IPL: क्रिकेट को हमेशा से ही एक रोमांचक खेल माना जाता रहा है जो दर्शकों को अपनी सीट से बांधे रखता है। और जब बात भारतीय क्रिकेट की आती है तो IPL जैसे टूर्नामेंट का नाम आते ही उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा, रोमांचक मैच और नए नियम दिमाग में आते हैं। हालांकि, अब लगता है कि यह रोमांच और भी बढ़ने वाला है, क्योंकि हाल ही में भारत में एक नया नियम लागू किया गया है, जो खेल के दौरान बल्लेबाज के आउट होने के तरीके से जुड़ा है।
यह बदलाव Women’s Premier League के एक मैच के दौरान हुआ, जिसमें आउट और नॉट आउट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। और अब उम्मीद की जा रही है कि शायद IPL में भी ऐसा ही नियम लागू किया जाएगा। तो आइए जानते हैं इस नए नियम के बारे में और कैसे यह क्रिकेट के खेल को और भी रोमांचक बना सकता है।
Table of Contents
WPL में नया नियम
WPL (Women’s Premier League) के मैचों में एक विवादित घटना घटी, जहां मुंबई और दिल्ली के बीच खेले गए मैच में विकेटकीपिंग और स्टंपिंग को लेकर कुछ गलत फैसले लिए गए। दरअसल, मैच के दौरान लाइट जलने तक बेल्स नहीं गिरी, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि बेल्स हटा दी गई हैं और बल्लेबाज आउट हो गया है। इस घटना ने अंपायरों के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए, क्योंकि बेल्स के जरा से हिलने पर ही बल्लेबाज को आउट करार दे दिया गया, जबकि हकीकत में बेल्स स्टंप्स से पूरी तरह अलग नहीं हुई थीं।
इससे यह साफ हो गया कि पुराने नियमों के मुताबिक, जब तक बेल्स स्टंप्स से पूरी तरह अलग नहीं हो जातीं, तब तक बल्लेबाज को आउट नहीं माना जाएगा। अब इस घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए WPL में एक नया नियम जोड़ा गया है, जिसे IPL में भी लागू किया जा सकता है।
नया नियम: बेल्स का पूरी तरह से गिरना जरूरी
नया नियम यह है कि पुराने नियम में, जिसमें बेल्स की लाइट जलते ही खिलाड़ी को आउट मान लिया जाता था, उसे बदल दिया गया है। अब यह तय किया गया है कि आउट देने से पहले यह देखा जाएगा कि बेल्स स्टंप से पूरी तरह अलग हुई हैं या नहीं। यानी जब तक बेल्स का संपर्क स्टंप से पूरी तरह टूट नहीं जाता,
तब तक खिलाड़ी को आउट नहीं माना जाएगा। इस नियम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आउट देने से पहले हर फ्रेम को ठीक से देखा जाए और कोई गलत फैसला न लिया जाए। इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि मैच के फैसले अंपायर की गलती की वजह से न हों, जिससे खेल के नतीजे पर असर पड़ सकता है।
IPL में लागू होने की संभावना
अब सवाल यह है कि क्या यह नया नियम IPL में भी लागू होगा? डब्ल्यूपीएल के बाद आईपीएल शुरू होने जा रहा है और अगर यह नियम IPL में भी जोड़ा जाता है तो यह दर्शकों के लिए एक नए तरह का रोमांच जरूर लेकर आएगा। IPL में पिछले कुछ समय में कई विवाद हुए हैं,
जब गेंद स्टंप्स पर लगती है तो बेल्स थोड़ी हिलती हैं, लेकिन लाइट्स नहीं जलती हैं। ऐसे में बल्लेबाज को नॉट आउट दे दिया जाता है, जबकि दर्शकों और खिलाड़ियों को लगता है कि वह आउट है। ऐसे विवादों से अक्सर मैच का रोमांच कम हो जाता है, लेकिन अगर IPL में यह नया नियम लागू किया जाता है तो ऐसे विवादों से बचा जा सकता है और सही फैसला लिया जा सकता है।
एलईडी बेल्स की तकनीकी खामियां
IPL और WPL दोनों ही टूर्नामेंट में एलईडी घंटियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिन्हें “जिंक्स बेल्स” कहा जाता है। इन घंटियों का मुख्य लाभ यह है कि ये हल्की चोट से भी आसानी से जल उठती हैं, जो पहले की लकड़ी की घंटियों की तुलना में कहीं ज़्यादा सटीक मानी जाती हैं। लेकिन इन एलईडी घंटियों में कुछ तकनीकी खामियाँ भी हैं।
पहले जब बेल्स लकड़ी की बनी होती थीं, तो उन्हें तब तक आउट नहीं माना जाता था, जब तक वे गिर न जाएँ। लेकिन एलईडी घंटियों में लाइट जलने के बाद ही खिलाड़ी को आउट माना जाता है, जिससे कई बार विवाद भी होता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली और मुंबई के बीच हुए मैच में जब विकेट कीपर ने उन्हें हल्का सा छुआ, तो बेल्स की लाइट जल उठी और अंपायर ने उन्हें आउट करार दे दिया। लेकिन अगर बेल्स पूरी तरह से नहीं गिरी होतीं, तो क्या यह फैसला सही था? यही सवाल था, जिसका समाधान इस नए नियम के ज़रिए किया गया है।
इस बदलाव का क्रिकेट पर प्रभाव
इस बदलाव का क्रिकेट के खेल पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा। पहले जब मैच में कोई विवाद होता था तो इसका मैच के रोमांच पर नकारात्मक असर पड़ता था। अब इस नए नियम के तहत अंपायरों को अधिक सटीकता के साथ निर्णय लेने का मौका मिलेगा, जिससे क्रिकेट की गुणवत्ता और रोमांच बढ़ेगा। इसके अलावा इस नियम के लागू होने से खिलाड़ियों और दर्शकों के बीच विश्वास भी बढ़ेगा, क्योंकि मैच के दौरान लिए गए निर्णय सही होंगे। इससे न केवल मैच का स्तर बढ़ेगा, बल्कि दर्शकों का खेल के प्रति प्यार भी बढ़ेगा।
निष्कर्ष
WPL में लागू किए गए नए नियम ने क्रिकेट के खेल को एक नई दिशा दी है। और अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यह नियम आईपीएल में भी लागू किया जा सकता है। यह बदलाव निश्चित रूप से क्रिकेट को और भी रोमांचक बनाएगा, और अंपायरों के फैसलों में और भी पारदर्शिता और सटीकता आएगी। अब देखना यह है कि आईपीएल से पहले इस नियम को किस तरह से लागू किया जाता है और क्या इससे खिलाड़ियों और दर्शकों के बीच खेल के प्रति भरोसा बढ़ेगा।
क्रिकेट के इस नए दौर में, जहां नियम बदल रहे हैं, वहीं खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों को एक नई उम्मीद और उत्साह का अनुभव होने वाला है। अब तक के फैसलों और विवादों को देखते हुए, यह बदलाव निश्चित रूप से स्वागत योग्य है और खेल के स्तर को और भी ऊपर ले जाएगा।
यह भी पढ़ें: New rule in IPL 2025: Aakash Chopra’s take on the bonus point system and its pros and cons