |
Parents (below 60 years) | Up to ₹25,000 | Premium paid for medical insurance for parents who are below 60 years old. |
Parents (above 60 years) | Up to ₹50,000 | Premium paid for medical insurance for parents who are above 60 years old. |
Self, Spouse, Dependent Children + Parents (below 60 years) | Up to ₹50,000 + ₹25,000 = ₹75,000 | Combined premium paid for medical insurance for self, spouse, dependent children, and parents who are below 60 years old. |
Self, Spouse, Dependent Children + Parents (if parents are senior citizens) | Up to ₹50,000 + ₹50,000 = ₹1,00,000 | Combined premium paid for medical insurance for self, spouse, dependent children, and parents who are above 60 years old. |
Preventive Health Checkups | Up to ₹5,000 (included in the overall limit) | Expenses on preventive health checkups can be claimed up to ₹5,000, included within the overall limits of ₹25,000/₹50,000/₹75,000/₹1,00,000 as applicable. |
Payment Method Restriction | – | Premium must not be paid in cash to avail the deduction. |
Lump Sum Premium Payment | Pro-rated deduction for the period covered | Lump sum premiums paid for multiple years can be divided by the number of years covered, and the resulting annual amount can be claimed under Section 80D. |
Example Breakdown:
- Mr. Khosla’s Situation:
- Age: 65 years (Senior Citizen)
- Premium for self and wife (CGHS): ₹20,000
- Premium for dependent children: ₹18,000
- Total claimable premium: ₹38,000
- Adjusted for self-reliant child: ₹32,000
- Separate Family Example:
- Non-senior citizens: Up to ₹25,000 for self, spouse, and dependent children.
- Parents (senior citizens): Additional ₹50,000.
- Combined potential claim: ₹75,000 (or ₹1,00,000 if either self or spouse is a senior citizen).
अब मेरे ख्याल से Section 80D को आपलोगों को अच्छे से समझ आ गया होगा।