Sanju Samson: Sanju ignored in team selection or BCCI’s strictness?

क्रिकेट की दुनिया में कुछ खिलाड़ियों का करियर हमेशा सवालों के घेरे में रहता है। इन्हीं में से एक नाम है Sanju Samson का। संजू सैमसन का करियर एक रोमांचक सफर की तरह है, जहां उन्हें बार-बार नजरअंदाज किया जाता रहा है। चाहे वनडे हो, टी20 हो या टेस्ट क्रिकेट, सैमसन का नाम अक्सर टीम में शामिल नहीं होता। लेकिन सवाल यह है कि क्या संजू सैमसन को बीसीसीआई ने नजरअंदाज किया है या फिर वह वाकई इतने काबिल नहीं हैं?

बीसीसीआई की नीतियां: संजू के साथ सख्ती?

बीसीसीआई की चयन प्रक्रिया और नीतियों को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, खासकर तब जब किसी खास खिलाड़ी को बार-बार अनदेखा किया जाता है। Sanju Samson के मामले में भी यही हो रहा है। उन्हें दुलीप ट्रॉफी जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भी जगह नहीं मिली, जबकि 60 खिलाड़ियों का चयन किया गया था। क्या यह सिर्फ एक संयोग है, या इसके पीछे कुछ और है?

संजू सैमसन का संघर्ष

Sanju Samson के करियर को देखकर यह सवाल उठता है कि क्या वह एक सौतेले बेटे की तरह ट्रीट किए जा रहे हैं? अगर हम उनके प्रदर्शन की बात करें, तो उन्होंने कई मौकों पर अपनी काबिलियत साबित की है। फिर भी, उन्हें भारतीय टीम में स्थिर जगह नहीं मिली। क्या यह उनके प्रदर्शन की कमी है, या फिर चयनकर्ताओं की नीतियों में कुछ गड़बड़ी?

दुलीप ट्रॉफी से बाहर: एक बड़ा सवाल

दुलीप ट्रॉफी से बाहर किया जाना, Sanju Samson के करियर में एक और बड़ा झटका है। इस टूर्नामेंट में भारत के बेहतरीन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, लेकिन संजू को इस प्रतियोगिता में भी जगह नहीं मिली। 60 खिलाड़ियों की सूची में भी उनका नाम नहीं आना, यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिरकार बीसीसीआई की क्या सोच है?

संजू सैमसन का भविष्य: अनिश्चितता की छाया

Sanju Samson का भविष्य अब सवालों के घेरे में है। क्या उन्हें आगे भी भारतीय टीम में जगह मिलेगी, या फिर उन्हें अपने करियर के लिए कुछ और सोचना पड़ेगा? उनके प्रशंसकों के लिए यह एक बड़ा सवाल है। क्या Sanju Samson भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपनी पहचान बना पाएंगे, या फिर उन्हें हमेशा अनदेखा किया जाएगा?

बीसीसीआई का दृष्टिकोण: चयन की पारदर्शिता?

बीसीसीआई की चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। Sanju Samson के मामले में भी यह सवाल उठता है कि आखिरकार उन्हें बार-बार क्यों अनदेखा किया जाता है? क्या यह सिर्फ एक चयनकर्ताओं की व्यक्तिगत पसंद-नापसंद है, या फिर इसके पीछे कुछ और कारण हैं?

संजू सैमसन: एक मिसाल

Sanju Samson का करियर एक मिसाल है, जो हमें यह सिखाता है कि सिर्फ काबिलियत ही काफी नहीं होती। कभी-कभी आपको अपनी जगह बनाने के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या Sanju Samson इन चुनौतियों का सामना कर पाएंगे, या फिर उन्हें अपने करियर के लिए कुछ और सोचना पड़ेगा?

निष्कर्ष: संजू सैमसन का सफर

संजू सैमसन का सफर भारतीय क्रिकेट में एक प्रेरणा का स्रोत है, लेकिन यह सफर आसान नहीं है। बीसीसीआई की नीतियों और चयन प्रक्रियाओं को लेकर कई सवाल उठते हैं। क्या संजू सैमसन को उनकी मेहनत का सही फल मिल रहा है, या फिर उन्हें हमेशा अनदेखा किया जाएगा? यह सवाल भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा रहेगा।

संजू सैमसन की कहानी उन सभी खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते। उम्मीद है कि भविष्य में संजू को उनका हक मिलेगा और वह भारतीय टीम के लिए अपनी काबिलियत साबित कर पाएंगे।

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