नया Direct tax code 2025: आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा?

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में घोषणा की है कि आयकर अधिनियम 1961 को पूरी तरह से खत्म करके नया “Direct tax code” लाने की योजना है। यह बदलाव 2025 में पेश होने वाले बजट से लागू हो सकता है। आइए जानते हैं कि यह बदलाव आप पर कैसे असर डाल सकता है और आपकी जेब पर इसका क्या असर होगा।

आयकर अधिनियम 1961: अब तक क्या था?

1961 में बना आयकर अधिनियम पिछले कई सालों में कई बदलावों के साथ लागू किया जा रहा था। इसमें एलआईसी पॉलिसी, स्वास्थ्य बीमा और पूंजीगत लाभ पर टैक्स में छूट जैसी कई छूट और कटौती मिलती थी। लेकिन, सरकार अब एक नया और सरल टैक्स कोड लाने जा रही है, जिसे Direct tax code कहा जा रहा है।

नया Direct tax code: क्या होगा नया?

Direct tax code को सरल और स्पष्ट बताया जा रहा है, लेकिन कई मुद्दों पर आम जनता के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस नए कोड के तहत कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं:

1. LIC पॉलिसी पर टैक्स: अभी तक LIC की मैच्योरिटी पर कोई टैक्स नहीं लगता था, लेकिन नए कोड के तहत आपको 5% फ्लैट टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए, अगर आपको LIC से ₹1 करोड़ की मैच्योरिटी राशि मिलती है, तो आपको ₹5 लाख टैक्स देना होगा।

2. टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी: अभी तक सबसे ज़्यादा टैक्स स्लैब 30% था, लेकिन नए Direct tax code में इसे बढ़ाकर 35% किया जा सकता है। यानी अगर आप हाई इनकम ग्रुप में आते हैं, तो आपको ज़्यादा टैक्स देना होगा।

3. कटौतियों और छूटों का खत्म होना: मेडिकल इंश्योरेंस, LIC और दूसरी तरह की कटौतियाँ जो मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट में मिलती थीं, वो सब खत्म हो जाएँगी। इसका मतलब है कि अब आपको फ्लैट टैक्स देना होगा, बिना किसी छूट के।

Direct tax code का शेयर बाज़ार पर असर

नए Direct tax code के तहत कैपिटल गेन्स (शेयर बाज़ार से होने वाली कमाई) को सामान्य आय माना जा सकता है। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी आय अधिक है, तो पूंजीगत लाभ पर भी 35% तक टैक्स लगाया जा सकता है। शेयर बाजार में निवेशकों के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि पहले पूंजीगत लाभ पर अलग-अलग टैक्स स्लैब थे।

हालांकि, कुछ सकारात्मक खबरें भी हैं। एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स) को खत्म करने की भी बात चल रही है। अगर एसटीटी खत्म होता है, तो शेयर बाजार के लिए यह राहत की बात हो सकती है। लेकिन, अगर पूंजीगत लाभ पर टैक्स बढ़ता है और एसटीटी नहीं हटाया जाता है, तो इससे निवेशकों के लिए और परेशानी खड़ी हो सकती है।

राजनीतिक चंदे पर कोई टैक्स नहीं!

आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि आम आदमी को जहां ज्यादा टैक्स देना होगा, वहीं राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे पर अभी भी कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस पर पहले भी कोई टैक्स नहीं था और भविष्य में भी कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे लोगों में असंतोष पैदा हो सकता है, क्योंकि आम जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ाया जा रहा है।

टीडीएस और टीसीएस का विस्तार

नए Direct tax code में एक और बड़ा बदलाव हो सकता है- सैलरी पर टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) और टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) को और अधिक लागू किया जा सकता है। इसका मतलब है कि आपकी आय पर पहले से ही टैक्स कट जाएगा और आपको सीधे टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन इस प्रक्रिया का असर आपकी सैलरी की शुद्ध राशि पर पड़ेगा।

आपके लिए इसका क्या मतलब है?

1. छोटी आय वालों को राहत: कहा जा रहा है कि नए कोड में ₹1 लाख तक की आय वालों को टैक्स में छूट मिल सकती है। लेकिन अभी यह सिर्फ चर्चा का विषय है और बजट के बाद ही इस बारे में पुख्ता जानकारी मिल पाएगी।

2. अधिक आय वालों के लिए मुश्किलें: अगर आपकी आय अधिक है, तो आपको 35% तक टैक्स देना होगा, जो पहले 30% था।

3. LIC और दूसरी पॉलिसी पर टैक्स: अगर आपने LIC, स्वास्थ्य बीमा या दूसरी बीमा पॉलिसी ली है, तो अब आपको मैच्योरिटी राशि पर भी टैक्स देना होगा।

4. शेयर बाजार के निवेशकों के लिए नई चुनौतियां: पूंजीगत लाभ पर टैक्स बढ़ सकता है, जिसके कारण आपको शेयर बाजार में निवेश करने की योजना बनाते समय अधिक सतर्क रहना होगा।

निष्कर्ष

नया Direct tax code 2025 आम आदमी के लिए कई बदलाव ला सकता है। एक तरफ जहां सरकार इसे सरल और स्पष्ट बता रही है, वहीं कई लोग इसे अपने लिए मुश्किल मान रहे हैं। हमें आने वाले महीनों में और जानकारी मिलेगी, लेकिन अभी से आपको अपनी वित्तीय योजना को ध्यान में रखते हुए तैयार रहना चाहिए।

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