2024 का बजट आ गया है। यह वह दिन है जब सरकार को व्यापारी की जेब से और पैसे निकालने का मौका मिलता है। साल भर में विभिन्न Tax के रूप में बहुत सारा पैसा पहले ही निकाल लिया जाता है, लेकिन जैसे ही उन्हें बजट का यह बहाना मिलता है, उन्हें कुछ और पैसे निकालने का मौका मिल जाता है।
अगर कोई मुझसे पूछे कि 2024 का बजट एक व्यापारी के लिए कैसा है, तो मैं कहूँगा कि बहुत अच्छा है, क्योंकि ऐसे फैसले जो जमीनी हकीकत से जुड़े नहीं हैं और व्यापारी की जेब से और पैसे खींचने का इतना बड़ा फैसला, जिसका मुनाफा पहले से ही कम है, शायद कुछ सालों बाद सरकार फिर से ऐसा फैसला न ले। इसलिए मैं खुश हूँ, क्योंकि अगर सरकार को वाकई खुदरा व्यापारी की चिंता होती, तो ऐसे फैसले नहीं लिए जाते।
इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि क्या निर्णय लिए गए हैं और Tax के रूप में आपकी जेब से कितना पैसा काटा जा रहा है और उस पैसे का क्या हो रहा है।
Table of Contents
Tax के बदलाव
1. एसटीटी (सिक्योरिटीज एंड ट्रांजैक्शन Tax):
– ऑप्शन ट्रेडिंग: पहले 0.0625% था, अब इसे बढ़ाकर 0.10% कर दिया गया है। मतलब 10,000 की प्रीमियम टर्नओवर पर जो पहले ₹6.25 एसटीटी के रूप में देते थे, अब ₹10 देना होगा।
– फ्यूचर्स ट्रेडिंग: पहले 0.0125% था, अब इसे बढ़ाकर 0.02% कर दिया गया है। मतलब 10,000 की प्रीमियम टर्नओवर पर जो पहले ₹1.25 देते थे, अब ₹2 देना होगा।
– लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी और एसटीसीजी): पहले शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15% Tax था, अब इसे 20% कर दिया गया है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 10% था, अब इसे भी बढ़ाकर 25% कर दिया गया है।
Tax के द्वारा सरकार की कमाई
सरकार ने एसटीटी से कितनी कमाई की है, इसका एक ग्राफ देख सकते हैं:
– 2019 में सरकार ने 528 करोड़ रुपए एसटीटी से कमाए थे।
– आज की तारीख में यह आंकड़ा करीब 2800-3000 करोड़ रुपए के बीच है।
– अगले साल यह आंकड़ा 40000 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है।
ट्रैडर्स का नुकसान
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में लोगों को होने वाले नुकसान का 28% हिस्सा एसटीटी और अन्य करों के रूप में गया। इसके अलावा ब्रोकरेज, जीएसटी, सेबी टर्नओवर फीस आदि भी है।
सवाल जो पूछने चाहिए
1. यह पैसा लग कहां रहा है? सरकार के द्वारा सिस्टम में, रेगुलेटरी सिस्टम में, इन्वेस्टर्स के लिए, उनकी अवेयरनेस के लिए, एजुकेशन के लिए क्या किया जा रहा है?
2. क्या टैक्सेशन की रेट बढ़ा देने से ट्रेडिंग का समाधान निकलता है?
3. एलटीसीजी और एसटीसीजी की बढ़ोतरी का लॉजिक क्या है?
Tax के विभिन्न प्रकार और उनका प्रभाव
Tax एक ऐसा ज़रूरी तत्व है जो सरकार चलाने और देश के विकास के लिए धन मुहैया कराता है। हालाँकि, टैक्स की दरें और उनके प्रकार आम जनता और कारोबारियों को प्रभावित करते हैं। आइए जानते हैं कि 2024 के बजट में विभिन्न प्रकार के टैक्स में किए गए बदलावों का कारोबारियों पर क्या असर होगा।
एसटीटी (सिक्योरिटीज एंड ट्रांजैक्शन टैक्स)
एसटीटी एक ऐसा Tax है जो सिक्योरिटीज के खरीद और बिक्री पर लगाया जाता है। 2024 के बजट में एसटीटी की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
– ऑप्शन ट्रेडिंग: पहले 0.0625% था, अब इसे बढ़ाकर 0.10% कर दिया गया है।
– फ्यूचर्स ट्रेडिंग: पहले 0.0125% था, अब इसे बढ़ाकर 0.02% कर दिया गया है।
एसटीटी की दरों में वृद्धि का सीधा प्रभाव व्यापारियों की लागत पर पड़ता है। ऑप्शन और फ्यूचर्स ट्रेडिंग में बढ़ी हुई दरों के कारण, व्यापारियों की लागत में वृद्धि होगी, जिससे उनका मुनाफा कम हो सकता है।
एलटीसीजी और एसटीसीजी (लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन)
एलटीसीजी और एसटीसीजी Tax उन लाभों पर लगाए जाते हैं जो निवेशकों को लंबे और छोटे समय के निवेश पर प्राप्त होते हैं:
– एलटीसीजी: पहले 10% था, अब इसे बढ़ाकर 25% कर दिया गया है।
– एसटीसीजी: पहले 15% था, अब इसे बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
इन कर दरों में वृद्धि का मतलब है कि निवेशकों को अपने मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा कर के रूप में सरकार को देना होगा। इससे निवेशकों का रिटर्न कम हो सकता है और निवेश के प्रति उनका उत्साह भी प्रभावित हो सकता है।
सरकार की कमाई और उसका उपयोग
सरकार ने एसटीटी से कितनी कमाई की है:
– 2019 में सरकार ने 528 करोड़ रुपए एसटीटी से कमाए थे।
– आज की तारीख में यह आंकड़ा करीब 2800-3000 करोड़ रुपए के बीच है।
– अगले साल यह आंकड़ा 40000 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है।
सरकार की प्राथमिकताएँ
सरकार की आय का एक बड़ा हिस्सा करों से आता है। लेकिन सवाल यह है कि इस पैसे का निवेश कहां किया जा रहा है? क्या इस पैसे का इस्तेमाल निवेशकों और व्यापारियों के हित में किया जा रहा है? क्या सरकार इस पैसे का इस्तेमाल निवेशकों की शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए कर रही है?
ट्रैडर्स का नुकसान और सुधार के उपाय
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में जिन लोगों ने नुकसान किया उनमें से 28% एसटीटी और अन्य Tax के रूप में गया। इसके अलावा, ब्रोकरेज, जीएसटी, सेबी की टर्नओवर फीस आदि भी होती हैं।
सुधार के उपाय
1. टैक्स दरों का पुनर्मूल्यांकन: सरकार को चाहिए कि वह Tax दरों का पुनर्मूल्यांकन करे और उन्हें व्यापारियों के लिए सहनशील बनाए।
2. निवेशकों की शिक्षा: सरकार को निवेशकों की शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम चलाने चाहिए।
3. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की सुविधा: सरकार को ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स को और अधिक सुविधा प्रदान करनी चाहिए ताकि व्यापारियों का काम आसान हो सके।
निष्कर्ष
बजट 2024 ट्रेडर्स और निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण समय लेकर आया है। बढ़ती कर दरें और सरकारी प्राथमिकताएँ ट्रेडर्स की जेब पर भारी पड़ रही हैं। ट्रेडर्स और निवेशकों को इस बदलते परिदृश्य के अनुकूल होने की ज़रूरत है। इस पर आपका क्या विचार है? आपके ट्रेडिंग और निवेश पर इसका क्या असर होने वाला है? हमें कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताएँ।