Babar Azam: क्रिकेट के मैदान पर जब भी दो ओपनर शानदार प्रदर्शन करते हैं, तो उनकी खूब तारीफ होती है। लेकिन पाकिस्तान के ओपनिंग बल्लेबाज Babar Azam और मोहम्मद रिजवान इस समय आलोचकों के निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें ‘टुक-टुक अकादमी’ का हिस्सा बताकर ट्रोल किया जा रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है?
हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए मैच में पाकिस्तान को 184 रनों का लक्ष्य मिला था। यह चुनौतीपूर्ण तो था लेकिन नामुमकिन नहीं था। लेकिन Babar Azam और रिजवान ने जिस तरह से शुरुआत की, उसने पूरी टीम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
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मोहम्मद रिज़वान की धीमी बल्लेबाजी का प्रभाव
मोहम्मद रिजवान को प्रतिभाशाली खिलाड़ी माना जाता है. लेकिन इस मैच में उन्होंने 119 की स्ट्राइक रेट से 74 रन बनाए. सुनने में तो यह ठीक लगता है, लेकिन जब आप देखते हैं कि उन्होंने 10 ओवर से ज़्यादा लिए, तो यह टीम के लिए नुकसानदेह साबित हुआ. बाकी बल्लेबाज़ों पर दबाव बढ़ गया. रिजवान जब आउट हुए,
तो पाकिस्तान को 10 ओवर में 110 रन चाहिए थे. यह स्थिति किसी भी टीम के लिए मुश्किल होती. रिजवान के स्ट्राइक रेट को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार उनके धीमे खेल ने पाकिस्तान को जीत की रेस से बाहर कर दिया.
Babar Azam की खराब शुरुआत
अगर रिजवान पर धीमा खेलने का आरोप है तो Babar Azam का प्रदर्शन और भी निराशाजनक रहा. उन्होंने सिर्फ 4 गेंदें खेलीं और बिना कोई रन बनाए आउट हो गए. Babar Azam जैसे अनुभवी खिलाड़ी से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती.
सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि इस मैच में साउथ अफ्रीकी टीम के पास उनके अहम गेंदबाज नहीं थे. न कगिसो रबाडा, न एनरिक नॉर्खिया और न ही केशव महाराज. Babar Azam को आउट करने वाले गेंदबाज एमफाका थे, जो सिर्फ 18 साल के हैं. ये वही खिलाड़ी है जो कुछ समय पहले तक ट्यूशन ले रहा था और अब इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से Babar Azam जैसे दिग्गजों को आउट कर रहा है.
सैम अय्यूब का आक्रामक खेल
पाकिस्तान की तरफ से सैम अय्यूब ने 13 गेंदों पर 31 रनों की शानदार पारी खेली। उनका स्ट्राइक रेट 206 रहा, जो रिजवान और Babar Azam के स्ट्राइक रेट से कहीं बेहतर था।
लेकिन दुर्भाग्य से अय्यूब को ओपनिंग का मौका नहीं दिया गया। वह निचले क्रम में खेलने आए थे, जबकि Babar Azam और रिजवान की जोड़ी शीर्ष पर संघर्ष कर रही थी। अगर अय्यूब को ओपनिंग का मौका दिया जाता तो नतीजा कुछ और हो सकता था।
बाबर और रिज़वान का प्रदर्शन: टीम पर बोझ?
पिछले कुछ समय से बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो बाबर ने अपनी पिछली 10 पारियों में 115 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 237 रन बनाए हैं। वहीं रिजवान के नाम सबसे धीमा अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड भी है।
पाकिस्तानी क्रिकेट के जानकारों का भी मानना है कि टी20 फॉर्मेट में यह जोड़ी टीम के लिए सही साबित नहीं हो रही है। टी20 में तेजी से खेलना बेहद जरूरी है और अगर ओपनिंग जोड़ी धीमी खेलती है तो मिडिल ऑर्डर पर दबाव बढ़ना तय है।
सोशल मीडिया पर आलोचना और मीम्स
पाकिस्तान के प्रशंसकों और कमेंटेटरों ने इस जोड़ी पर जमकर निशाना साधा। सोशल मीडिया पर कई मीम्स वायरल हुए, जिसमें उन्हें ‘दो भाई, दोनों बर्बाद करने वाले’ कहा गया। कुछ ने लिखा कि अगर ये दोनों पूरे 20 ओवर खेलते, तो पाकिस्तान शायद लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाता।
पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी और कमेंटेटर रमीज राजा ने भी मैच के बाद इस पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “मोहम्मद रिजवान की बहुत अच्छी पारी खत्म हो गई, लेकिन इसका टीम पर कोई असर नहीं पड़ा।
भविष्य की रणनीति पर सवाल
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और टीम प्रबंधन को अब इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि बाबर और रिजवान की जोड़ी को लंबे समय तक बरकरार रखा जाए या नहीं। सैम अयूब जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौका दिया जाना चाहिए, जो अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से टीम को नई दिशा दे सकते हैं।
निष्कर्ष
पाकिस्तान की मौजूदा ओपनिंग जोड़ी पर प्रदर्शन का दबाव बढ़ता जा रहा है। बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान को अपनी बल्लेबाजी शैली में सुधार करना होगा। टी20 क्रिकेट में तेज खेलने की जरूरत होती है और अगर ये दोनों खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाते हैं तो टीम के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
क्या बाबर और रिज़वान को टीम में बने रहना चाहिए, या पाकिस्तान को नई प्रतिभाओं को मौका देना चाहिए? यह सवाल अब हर क्रिकेट फैन की जुबान पर है।
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