UPI Circle Feature: A Revolutionary Change

आज के डिजिटल युग में नकद भुगतान की जगह UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भुगतान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। UPI के जरिए भुगतान करने वाले लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हालांकि, अभी तक UPI भुगतान करने के लिए बैंक खाता होना अनिवार्य था। इस कारण जिन लोगों के पास बैंक खाता नहीं था, वे इस सुविधा से वंचित रह जाते थे।

इस समस्या को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI सर्किल फीचर की शुरुआत की है। यूपीआई सर्किल उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो अब तक नकद भुगतान पर निर्भर थे और जिनके पास बैंक खाता नहीं था। इस फीचर के जरिए अब वे लोग भी यूपीआई भुगतान कर सकेंगे जिनके पास बैंक खाता नहीं है।

UPI सर्किल क्या है?

UPI सर्किल एक डेलिगेटिड पेमेंट फीचर है, जिसके जरिए आंशिक या पूर्ण भुगतान किया जा सकता है। इसके जरिए एक प्राइमरी यूजर (जिसके पास बैंक खाता है) अपने UPI अकाउंट को एक या उससे ज्यादा सेकेंडरी यूजर (जिनके पास बैंक खाता नहीं है) के साथ शेयर कर सकता है। प्राथमिक उपयोगकर्ता अपने यूपीआई खाते को अधिकतम पाँच लोगों के साथ साझा कर सकता है, जिससे उन लोगों को यूपीआई भुगतान करने का अवसर मिलता है जिनके पास बैंक खाता नहीं है।

यूपीआई सर्किल कैसे काम करता है?

UPI सर्किल में दो तरह के उपयोगकर्ता होते हैं – प्राथमिक और द्वितीयक। प्राथमिक उपयोगकर्ता का अपना बैंक खाता होता है और वह अपने यूपीआई खाते को द्वितीयक उपयोगकर्ताओं के साथ साझा कर सकता है। प्राथमिक उपयोगकर्ता द्वितीयक उपयोगकर्ताओं को कुछ सीमाओं के तहत भुगतान करने की अनुमति दे सकता है। ये सीमाएँ आंशिक या पूर्ण भुगतान पहुँच हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, एक प्राथमिक उपयोगकर्ता द्वितीयक उपयोगकर्ताओं को कुछ सीमित भुगतान विकल्प प्रदान कर सकता है, या उन्हें पूर्ण भुगतान पहुँच भी दे सकता है।

यूपीआई सर्किल में, द्वितीयक उपयोगकर्ता प्राथमिक उपयोगकर्ता की सहमति के बिना एक निर्धारित खर्च सीमा के भीतर लेनदेन कर सकता है। इसके लिए, द्वितीयक उपयोगकर्ता को ऐप पासकोड या बायोमेट्रिक विवरण के माध्यम से प्रमाणित करना होगा।

यूपीआई सर्किल नियम और सुरक्षा

यूपीआई सर्किल सुविधा में सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। द्वितीयक उपयोगकर्ता को प्रत्येक भुगतान के लिए ऐप पासकोड या बायोमेट्रिक विवरण प्रदान करना होगा। साथ ही, प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के हर ट्रांजेक्शन पर नज़र रख सकता है और अगर उसे किसी ट्रांजेक्शन पर संदेह होता है, तो वह उसे रोक सकता है। प्राइमरी यूजर द्वारा सेकेंडरी यूजर के लिए मासिक खर्च की सीमा ₹ 1,50,000 तय की गई है। इसके अलावा, UPI Circle में 24 घंटे का कूलिंग पीरियड भी है।

UPI Circle के लाभ

  • बैंक खाते की ज़रूरत नहीं: जिनके पास बैंक खाता नहीं है, वे भी यूपीआई के ज़रिए भुगतान कर सकते हैं।
  • आसान भुगतान शेयरिंग: माता-पिता अपने बच्चों के साथ UPI अकाउंट शेयर कर सकते हैं, जिससे वे डिजिटल भुगतान कर सकते हैं।
  • सुरक्षित लेनदेन: हर भुगतान के लिए ऐप पासकोड या बायोमेट्रिक विवरण की ज़रूरत होती है, जिससे सुरक्षा का स्तर बढ़ जाता है।
  • लेनदेन की निगरानी: प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के हर ट्रांजेक्शन पर नज़र रख सकता है और ज़रूरत पड़ने पर उसे रोक सकता है।
  • सीमित खर्च: प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के लिए मासिक खर्च की सीमा तय कर सकता है, जिससे अनियंत्रित खर्चों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

UPI Circle के संभावित उपयोग

UPI Circle फीचर का इस्तेमाल खास तौर पर उन लोगों के लिए फ़ायदेमंद साबित होगा जो अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए नकद भुगतान पर निर्भर थे। अब वे भी अपने दैनिक लेन-देन डिजिटल भुगतान के माध्यम से कर सकेंगे। यह खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे उनके जीवन में सुविधाओं का विस्तार होगा।

निष्कर्ष

UPI सर्किल फीचर डिजिटल भुगतान की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकता है। इसके जरिए वे लोग भी डिजिटल भुगतान के आधुनिक युग में कदम रख सकेंगे, जिनके पास बैंक खाता नहीं है। इस फीचर के जरिए भारत सरकार के डिजिटल इंडिया के विजन को और मजबूती मिलेगी।

निष्कर्ष रूप से, UPI सर्किल का यह नया फीचर डिजिटल वित्तीय समावेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें देश के हर नागरिक को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की क्षमता है।

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