Suzlon Energy: इन दिनों शेयर बाजार में Suzlon Energy के शेयर की खूब चर्चा हो रही है। पिछले तीन सालों में इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन पिछले एक महीने से यह शेयर एक दायरे में अटका हुआ है। अब सवाल उठता है कि इसका भविष्य क्या होगा? क्या निवेशकों को अभी मुनाफावसूली करनी चाहिए, या इंतजार करना चाहिए? आइए इस रिपोर्ट में इस पर चर्चा करते हैं।
Suzlon Energy का शानदार रिटर्न Suzlon Energy ने पिछले एक महीने में 4% का रिटर्न दिया है। वहीं अगर पिछले 6 महीनों की बात करें तो इसने 110% का रिटर्न दिया है। 1 साल में इसने 215% का रिटर्न दिया है और पिछले 3 सालों में इसने 1185% का रिटर्न दिया है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी निवेशक ने तीन साल पहले इसमें 1 लाख रुपये का निवेश किया होता तो उसके पास अब करीब 18.5 लाख रुपये होते। यह अपने आप में काफी प्रभावशाली है। मॉर्गन स्टेनली रिपोर्ट: सुजलॉन का भविष्य
मॉर्गन स्टेनली ने हाल ही में Suzlon Energy पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में उन्होंने सुजलॉन का लक्ष्य मूल्य बढ़ाकर ₹88 कर दिया है, जो पहले से 8% अधिक है। हालांकि, वैश्विक ब्रोकरेज हाउस ने इस शेयर की रेटिंग घटाकर ‘ओवरवेट’ कर दी है। इसका मतलब है कि अब इस शेयर में और निवेश की सलाह नहीं दी जाती, लेकिन इसके भाव अभी भी बढ़ सकते हैं।
Suzlon Energy की मजबूती का कारण
Suzlon Energy की सफलता के पीछे कई कारण हैं। कंपनी की ऑर्डर बुक अब तक की सबसे बड़ी है, जो 5 गीगावाट के करीब है। साथ ही, कंपनी की बैलेंस शीट भी मजबूत है, और परिचालन से नकदी प्रवाह भी अच्छा दिख रहा है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी 35% से बढ़कर 40% होने की उम्मीद है, जो इसे और भी मजबूत स्थिति में पहुंचाती है।
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नवीकरणीय ऊर्जा में सुजलॉन का भविष्य
भारत में मोदी सरकार नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है, और इससे भविष्य में Suzlon Energy को और भी बड़ा फायदा हो सकता है। साथ ही, Suzlon Energy का मूल्यांकन अन्य अक्षय ऊर्जा कंपनियों की तुलना में सस्ता दिखता है।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, Suzlon Energy का मूल्य-से-आय (पीई) अनुपात 17 है, जबकि इसकी प्रतिस्पर्धी ऑक्स विंड का पीई अनुपात 32 है। इसका मतलब यह है कि भले ही सुजलॉन ने अच्छा रिटर्न दिया हो, लेकिन इसके शेयर की कीमत अभी भी सस्ती है।
बैलेंस शीट और ऋण की स्थिति
कंपनी की बैलेंस शीट पर नजर डालें तो इसमें 249 करोड़ रुपये की नकदी है और इसका ऋण-से-इक्विटी अनुपात केवल 0.03% है, यानी कंपनी पर ऋण का बोझ बहुत कम है। यह निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी वित्तीय रूप से मजबूत है।
निवेशकों के लिए सलाह
अगर आपने पहले से ही Suzlon Energy में निवेश किया है, तो बाजार के विशेषज्ञों की सलाह है कि आपको जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। कंपनी में अभी भी बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं, खासकर तब जब सरकार अक्षय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है और कंपनी की बैलेंस शीट भी मजबूत है।
निष्कर्ष
Suzlon Energy के शेयर में हाल के दिनों में थोड़ी स्थिरता आई है, लेकिन इसका भविष्य अभी भी उज्ज्वल दिख रहा है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्दबाजी से बचें और अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।
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