आज शहर बाजार में Tata Motors एक प्रमुख चर्चा का विषय बनी हुई है। बुधवार के सत्र में Tata Motors के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली, और यह 978 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। निवेशकों को यह एक तगड़ा झटका लगा है। इस गिरावट के पीछे क्या कारण हैं, और निवेशकों को इस स्थिति में क्या करना चाहिए? आइए इस वीडियो में पूरी खबर और विश्लेषण पर गौर करते हैं।
बाजार में गिरावट के कारण
सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि बाजार में इतनी बड़ी गिरावट आई क्यों। ब्रोकरेज फर्म यूबीएस ने Tata Motors के शेयरों को बेचने की अपनी राय दोहराई है और इसके शेयरों के लिए 825 रुपये का टारगेट प्राइस बरकरार रखा है। यह मौजूदा स्तर से 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट का संकेत देता है। लेकिन यूबीएस की राय आखिर कैसे बनी?
यूबीएस की रिपोर्ट
यूबीएस ने अपनी रिपोर्ट में ब्रिटिश सब्सिडियरी जॉगलैंड रोवर (JLR) और भारत के प्रेजेंट व्हीकल सेगमेंट में कंपनी के मार्जिन में गिरावट के जोखिम का उल्लेख किया है। यूबीएस का कहना है कि JLR के प्रमुख प्रीमियम मॉडल्स, जैसे डिफेंडर, रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट की बिक्री में सुस्ती दिखनी शुरू हो गई है। इन मॉडलों की ऑर्डर बुक अब कोविड से पहले के स्तर पर आ गई है, जिससे रेंज रोवर पर डिस्काउंट की संभावना बढ़ जाती है।
इसके अलावा, यूबीएस ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या JLR के बढ़ते डिस्काउंट्स से निवेशकों को चिंता होनी चाहिए। पिछले कुछ समय से JLR के प्रीमियम मॉडल्स की मजबूत बिक्री ने Tata Motors के एवरेज सेलिंग प्राइस को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन अब मांग में गिरावट का असर कंपनी के मार्जिन पर पड़ता दिख सकता है।
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Tata Motors की वर्तमान स्थिति
Tata Motors के शेयर पिछले नौ कारोबारी सत्रों से लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। जुलाई में महीने के बाद, सितंबर में पहली बार Tata Motors के शेयर 1000 रुपये के भाव से कम हुए हैं। ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के बाद, Tata Motors की परफॉर्मेंस में और भी गिरावट आई है। एक महीने में इसने करीब 95 प्रतिशत गिरावट देखी है, जबकि छह महीने में 20 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई है। इस साल अब तक, Tata Motors के शेयरों ने 10 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि की है, लेकिन एक साल में इसने निवेशकों को 53.97 प्रतिशत का तगड़ा रिटर्न दिया है।
फेस्टिवल ऑफ कार्स और छूट
10 सितंबर को एक खबर आई थी कि ऑटो कंपनियों में Tata Motors अपनी गाड़ियों पर ₹1 लाख तक की छूट दे रही है। कंपनी ने इसके लिए ‘फेस्टिवल ऑफ कार्स’ नाम से एक अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य फेस्टिव सीजन में कारों की बिक्री बढ़ाना है। इस छूट का लाभ 31 अक्टूबर तक, यानी दिवाली तक उपलब्ध रहेगा।
बढ़ती इन्वेंट्री और प्रोडक्शन में कटौती
हाल ही में एफडीए की रिपोर्ट के अनुसार, डीलरों के पास भारी इन्वेंटरी जमा हो गई है, जिसकी वजह से कई कंपनियों को प्रोडक्शन में कटौती करनी पड़ रही है। अगस्त महीने के अंत में, डीलर्स के पास 800 करोड़ रुपये की पैसेंजर व्हीकल्स की इन्वेंटरी थी, जो पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट के लिए ऑल-टाइम हाई पर है। इसे क्लियर करने के लिए कंपनियों ने बड़े डिस्काउंट ऑफर निकाले हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अब सवाल यह है कि निवेशकों को इस स्थिति में क्या करना चाहिए? यूबीएस ने Tata Motors के शेयरों को ‘सेल’ रेटिंग दी है और 825 रुपये के टारगेट प्राइस की बात की है। इसका मतलब है कि और भी गिरावट आने की संभावना है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश को होल्ड करें और बाजार के हालात पर ध्यान दें।
भविष्य की संभावनाएं
Tata Motors के शेयरों में गिरावट के बावजूद, आने वाले समय में कुछ महत्वपूर्ण ट्रिगर्स हो सकते हैं। अगर Tata Motors 825 रुपये के स्तर पर पहुंचती है, तो इसका मतलब होगा कि बाजार की स्थिति बहुत खराब है। वर्तमान में 900 रुपये का लेवल भी काफी अहम है। अगर यह लेवल भी आ जाए, तो 950 रुपये का लेवल भी अच्छा साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
इस तरह की गिरावट के बावजूद, निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए। सही समय पर सही निर्णय लेना जरूरी है। भारतीय बाजार में किसी भी निवेश से पहले अपने सेबी रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लेना न भूलें। अगर आपके पास इस विषय पर कोई सवाल या सुझाव है, तो कृपया कमेंट करके बताएं।
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