Rishabh Pant: आईपीएल (IPL) 2025 के ऑक्शन में Rishabh Pant का नाम जब सामने आया, तो पूरा क्रिकेट जगत चौंक गया। दो प्रमुख टीमों, दिल्ली कैपिटल्स और लखनऊ सुपरजाइंट्स, के बीच तीव्र बोली लगने के बाद Rishabh Pant को लखनऊ ने 27 करोड़ रुपये में खरीद लिया। हालांकि, दिल्ली के फैंस और क्रिकेट प्रेमी यह सोचने पर मजबूर हो गए कि अगर दिल्ली ने पंत को रिटेन करने के लिए इतनी बड़ी बोली लगाई तो फिर उन्हें रिटेन क्यों नहीं किया गया?
इस मामले को लेकर दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने स्पष्ट किया कि Rishabh Pant के जाने का कारण पैसा नहीं था, बल्कि दोनों के बीच विचारधारा का अंतर था। उनका कहना था कि हमारे और ऋषभ के बीच विचारधारा का अंतर बढ़ गया था, जिससे हमें अलग होने का फैसला करना पड़ा।” उन्होंने यह भी कहा कि टीम के मैनेजमेंट की सोच और पंत की सोच में अंतर था, और इस कारण यह निर्णय लिया गया।
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दिल्ली और ऋषभ के बीच मतभेद
आईपीएल में कोई भी निर्णय टीम के मालिकों, प्रबंधन और खिलाड़ी के बीच सामंजस्य से लिया जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। दिल्ली कैपिटल्स के कोनर पार्थ जिंदल ने कहा कि टीम के प्रबंधन और Rishabh Pant के बीच सबसे बड़ी समस्या यह थी कि दोनों की टीम को मैनेज करने की सोच अलग थी। जिंदल का कहना था कि उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की थी, लेकिन मतभेद इतने बढ़ गए थे कि उन्हें समझ में आ गया कि अब यह रिश्ता आगे नहीं बढ़ सकता।
दिल्ली कैपिटल्स ने Rishabh Pant को आरटीएम (Right to Match) के तहत बोली लगाने का मौका भी दिया, लेकिन बाद में वह यह समझ पाए कि शायद पंत का दिल्ली के साथ भविष्य नहीं है। हालांकि, यह भी देखा गया कि दिल्ली ने ऋषभ को रिटेन करने के लिए 20 करोड़ रुपये से अधिक की बोली लगाई थी, लेकिन जब बोली का आंकड़ा 27 करोड़ तक पहुंचा, तो दिल्ली ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसके बाद लखनऊ ने 27 करोड़ रुपये में पंत को खरीद लिया।
क्या था असल मुद्दा?
दिल्ली के कोनर पार्थ जिंदल ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि यह केवल पैसों की बात नहीं थी। दिल्ली और Rishabh Pant के बीच विचारधारा का अंतर था। जिंदल ने कहा, “हमारी और उनकी सोच में फर्क था। यह सिर्फ पैसे का मुद्दा नहीं था।” उन्होंने यह भी कहा कि रिटेंशन में ऋषभ के लिए दिल्ली ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन अंत में यह अंतर इतना बढ़ गया कि यह रिश्ता टूट गया।
रिटेंशन और ऑक्शन के बीच का यह खेल काफी दिलचस्प था। जब दिल्ली ने Rishabh Pant को रिटेन नहीं किया, तो यह सवाल उठना लाजिमी था कि आखिर क्यों? अगर रिटेंशन में 18 करोड़ रुपये के आसपास उन्हें मिल सकते थे, तो फिर इतनी बड़ी बोली क्यों लगाई गई? इसका जवाब यही था कि दिल्ली ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह पंत के साथ भविष्य की योजना में बदलाव करना चाहती थी।
कैप्टेंसी का मुद्दा
एक और महत्वपूर्ण पहलू जो इस पूरे मामले में सामने आया, वह था कैप्टेंसी का मुद्दा। दिल्ली में ऐसा कहा जा रहा था कि शायद Rishabh Pant को दिल्ली के कप्तान के रूप में बनाए रखने को लेकर दोनों के बीच विचारधारा का अंतर था। क्या दिल्ली पंत को कप्तान बनाना चाहती थी, या फिर वह चाहती थी कि पंत कप्तान पद से हटें? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है। हालांकि, पार्थ जिंदल ने यह स्पष्ट किया कि Rishabh Pant भारत के कप्तान हैं, और उन्हें कप्तानी छोड़ने का कोई कारण नहीं था।
दिल्ली के फैंस की प्रतिक्रिया
दिल्ली कैपिटल्स के फैंस के लिए यह स्थिति बिल्कुल भी सहज नहीं रही। दिल्ली के फैंस ने शुरू में यह माना था कि ऋषभ पंत का दिल्ली के साथ भविष्य बेहद उज्जवल होगा। उन्होंने उम्मीद की थी कि दिल्ली पंत को कप्तान बना कर टीम को नई दिशा देगी। लेकिन अब जब पंत को लखनऊ में देखा गया, तो फैंस को एक बड़ा झटका लगा।
फैंस का मानना था कि दिल्ली ने ऋषभ पंत को शायद पैसों की वजह से जाने दिया। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि इसके पीछे कोई वित्तीय कारण नहीं था, बल्कि यह एक विचारधारा का अंतर था जो अंततः दोनों पक्षों के लिए सही निर्णय में बदल गया।
Rishabh Pant का अगला कदम
ऋषभ पंत के लिए लखनऊ सुपरजाइंट्स में नई शुरुआत है। 27 करोड़ रुपये की बोली में खरीदी जाने के बाद, पंत के पास अपनी टीम के लिए अहम जिम्मेदारी निभाने का अवसर है। उनका अगला लक्ष्य यही होगा कि वह आईपीएल के इस नए अध्याय में अपनी टीम को सफल बनाए और अपनी पहचान को और मजबूत करें। पंत के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन उनके पास इस चुनौती को स्वीकार करने की पूरी क्षमता है।
निष्कर्ष
ऋषभ पंत का दिल्ली कैपिटल्स से जाना निश्चित रूप से आईपीएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। हालांकि पहले यह माना जा रहा था कि यह कदम पैसों के कारण उठाया गया था, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि इसके पीछे का कारण विचारधारा का अंतर था। दिल्ली के कोनर पार्थ जिंदल ने खुद इसे स्वीकार किया और कहा कि यह कोई वित्तीय मुद्दा नहीं था, बल्कि दोनों के बीच टीम के मैनेजमेंट को लेकर विचारधारा का अंतर था। अब जब ऋषभ पंत लखनऊ सुपरजाइंट्स का हिस्सा हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी नई यात्रा कैसे शुरू होती है और वह आईपीएल की दुनिया में क्या नया मुकाम हासिल करते हैं।
दिल्ली कैपिटल्स और ऋषभ पंत के बीच का यह संबंध खत्म हो चुका है, लेकिन क्रिकेट के खेल में इस प्रकार के फैसले हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं। समय के साथ ही हम यह देखेंगे कि यह फैसला दोनों के लिए कितना सही साबित होता है।
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