Silence 2 Movie Review साइलेंस 2 – द नाइट आउल बार शूटआउट है, इस फिल्म में मनोज बाजपेयी , प्राची देसाई और श्रुति बापना मुख्य किरदार की भूमिका निभाते हैं, Silence 2 फिल्म में हमे मनोज बाजपेयी , प्राची देसाई और श्रुति बापना के साथ-साथ साहिल वैद, वकार शेख , दिनकर शर्मा , पारुल गुलाटी , चेतन शर्मा , और नीना कुलकर्णी जैसे स्टार्स भी शामिल है।
Silence 2 फिल्म के लेखक अबान देवहंस और सनी शर्मा ने किया है, और Silence 2 फिल्म के निर्देशक अबान देवहंस हैं, इस फिल्म के निर्माता किरन देवहंस हैं। इस फिल्म की ऑफिसयल साइट जी5 है। Silence 2 फिल्म 16 अप्रैल 2024 को रिलीज़ हुआ। इस फिल्म को लेकर बहुत सारी बाते सोसल मिडिया पर आ रही है। आइए अब हम आगे जाने, क्या ये फिल्म बॉक्सऑफिस पर हिट कर पाएगी, या नहीं। और tezkhabar24x7 के साथ बने रहे।
Silence 2 Movie
कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन के समय, जी5 पर रिलीज हुई फिल्म ‘साइलेंस – कैन यू हियर इट?’ बहुत अच्छी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी। फिल्म में ऐसा कुछ खास नहीं था कि इसका सीक्वल बनाया जाए या फिर इसकी फ्रेंचाइजी बढ़ाई जाए। मनोज बाजपेयी का कहना है कि Silence 2 को बनाने की ज़रूरत इसलिए पड़ी थी क्योंकि दर्शकों की भारी मांग थी।
हालांकि, अगर ऐसा है तो दर्शकों को निराशा भी हो सकती है। Silence 2 में बहुत ज्यादा संवाद है, जिससे लगता है कि कलाकार अपराध की तफ्तीश करने की बजाय एक दूसरे को बता रहे हैं। इसका इर्द-गिर्द कुछ वेद प्रकाश पाठक और ओम प्रकाश शर्मा के उपन्यासों की तरह का माहौल है। फिल्म Silence 2 में मसाले भी हैं, जो कुछ लेखकों के जासूसी उपन्यासों की तरह हैं।
Silence 2 Movie 2024
कहानी एसीपी अविनाश वर्मा की है। वह पुलिस विभाग में सहायक पुलिस आयुक्त है। उन्हें तीन पुलिस इंस्पेक्टर्स और एक हवलदार मिला हुआ है, जो एक 24 घंटे चलने वाली स्पेशल यूनिट के लिए हैं। उन्होंने काम को अपने तरीके से किया। और उन्हे फोरेंसिक विभाग में काम करने वाले न्यू मिलेनियल्स से प्रभावित भी किया जाता है। वह अपनी बेटी के साथ फोन पर लंबी बातें करते हैं। उन्हें शेरो शायरी का शौक है। उन्हें राह चलते बेटियों की रक्षा करने का भी अंदाजा है। और, अगर किसी बेटी की हत्या हो जाती है, तो वह कुछ ज्यादा ही ‘इमोशनल’ हो जाते हैं।
कहानी एक बार में हुई हत्याओं से शुरू होती है। इस कहानी का सेटअप बहुत रोचक है, और निर्देशक दिखाता है कि कहानी कुछ और है, यह फॉर्मूला उनकी पिछली फिल्म ‘साइलेंस’ में भी था। इस बार, अपराध की तफ्तीश एक सियासी हत्या से शुरू होती है। क्योंकि एसीपी को इस घटना का दूसरा दृष्टिकोण नजर आता है। जब ताजा खून शरीर से निकलते हैं, तो उन्हें मामले का असली राज पता चलता है। राजस्थान पुलिस के एक इंस्पेक्टर को भी एक लाश मिलती है, जिसके बारे में उनसे मदद मांगते हैं। और, इसके बाद उनकी कहानी में रोमांच बढ़ता जाता है।
