Team India’s lions fall in Ranji Trophy: Questions are being raised on their decline in form

Ranji Trophy: भारतीय क्रिकेट टीम के कई बड़े नाम घरेलू क्रिकेट में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। चाहे वो रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा जैसे सीनियर खिलाड़ी हों या ऋषभ पंत, शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़, और श्रेयस अय्यर जैसे युवा सितारे, Ranji Trophy के मौजूदा सीजन में इन सभी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा।

सुपरस्टार्स की फॉर्म ने किया निराश

Ranji Trophy के कुछ हालिया मैचों में भारतीय बल्लेबाजों की नाकामी ने फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स को हैरान कर दिया। कई खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा सिर्फ तीन रन बनाकर आउट हो गए। अगले विराट कोहली कहे जा रहे शुभमन गिल भी सिर्फ चार रन बनाकर आउट हो गए। ऋषभ पंत जिनकी कप्तानी की चर्चा हो रही है, वो भी सिर्फ एक रन बना सके। हालिया इंटरनेशनल सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले श्रेयस अय्यर पहली ही गेंद पर आउट हो गए। इस साल घरेलू और इंटरनेशनल क्रिकेट में शानदार फॉर्म में चल रहे यशस्वी जायसवाल सिर्फ चार रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

घरेलू क्रिकेट में हालात और खिलाड़ी

इन खराब प्रदर्शनों का सबसे बड़ा झटका यह है कि ये मुकाबले उन टीमों के खिलाफ खेले गए जो Ranji Trophy की सबसे मजबूत टीमों में नहीं मानी जातीं। उदाहरण के लिए, मुंबई ने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ मुकाबला खेला, लेकिन रोहित, जायसवाल और रहाणे जैसे खिलाड़ी खराब प्रदर्शन करते नजर आए।

  • रोहित शर्मा: 19 गेंदों में सिर्फ 10 रन
  • यशस्वी जायसवाल: 8 गेंदों में 4 रन
  • अजिंक्य रहाणे: 12 रन
  • श्रेयस अय्यर: 11 रन
  • शुभमन गिल: 8 गेंदों में 4 रन

दिल्ली की ओर से खेलते हुए ऋषभ पंत केवल 1 रन बना सके। चेतेश्वर पुजारा, जिनका घरेलू क्रिकेट में अनुभव शानदार रहा है, 21 गेंदों में सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए।

डोमेस्टिक क्रिकेट की जरूरत और खिलाड़ी की परीक्षा

इन प्रदर्शनों ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है: क्या भारतीय खिलाड़ियों को नियमित रूप से डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना चाहिए? खिलाड़ियों के फॉर्म में गिरावट को देखकर ऐसा लग रहा है कि लंबे फॉर्मेट में प्रदर्शन सुधारने के लिए उन्हें रणजी जैसे टूर्नामेंट में अधिक समय बिताने की आवश्यकता है।

क्या डोमेस्टिक क्रिकेट जरूरी है?
भारतीय खिलाड़ियों की मौजूदा स्थिति यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि ग्रीन टॉप और रैंक टर्नर पिचों पर खेलने का अनुभव इन खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया जाए। इससे न केवल उनकी तकनीक मजबूत होगी, बल्कि दबाव में खेलने की आदत भी डाली जा सकेगी।

टीम इंडिया की दिक्कतें

भारतीय टीम को हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में Ranji Trophy में खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन ने और चिंता बढ़ा दी है। एक तरफ टी20 टीम शानदार प्रदर्शन कर रही है, वहीं दूसरी तरफ टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ियों का संघर्ष साफ नजर आ रहा है। भारतीय बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में मिली हार की याद दिलाता है। बुमराह की अनुपस्थिति और बल्लेबाजों की खराब फॉर्म के कारण भारत वह अहम मुकाबला हार गया था। अब घरेलू क्रिकेट में इन बड़े नामों के प्रदर्शन को देखकर लगता है कि आने वाले समय में यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

खिलाड़ियों की जिम्मेदारी

भारत के दिग्गज बल्लेबाज जैसे रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा को उदाहरण पेश करना होगा। युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए सीनियर खिलाड़ियों को अपनी फॉर्म में सुधार करना बेहद जरूरी है। यह भी आवश्यक है कि युवा खिलाड़ी जैसे ऋषभ पंत, शुभमन गिल, और यशस्वी जायसवाल घरेलू क्रिकेट में निरंतर प्रदर्शन करें।

गौतम गंभीर पर सवाल या खिलाड़ियों पर फोकस?

पिछले कुछ समय में गौतम गंभीर को लेकर कई विवाद खड़े हुए हैं। हालांकि, मौजूदा स्थिति को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि समस्या गंभीर में नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन में है। गंभीर की आलोचना से ज्यादा जरूरी है खिलाड़ियों की तकनीकी और मानसिक तैयारी पर ध्यान देना।

Ranji Trophy : फॉर्म सुधारने का सबसे बड़ा मंच

भारतीय क्रिकेटरों के लिए Ranji Trophy जैसी प्रतियोगिताएं न केवल युवा खिलाड़ियों के लिए बल्कि अनुभवी खिलाड़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। घरेलू क्रिकेट खेलने से न केवल उनके खेल में सुधार होगा बल्कि वे युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेंगे। Ranji Trophy मौजूदा सीजन ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट में सुधार की जरूरत है। खिलाड़ियों को अपनी फॉर्म और तकनीक पर काम करना होगा। साथ ही चयनकर्ताओं को ऐसे खिलाड़ियों पर भरोसा करना चाहिए जो घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

आशा की किरण और आगे की राह

भारतीय क्रिकेट के लिए यह दौर भले ही मुश्किल हो, लेकिन आत्ममंथन का भी यह सही समय है। अगर भारतीय खिलाड़ी अपनी कमजोरियों पर काम करें और घरेलू क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन करें तो आने वाले समय में भारतीय टीम न सिर्फ घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी ताकत साबित कर सकती है।

फैंस को उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट के सितारे जल्द ही अपनी फॉर्म में लौटेंगे और भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। अगर खिलाड़ी Ranji Trophy से सीख लेकर अपनी तकनीक और मानसिकता में सुधार करते हैं तो अगली बार नतीजे अलग हो सकते हैं।

निष्कर्ष

भारतीय क्रिकेट के लिए यह आत्ममंथन और बदलाव का समय है। खिलाड़ियों को Ranji Trophy जैसे टूर्नामेंट का पूरा फायदा उठाना चाहिए और अपनी कमजोरियों पर काम करना चाहिए। बड़े नाम और पिछला प्रदर्शन ही काफी नहीं है, मौजूदा फॉर्म और तैयारी ही सफलता की कुंजी है। अब देखना यह है कि भारतीय टीम इन समस्याओं का समाधान कैसे करती है और अगले अंतरराष्ट्रीय मैचों में कैसा प्रदर्शन करती है। प्रशंसकों को उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट के ये शेर फॉर्म में लौटेंगे और क्रिकेट के हर फॉर्मेट में चमकेंगे।

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