Fed Reserve cuts Interest Rates: What’s the Share Market Buzz and What Should Investors do?

अमेरिका के सेंट्रल बैंक, फेड रिजर्व ने 45 साल बाद ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। यह एक ऐतिहासिक कदम है, जिसने वैश्विक Share Market में हलचल मचा दी है। इस साल के अंत तक फेड ने और भी कटौती करने का संकेत दिया है, जिससे बाजार में और उत्साह बढ़ने की उम्मीद है। इसके साथ ही, 2025 में एक फीसद और अगले साल 50 बेसिस पॉइंट की कटौती का भी वादा किया गया है।

बाजार ने इस खबर पर जोरदार ओपनिंग की, लेकिन बाद में बाजार धीरे-धीरे निचले स्तर पर आता दिखा। इसका कारण क्या है, और निवेशकों को इस माहौल में कैसे रणनीति बनानी चाहिए? आइए, इसपर चर्चा करते हैं।

 Share Market की प्रतिक्रिया

जब भी ब्याज दरों में कटौती होती है, तो बाजार में उत्साह देखा जाता है, लेकिन इस बार शुरुआती तेजी के बाद अचानक गिरावट आ गई। फेड की घोषणा के बाद अमेरिका के डाउ जोन्स में 450 पॉइंट तक की बढ़त देखी गई, लेकिन बाद में यह गिरकर 125 पॉइंट नीचे बंद हुआ। भारत में भी बाजार में अच्छी तेजी दिखी, लेकिन धीरे-धीरे निफ्टी और बीएसई दोनों में गिरावट दर्ज हुई।

 Share Market क्यों घबराया?

बाजार को अगला बड़ा ट्रिगर सितंबर की तिमाही के नतीजों से मिलने की उम्मीद है। हालांकि, तिमाही नतीजों को लेकर जो उम्मीद थी, वह अब तक पूरी नहीं हुई है। निवेशक अभी इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि क्या भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अक्टूबर या दिसंबर में फेड की तर्ज पर ब्याज दरों में कटौती करेगा। अगर ऐसा होता है, तो बाजार में फिर से उछाल देखने को मिल सकता है।

 मिडकैप और स्मॉलकैप सेक्टर में गिरावट

मिडकैप और स्मॉलकैप सेक्टर में भारी गिरावट देखने को मिली है। निवेशकों का कहना है कि Share Market रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, लेकिन उनके पोर्टफोलियो में गिरावट जारी है। इसका मुख्य कारण यह है कि इन सेक्टरों में ओवरऑनरशिप हो गई है। जब सब एक साथ बेचते हैं, तो शेयर की कीमत तेजी से गिरती है। 

 क्या यह गिरावट जारी रहेगी?

यह करेक्शन कुछ दिन और जारी रह सकता है। Share Market के जानकारों का मानना है कि यह सिर्फ एक दिन का करेक्शन नहीं है। दो-तीन दिनों के बाद यह तय होगा कि यह एक बड़े करेक्शन का हिस्सा है या शॉर्ट-टर्म में बाजार फिर से रिकवर करेगा।

 वोडाफोन और पीएसयू बैंकों की स्थिति

वोडाफोन के स्टॉक में भी आज भारी गिरावट देखने को मिली है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने AGR (Adjusted Gross Revenue) मामले में टेलीकॉम कंपनियों की याचिका खारिज कर दी है। हालांकि, यह गिरावट इवेंट बेस्ड है, लेकिन फंडामेंटल रूप से इतनी बड़ी गिरावट नहीं होनी चाहिए थी।

पीएसयू बैंक भी उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। हालाँकि, Share Market विशेषज्ञ मानते हैं कि प्राइवेट बैंकों में करेक्शन आने के बाद पीएसयू बैंकों में सुधार देखने को मिल सकता है।

 निवेशकों के लिए सलाह

निवेशकों को फिलहाल धैर्य रखने की सलाह दी जा रही है। अगर आप मिडकैप या स्मॉलकैप में निवेश कर रहे हैं, तो जल्दबाजी में निर्णय न लें। Share Market अभी करेक्शन फेज में है और इसमें सुधार की उम्मीद है। वहीं, वोडाफोन और पीएसयू बैंकों में भी लंबी अवधि की सोच के साथ निवेश करना बेहतर होगा।

 ऊर्जा क्षेत्र में दबाव

एनर्जी बास्केट, खासकर BPCL, ONGC, और IOC जैसे स्टॉक्स में दबाव देखा जा रहा है। हालांकि, इन कंपनियों पर एक्स-डिविडेंड का असर भी है, जिससे इनके स्टॉक्स में गिरावट आई है। आने वाले दिनों में जब क्रूड ऑयल की कीमतों में स्थिरता आएगी, तो इन कंपनियों के स्टॉक्स में सुधार देखने को मिलेगा।

 क्या मंदी का खतरा टल गया है?

फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल मंदी का कोई खतरा नहीं है। लेकिन Share Market की अस्थिरता को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। बाजार की मौजूदा स्थिति और फेड की नीतियों पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है।

 निष्कर्ष

फेड की ब्याज दर कटौती के बाद Share Market में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। Share Market में आने वाले दिनों में सुधार की उम्मीद है, लेकिन निवेशकों को धैर्य और सतर्कता के साथ कदम उठाने की जरूरत है।

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