Rishabh Pant: Became the real king of Test cricket by defeating Dhoni and Rizwan

Rishabh Pant: क्रिकेट की दुनिया में वापसी करना हमेशा ही खास और चुनौतीपूर्ण पल होता है, खासकर तब जब कोई खिलाड़ी किसी बड़े हादसे के बाद मैदान पर वापसी करता है। भारतीय क्रिकेट टीम के धाकड़ विकेटकीपर बल्लेबाज Rishabh Pant ने हाल ही में ऐसा कारनामा किया है, जिसने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया है। Rishabh Pant ने न सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज क्रिकेटर के रिकॉर्ड को खतरे में डाला, बल्कि पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान को हराकर खुद को WTC (वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप) का बादशाह भी बना लिया।

हादसे से वापसी तक का सफर

दिसंबर 2022 में Rishabh Pant का एक गंभीर कार एक्सिडेंट हुआ था, जिसने क्रिकेट प्रेमियों के बीच सवाल खड़े कर दिए थे कि क्या पंत दोबारा मैदान पर वापसी कर पाएंगे। उनकी चोटें गंभीर थीं और कई लोगों को लग रहा था कि शायद वह दोबारा कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे।

पंत ने जो किया वह बड़े-बड़े दिग्गजों की पहुंच से बाहर था और उनके भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे थे। लेकिन क्रिकेट की दुनिया में कहा जाता है कि असली खिलाड़ी वही होता है जो मुश्किलों से लड़कर वापस आता है। Rishabh Pant ने भी ऐसा ही किया और जब उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच में शानदार वापसी की तो पूरी दुनिया को एक बार फिर उनकी क्षमता का एहसास हुआ।

बांग्लादेश के खिलाफ धमाकेदार वापसी

बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में शुरुआती तीन झटकों के बाद Rishabh Pant ने जिस तरह वापसी की, वह काबिले तारीफ़ थी। उन्होंने न सिर्फ़ टीम इंडिया को मुश्किल हालात से निकाला, बल्कि शानदार शतक भी जड़ा। पंत की पारी में 128 गेंदों पर 109 रन शामिल थे, जिसमें 13 चौके और 4 छक्के शामिल थे। यह पारी न सिर्फ़ उनकी निजी उपलब्धि थी, बल्कि उन्होंने शानदार वापसी भी की। Rishabh Pant ने साबित कर दिया कि वह इस टीम के सबसे महान टेस्ट बल्लेबाज़ हैं, एक्स-फैक्टर हैं और एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी परिस्थिति में खेल का रुख बदल सकते हैं।

धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी

इस शतक के साथ ही Rishabh Pant ने महेंद्र सिंह धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली है। धोनी ने अपने टेस्ट करियर में 90 मैच खेले और 6 शतक लगाए। वहीं, पंत ने केवल 34 टेस्ट मैचों में 6 शतक लगाकर धोनी के रिकॉर्ड को खतरे में डाल दिया है। अब वह भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल विकेटकीपर-बल्लेबाज बनने से सिर्फ एक शतक दूर हैं। अगला शतक लगाते ही वह धोनी का रिकॉर्ड तोड़कर टीम इंडिया के नंबर वन टेस्ट विकेटकीपर बन जाएंगे।

डब्लूटीसी में रिजवान को पछाड़ा

Rishabh Pant की इस पारी की एक और खास बात यह रही कि उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में एक नया रिकॉर्ड भी बनाया। पंत WTC के इतिहास में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान और बांग्लादेश के लिटन दास को पीछे छोड़ दिया है। पंत के नाम अब WTC में चार शतक हो गए हैं, जबकि रिजवान और लिटन दास के नाम तीन-तीन शतक हैं। इस उपलब्धि ने उन्हें WTC का बादशाह बना दिया है।

हिम्मत और संघर्ष की मिसाल

Rishabh Pant की वापसी सिर्फ़ क्रिकेट की पिच पर एक शानदार पारी नहीं थी, यह एक शख्स के अनोखे साहस और संघर्ष की कहानी है। पंत ने न सिर्फ़ अपनी शारीरिक समस्याओं से लड़ाई लड़ी बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को मज़बूत किया। ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो दुर्घटना के बाद हिम्मत हार जाते हैं, लेकिन पंत ने साबित कर दिया कि अगर आपमें आत्मविश्वास और जुनून है, तो कोई भी चुनौती आपके सामने टिक नहीं सकती।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में पंत का योगदान

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में Rishabh Pant का योगदान बेमिसाल रहा है। वे न केवल टीम इंडिया के लिए रन बना रहे हैं, बल्कि विकेट के पीछे भी अपनी शानदार चपलता और तेज बुद्धि का परिचय दे रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली उन्हें खास बनाती है। उनके पास हर तरह के शॉट हैं और वे किसी भी परिस्थिति में गेंदबाजों पर हावी होने की क्षमता रखते हैं। उनका यह निडर रवैया उन्हें एक अलग स्तर का खिलाड़ी बनाता है।

चोट से बाहर आकर टीम को जिताया

Rishabh Pant की वापसी से न सिर्फ़ टीम इंडिया को मजबूती मिली, बल्कि उन्होंने ये भी दिखाया कि कैसे एक खिलाड़ी चोट और मुश्किलों से पार पाकर टीम को जीत दिला सकता है। उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया के लिए अहम भूमिका निभाई। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और ये सब उनकी कड़ी मेहनत और लगन का नतीजा है।

पंत का आत्मविश्वास और भविष्य

Rishabh Pant की यह कहानी उनके आत्मविश्वास की मिसाल है। उन्होंने दिखाया कि किसी भी परिस्थिति में हार मानने के बजाय आपको अपने सपनों के लिए लड़ना चाहिए। पंत की वापसी साबित करती है कि वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक हैं। वह न केवल अपनी बल्लेबाजी से बल्कि अपनी विकेटकीपिंग से भी टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखते हैं।

निष्कर्ष

Rishabh Pant का यह सफर हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी बड़ी परेशानियां क्यों न हों, अगर आपके पास आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत का जज्बा है, तो आप किसी भी मुश्किल से पार पा सकते हैं। पंत ने न सिर्फ अपनी चोटों से उबरकर वापसी की, बल्कि क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया। वह धोनी का रिकॉर्ड तोड़ने से बस एक कदम दूर हैं और WTC में तो वह खुद को बादशाह साबित कर ही चुके हैं। उनकी कहानी हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है और आने वाले समय में वह भारतीय क्रिकेट के और भी बड़े सितारे बनकर उभरेंगे।

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