Rishabh Pant : क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें हर खिलाड़ी का अपना अलग प्रभाव होता है। कुछ खिलाड़ी अपनी बल्लेबाजी या गेंदबाजी के हुनर से टीम के लिए अहम होते हैं, लेकिन जब बात Rishabh Pant की आती है तो उनका नाम एक अलग ही खौफ के रूप में उभर कर आता है, खासकर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए। मैदान पर उनके आक्रामक शॉट्स हों या मुश्किल वक्त में मैच का रुख पलटने की उनकी क्षमता, Rishabh Pant ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने नई चुनौती पेश की है।
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ऋषभ पंत का ऑस्ट्रेलिया पर प्रभाव
ऑस्ट्रेलियाई टीम जब भी भारत के खिलाफ खेलने मैदान पर उतरती है, तो हर बार उनके दिमाग में एक नाम आता है – Rishabh Pant। यह नाम अब उनके लिए सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि एक खतरनाक चुनौती बन गया है। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस और उनके साथी कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि Rishabh Pant को रोकना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। वे किसी तरह दूसरे भारतीय बल्लेबाजों को संभाल सकते हैं, लेकिन पंत का सामना करना उनके लिए बड़ी समस्या है।
यह डर बेवजह नहीं है,Rishabh Pant ने पिछले कुछ सालों में अपनी बल्लेबाजी के जरिए साबित कर दिया है कि वह किसी भी परिस्थिति में मैच का रुख बदल सकते हैं। खासकर जब वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हैं तो वह अलग ही जोश में नजर आते हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी, अनोखे शॉट और मैदान पर उनका आत्मविश्वास उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए सिरदर्द बना देता है।
भारत के लिए भी कभी था ऐसा डर
अगर इतिहास की बात करें तो एक समय ऐसा भी था जब भारतीय टीम को भी इसी तरह के डर का सामना करना पड़ता था। खास तौर पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के खिलाफ। जैसे 1990 के दशक में जब भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलता था तो एडम गिलक्रिस्ट का नाम भारतीय टीम के लिए डर का पर्याय बन गया था। वह सातवें नंबर पर आकर मैदान पर कहर बरपाते थे। उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी ने न सिर्फ भारतीय गेंदबाजों को परेशान किया बल्कि कई मैचों में हार का भी सामना करना पड़ा।
लेकिन समय बदल गया है। अब वही कहानी बदल गई है। आज भारतीय टीम में एक ऐसा खिलाड़ी है जो पांचवें नंबर पर आकर विपक्षी टीम के दिलों में खौफ पैदा कर देता है- ऋषभ Rishabh Pant। उनकी बल्लेबाजी का अंदाज ऐसा है कि विरोधी टीम को पता ही नहीं चलता कि वह कब और कौन सा शॉट खेलकर मैच का रुख बदल देंगे। यही वजह है कि आज ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और प्रशंसक Rishabh Pant को रोकने के लिए रणनीति बना रहे हैं।
ऋषभ पंत की बेहतरीन पारियां
Rishabh Pant का अब तक का करियर शानदार रहा है, खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई उनकी पारियों ने उन्हें खास बना दिया है। 2018-19 की टेस्ट सीरीज हो या 2021 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, पंत का योगदान असाधारण रहा है। चाहे 2018 में खेली गई उनकी 159 रनों की पारी हो या 2021 में गाबा टेस्ट में खेली गई 89 रनों की मैच जिताऊ पारी, हर बार उन्होंने दिखाया है कि वह बड़े मौकों के लिए खेलने वाले खिलाड़ी हैं।
खासकर गाबा टेस्ट में उनकी पारी को ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आज भी नहीं भूल पाए हैं। 32 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने गाबा में कोई टेस्ट मैच हारा था और उस जीत की सबसे बड़ी वजह Rishabh Pant की पारी थी। यही वो पल था जब ऑस्ट्रेलियाई घमंड टूटा था और Rishabh Pant ने साबित कर दिया था कि वो किसी भी परिस्थिति में टीम को जीत दिला सकते हैं।
पैट कमिंस का बयान और पंत की भूमिका
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने हाल ही में अपने एक बयान में Rishabh Pant की तारीफ की और कहा कि वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने पिछली कुछ सीरीज में काफी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऑस्ट्रेलिया को इस बार भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतनी है तो उसे पंत को रोकना होगा। कमिंस के मुताबिक पंत वो खिलाड़ी हैं जो अकेले दम पर मैच का रुख बदल सकते हैं।
कमिंस ने यह भी माना कि पंत का रिवर्स शॉट और एक हाथ से खेलने का अंदाज विपक्षी गेंदबाजों के लिए बड़ी चुनौती है। पंत ने पिछली दो टेस्ट सीरीज में, खासकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस तरह का खेल दिखाया है, उसने कंगारू गेंदबाजों को परेशान कर दिया है। पंत ने अब तक 12 पारियों में 62 की औसत से 624 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 159 रहा है। ये आंकड़े बताते हैं कि पंत न सिर्फ रन बनाते हैं बल्कि विपक्षी गेंदबाजों पर हावी भी होते हैं।
भविष्य की चुनौतियाँ
इस बार फिर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज होने जा रही है, जिसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी कहा जाता है। ऑस्ट्रेलिया इस सीरीज को जीतने की पूरी कोशिश करेगा, क्योंकि उसे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को हराना है। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम का सबसे बड़ा डर यह है कि पंत उनके बीच में खड़े हो सकते हैं।
हालांकि पंत अब तक चोटिल रहे हैं, लेकिन उनके जल्द ही टीम में वापसी की उम्मीद है। अगर वह लौटते हैं तो ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए यह सीरीज और भी मुश्किल हो सकती है। टेस्ट क्रिकेट में पंत का दबदबा इतना है कि विरोधी टीम उनकी गैरमौजूदगी में भी उनके बारे में सोचती रहती है।
ऋषभ पंत और महेंद्र सिंह धोनी की तुलना
कई क्रिकेट विशेषज्ञ पंत की तुलना महेंद्र सिंह धोनी से कर चुके हैं, लेकिन पंत की अपनी अलग पहचान है। धोनी टेस्ट क्रिकेट के महान खिलाड़ी थे, लेकिन टेस्ट में पंत का प्रभाव अलग ही स्तर का है। पंत की बल्लेबाजी शैली धोनी से बिल्कुल अलग है। उन्हें आक्रामक खेल पसंद है और वे टीम को मुश्किल परिस्थितियों से निकालने की क्षमता रखते हैं।
निष्कर्ष
ऋषभ पंत ने अपने छोटे से करियर में ही साबित कर दिया है कि वे भारतीय टीम के लिए बेहद अहम खिलाड़ी हैं। उनकी बल्लेबाजी शैली, उनके शॉट्स की विविधता और मैदान पर उनका आत्मविश्वास उन्हें दूसरे खिलाड़ियों से अलग बनाता है। खास तौर पर जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई उनकी पारियों की बात आती है तो वे किसी भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के लिए किसी खतरनाक सपने से कम नहीं हैं। पंत आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में वापसी करें या नहीं, लेकिन पंत को रोकना या उनसे निपटना ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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