फिल्म Silence 2 के बारे में किरण देवहंस ने काम बहुत अच्छे से किया है, लेकिन वह चाहती थी कि कहानी लीक न हो जाए, इसलिए सभी काम वह अपने घर पर ही करने का प्रयास किया करती । वे एक प्रमुख सिनेमैटोग्राफर हैं और उनके पति भी इस फिल्म के निर्माता हैं। उनकी बेटी तानिया देवहंस क्रिएटिव हेड हैं और उनके पिता देव देवहंस स्क्रिप्ट सुपरवाइजर हैं। इस सस्पेंस थ्रिलर में एक अंतर्धारा बच्चों के नजरिए से भी दिखाया गया है, जिन्हें बचपन में उपेक्षित किया गया था।
हॉस्टल में भेजे गए बच्चों का शारीरिक उत्पीड़न और घर में ही दुत्कार दिए गए बच्चों का मानसिक उद्वेलन, फिल्म Silence 2 का अच्छा आधार है, लेकिन इसकी लेखन-निर्देशन टीम इसे पूरी तरह से सही तरीके से प्रस्तुत नहीं कर पाई है। फिल्म में एक और मुद्दा है कि यह फिल्मों में काम दिलाने के बहाने ‘कुआंरी’ किशोरियों के सौदागरों की चर्चा की जाती है। यह एंगल भी इस सस्पेंस थ्रिलर को और रोचक बना सकता था, लेकिन कहानी यहां भी रफ्तार में नहीं आ पाती। फिल्म की निर्देशक अबान ने कोशिश बहुत अच्छी की है, लेकिन एक ठोस पटकथा की कमी में Silence 2 एक औसत सस्पेंस थ्रिलर से आगे नहीं जा पाती।
Silence 2 Movie Story
मनोज बाजपेयी ओटीटी जी5 के प्रिय कलाकार हैं। ‘सिर्फ एक बंदे ने जी5 की ब्रांडिंग को बेहतर करने में बहुत बड़ी मदद की, लेकिन जी5 को ध्यान यह रखना चाहिए, कि मनोज बाजपेयी के प्रशंसकों से दर्शको को बहुत भरोसा है। और, मनोज को भी अपनी तारीफ दिल पर नहीं लेनी चाहिए। अगर एसीपी अविनाश पहली फिल्म में बिटिया की भेजी अतरंगी वाक्यों वाली टी शर्ट पहनता है।
तो दूसरी फिल्म में वह ऐसा क्यों नहीं करता? न निर्देशक बताती हैं और न एसीपी अविनाश। मनोज बाजपेयी की उम्र हो चली है, और उनकी कद बड़ी है, उसके मुताबिक एक्शन फिल्म को बनाने के लिए अब हिंदी सिनेमा के एक्शन निर्देशकों को कुछ नया सोचना चाहिए। लियाम नीसन की फिल्में इस बारे में संदर्भ सुझा दे सकती हैं। किसी को गाली देकर 54 साल के शख्स को एंग्री ओल्ड मैन बनाना ठीक नहीं है। मनोज की अदाकारी से संगत बिठाने वाले ऐसे किरदारों का रूप रंग कुछ तो अलग सजाना चाहिए।
पिछली बार चूंकि मामला नया नया था, इसलिए साहिल वैद और वकार शेख के किरदारों पर दर्शकों ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन, इस बार ध्यान देकर भी देखें तो दोनों फिल्म Silence 2 की कहानी में अपराध की तफ्तीश में ज्यादा कुछ योगदान करते दिखते नहीं है। इन दोनों से बेहतर किरदार इस बार फोरेंसिक लैब में काम करने वाले युवक का है, या फिर राजीव सिंह का किरदार करने वाले कलाकार का। राजीव की बीवी बनी पारुल गुलाटी के किरदार के रंग जिस तरह बदलते हैं, वे भी गौर करने लायक हैं।
फिल्म में प्राची देसाई की मौजूदगी भी इस बार ‘जस्टीफाई’ नहीं होती। उनके संवाद भी बहुत किताबी तरीके से लिखे गए हैं। कोई बात समझाने से पहले अंग्रेजी में एक लाइन जोड़ना बहुत ही नाटकीय लगता है। फिल्म Silence 2 में एक गाने की दो लाइनें भी हैं। सिनेमैटोग्राफी में पूजा गुप्ते ने कितनी मेहनत की और कितनी मेहनत पोस्ट प्रोडक्शन में की गई है, सब बारिश में बहते पानी जैसा हो गया है। इतना भी क्या फोटोशॉप करना! फिल्म Silence 2 को देखने के लिए दर्शक उत्साहित थे, पर अब उनका सारा उत्साह ख़तम हो गया।