जुलाई में जारी हुए NSE के New Circular को बहुत से लोगों ने नजरअंदाज किया होगा। यदि आप उनमें से एक हैं, तो यह जानना आपके लिए जरूरी है कि इसका प्रभाव अब आपके DMAGE अकाउंट पर दिखाई देगा। हम अब सितंबर में हैं, और यह समझना आवश्यक है कि यह New Circular विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो Futures और Options में ट्रेडिंग करते हैं।
New Circular की मुख्य बातें
NSE के इस New Circular में मुख्यतः कॉलेटरल के बारे में चर्चा की गई है। कॉलेटरल वह संपत्ति है, जिसका उपयोग आप पेडज करके मार्जिन प्राप्त करने के लिए करते हैं। यदि आपके पास कुछ ऐसे स्टॉक्स या ETFs हैं जिन्हें NSE ने मंजूरी नहीं दी है, तो आप उन्हें पेडज करके मार्जिन नहीं ले पाएंगे। इसका मतलब है कि अगर आपके पास ऐसे स्टॉक्स हैं, तो आपके ट्रेडिंग ऑप्शन में कमी आ सकती है।
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अगस्त में शुरू हुआ प्रभाव
इस New Circular का प्रभाव अगस्त से ही शुरू हो गया था, लेकिन अधिकांश लोगों को इसका अनुभव नहीं हुआ। समझने के लिए, आइए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए, आपके पास Reliance का स्टॉक या Nifty Bees ETF है, जिसकी कुल वैल्यू 1 लाख रुपये है। जब आप इसे पेडज करते हैं, तो आपको 20% की कटौती के बाद 80,000 रुपये मिलते हैं।
20% से 60% तक का बदलाव
लेकिन अब, उन 1000 स्क्रिप्ट्स पर, जिन पर पहले 20% कटौती थी, अगस्त से 40% की कटौती हो रही थी। सितंबर से यह कटौती बढ़कर 60% हो गई है। इसका मतलब यह है कि यदि आपके पास 1 लाख रुपये का स्टॉक है, तो आपको केवल 40,000 रुपये का मार्जिन मिलेगा, क्योंकि 60,000 रुपये की कटौती की जाएगी।
आगे का प्रभाव
इस बदलाव का प्रभाव और भी गहरा है। अक्टूबर में, यह कटौती 80% तक जाएगी और नवंबर में 100% तक। इसका मतलब यह होगा कि आप इन स्क्रिप्ट्स को पेडज नहीं कर पाएंगे, जिससे आपकी ट्रेडिंग की स्थिति में काफी बदलाव आएगा।
कौन से स्क्रिप्ट्स प्रभावित हैं?
इस New Circular में 1000 स्क्रिप्ट्स की लिस्ट है, जो NSE ने मंजूर नहीं की है। हमारी टीम ने इस लिस्ट को आपके लिए तैयार किया है, ताकि आप यह जान सकें कि क्या आपकी होल्डिंग इन स्क्रिप्ट्स में है।
म्यूचुअल फंड्स पर प्रभाव
बात करें म्यूचुअल फंड्स की, तो इनमें भी नियमों में बदलाव हुआ है। हालांकि, ज्यादातर ब्रोकर म्यूचुअल फंड्स को पेडज करने की अनुमति नहीं देते, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप इसके बारे में जानकारी रखें।
ETFs का स्थिति
जिन्हें ETFs में निवेश करना पसंद है, उन्हें भी इन बदलावों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि Auto ETFs, Gold ETFs और Silver ETFs इस लिस्ट में शामिल हैं।
विशेष रूप से मुस्लिम निवेशकों के लिए
शरिया बीज़ में निवेश करने वाले मुस्लिम निवेशकों के लिए यह खबर चिंताजनक हो सकती है। यदि आप इन ETFs में ट्रेडिंग कर रहे थे, तो अब आपको इसकी स्थिति का ध्यान रखना होगा।
समाधान क्या हैं?
1. पोर्टफोलियो रेशफ्लिंग: यदि आप Silver ETF में निवेश कर रहे थे, तो आप अपने निवेश को फिर से व्यवस्थित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप अपने Silver ETF को बेचकर Silver Bees खरीद सकते हैं। यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन यदि आपने हाल ही में निवेश किया है और मूल्य में गिरावट आई है, तो आपको नुकसान हो सकता है।
2. लंबी और छोटी अवधि के पूंजीगत लाभ: यदि आप लाभ में हैं, तो ध्यान रखें कि आपको लंबी अवधि और छोटी अवधि के पूंजीगत लाभ पर टैक्स देना होगा।
3. नए विकल्प चुनना: यदि आपको अपने स्टॉक्स में नुकसान हो रहा है, तो आप नए स्टॉक्स या ETFs पर विचार कर सकते हैं।
जागरूकता फैलाना जरूरी है
यह जानकारी न केवल ट्रेडर्स बल्कि सभी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है। NSE के New Circular को नजरअंदाज करना आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, इस ब्लॉग को अधिकतम लोगों के साथ साझा करें ताकि वे इस महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत हो सकें।
निष्कर्ष
अगर आप ट्रेड करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करें कि आप अपनी होल्डिंग की स्थिति की जांच करें और जरूरत के अनुसार अपने निवेश को फिर से व्यवस्थित करें। यदि आपके कोई सवाल हैं, तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं। इस जानकारी को फैलाकर और अधिक लोगों को जागरूक करें!
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