भारत में पेंशन सिस्टम हमेशा से एक महत्वपूर्ण और चर्चित विषय रहा है, विशेषकर सरकारी कर्मचारियों के बीच। पेंशन सिस्टम में निरंतर बदलाव, पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) के बीच की बहस, और अब, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का आगमन इस क्षेत्र में एक नई क्रांति लेकर आया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने UPS का ऐलान किया, जिससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
पुरानी और नई पेंशन योजना का विवाद
नई पेंशन योजना (NPS) को 2004 में लागू किया गया था, लेकिन कई केंद्रीय कर्मचारियों ने इसका विरोध किया, क्योंकि उन्हें लगा कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) अधिक लाभकारी थी। OPS के तहत, कर्मचारियों को निश्चित राशि के आधार पर पेंशन मिलती थी, जबकि NPS में योगदान आधारित प्रणाली है, जो बाजार की उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है। इस विरोध के बीच केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा की है, जो NPS और OPS के बीच एक संतुलन स्थापित करने का प्रयास है।
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UPS के मुख्य बिंदु
1. एश्योर्ड पेंशन:
इस योजना के तहत, जिन केंद्रीय कर्मचारियों ने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की है, उन्हें उनके अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी के 50% के आधार पर पेंशन मिलेगी। जिनकी सेवा अवधि 10 साल से अधिक और 25 साल से कम होगी, उन्हें प्रपोर्शनल पेंशन मिलेगी।
2. एश्योर्ड फैमिली पेंशन:
यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को उसके अंतिम सैलरी के 60% के आधार पर पेंशन दी जाएगी। यह सुनिश्चित करता है कि परिवार आर्थिक रूप से सुरक्षित रहे।
3. एश्योर्ड मिनिमम पेंशन:
UPS के तहत, किसी भी कर्मचारी को कम से कम ₹10,000 मासिक पेंशन की गारंटी दी जाएगी, भले ही उनकी सेवा अवधि 10 साल से अधिक हो। यह न्यूनतम पेंशन उन कर्मचारियों के लिए है जिनकी सेवा अवधि छोटी होती है।
4. महंगाई भत्ता (DA):
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत पेंशनधारकों को महंगाई भत्ता भी दिया जाएगा, जो इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए तय किए गए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर होगा। यह महंगाई की बढ़ती दरों को देखते हुए पेंशनधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
5. ग्रेच्युटी और लम्पसम भुगतान:
सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को एक लम्पसम भुगतान भी मिलेगा, जो उनकी अंतिम सैलरी और महंगाई भत्ते के आधार पर होगा। यह भुगतान पेंशन से अलग होगा और पेंशन की राशि को कम नहीं करेगा।
UPS का क्रियान्वयन और प्रभाव
UPS को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। प्रारंभिक रूप से यह केवल केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू होगी, लेकिन राज्यों को भी इसे अपनाने का विकल्प मिलेगा। अगर राज्य यूनिफाइड पेंशन स्कीम को अपनाते हैं, तो इसका लाभ लगभग 90 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। UPS पुरानी पेंशन योजना के तहत रिटायर हो चुके कर्मचारियों को भी लाभ पहुंचाएगी। 2004 से 2025 के बीच रिटायर हुए कर्मचारी भी इसके तहत पेंशन प्राप्त करेंगे, और उनका एरियर भी ब्याज के साथ भुगतान किया जाएगा।
UPS से जुड़े लाभ और चुनौतियाँ
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को निश्चित पेंशन की गारंटी मिलती है, जो उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगी। इसके साथ ही, परिवार के सदस्यों के लिए भी पेंशन सुनिश्चित की गई है। हालांकि, यूनिफाइड पेंशन स्कीम का सफल कार्यान्वयन राज्यों पर निर्भर करता है, क्योंकि राज्य सरकारें इसे लागू करने के लिए स्वतंत्र होंगी।
UPS की यह नई योजना OPS और NPS के बीच की खाई को पाटने का प्रयास करती है। UPS में कर्मचारियों को दोनों योजनाओं के लाभ मिलते हैं, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
निष्कर्ष
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) एक बड़ी पहल है जो भारतीय पेंशन सिस्टम में महत्वपूर्ण सुधार ला सकती है। UPS का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को सेवा के बाद उचित वित्तीय सुरक्षा प्राप्त हो। यूनिफाइड पेंशन स्कीम ने लाखों कर्मचारियों को राहत की सांस दी है, और इसके क्रियान्वयन से पेंशन प्रणाली में सुधार की संभावना है।