PPF का मतलब है (पब्लिक प्रोविडेंट फंड)। क्या हमें इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं। आज हम पीपीएफ के बारे में सब कुछ जानने की कोशिश करेंगे और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं, इन सभी बातों को हम इस लेख के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे।
यह गवर्नमेंट बेस्ट स्कीम है जिसे हम लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए या रिटायरमेंट के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण इसमें निवेश करना इतना आसान नहीं है।
अब आपके मन में यह विचार आ रहा होगा कि आखिर लोग PPF निवेश क्यों करते हैं?
इसकी पहली बात यह है कि यदि आप इसकी ऐतिहासिक ब्याज दर को देखें तो आपको काफी अच्छी ब्याज दर मिलेगी जो 7% से 8% के बीच है।
दूसरा कारण यह है कि यह एक जोखिम मुक्त योजना है क्योंकि यह योजना सरकार के अधीन आती है।
तीसरा कारण यह है कि यह है कि PPF, EEE के टैक्स डिडक्शन के अंतर्गत आता है। जिसका मतलब है कि जब हम PPF में निवेश करेंगे तो निवेश किए गए पैसे पर भी टैक्स नहीं लगेगा। निवेश करने के बाद जब निवेश किए गए पैसे पर जो ब्याज मिलेगा तो उस ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और जब PPF की अवधि पूरी हो जाएगी तो उस पैसे पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा।
चौथा सबसे बड़ा कारण यह है कि इसमें टैक्स में छूट भी मिलती है। जब आप पीपीएफ में निवेश करते हैं तो आयकर अधिनियम की Section 80c के तहत पीपीएफ का विकल्प मिलता है, इसका मतलब यह है कि जब आप पीपीएफ में निवेश करते हैं तो आपको Section 80c के तहत 1.5 लाख रुपये तक की दावा क्लेम कर सकते है।
Table of Contents
Future of PPF
इसका लॉक-इन पीरियड 15 साल का है और मैच्योरिटी पीरियड भी 15 साल का है, यानी अगर आप इसमें निवेश करते हैं तो आप इस पैसे को 15 साल से पहले नहीं निकाल सकते। पर इसमें 2-3 विकल्प ऐसे हैं जिनकी वजह से आप 15 साल से पहले भी PPF के पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
PPF की अवधि 5 वर्ष के अंतराल पर 15 साल के आगे भी बढ़ाया जा सकता है, अर्थात निवेश अवधि को 20, 25, 30 वर्ष तक भी बढ़ाया जा सकता है।
Intrest rate On PPF
अगर इसके ब्याज की बात करें तो वर्तमान में PPF की ब्याज दर 7.1% है। और हम यह भी जानेंगे कि इसका ब्याज कब और कैसे मिलता है और इसकी गणना कैसे की जाती है?
ध्यान रखने वाली बात यह है कि अगर आप महीने की 5 तारीख के बाद पैसा निवेश करते हैं तो आपको उस महीने का ब्याज नहीं दिया जाएगा। इसलिए आपको यह ध्यान रखना होगा कि जिस महीने में आप निवेश करना चाहते हैं, आपको उस महीने की 1 से 5 तारीख के बीच अपना पैसा निवेश करना चाहिए ताकि आपको उस महीने का ब्याज मिल सके।
आपको यह भी बता दें कि इसमें निवेश तो मासिक होता है लेकिन उस निवेश पर मिलने वाला ब्याज मासिक नहीं बल्कि सालाना होता है, यानी इसमें जो चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है वो सालाना होता है।
अब हम जानेंगे कि अगर हमें PPF से पैसा निकालना हो तो किन तरीकों से हम पैसा निकाल सकते हैं और क्या इससे पैसा निकालना आसान है?
पीपीएफ से पैसा निकालना आसान नहीं है लेकिन पीपीएफ से तीन तरीकों से पैसा निकाला जा सकता है लेकिन हर तरीके में कुछ शर्तें दी गई हैं इसलिए आपको उन शर्तों को ध्यान से समझना होगा ताकि भविष्य में अगर आप पीपीएफ में निवेश करें तो आपको किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
इन सभी के बारे में हम उनकी शर्तों के अनुसार जानेंगे, तो सबसे पहले हम पीपीएफ के बदले लोन के बारे में जानेंगे।
लोन अगेंस्ट पीपीएफ:
इसमें अगर हम लोन लेना चाहते हैं तो आपको तीसरे साल से लेकर छठे साल के बीच में लोन लेना होगा और इसके अलावा आपके पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है क्योंकि समय से पहले निकासी का विकल्प भी 6 साल के बाद ही किया जा सकता है और आंशिक निकासी का ऑप्शन भी 6 साल के बाद ही किया जा सकता है इसलिए अगर आप 6 साल से पहले पैसा निकालना चाहते हैं तो एक ही ऑप्शन है PPF पर लोन।
अगर आप PPF के बदले लोन लेते हैं तो आपको कुछ बातों की जानकारी जरूर होनी चाहिए।
1. पहली बात यह है कि आप अगर लोन लेना चाहते हैं तो 3 साल के बाद और 6 साल तक लोन ले सकते हैं।
2. दूसरी बात यह है कि जिस समय आप लोन लेते हैं, उस समय से आपको अपने निवेश पर ब्याज नहीं मिलता है। और आपको 1% अधिक ब्याज भी देना पड़ता है। इसका मतलब यह है कि अगर आप PPF पर लोन लेते हैं, तो उसका ब्याज फिलहाल 7.1% है लेकिन अगर आप लोन लेते हैं तो आपको 8.1% देना होगा।
3. तीसरी बात यह है कि यदि आप पीपीएफ पर लोन लेते हैं तो लोन लेने के समय से पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज आपको तब तक नहीं मिलेगा जब तक आप पूरा लोन नहीं चुका देते।
4. आप जो लोन ले रहे हैं उसकी कुल अवधि 3 वर्ष है, यानी आप जो भी लोन लेंगे, उसे आपको 3 साल के भीतर ब्याज सहित चुकाना होगा।
5. आप इस लोन को लमसम चुका सकते हैं या फिर मासिक आधार पर भी चुका सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है।
6. लेकिन अगर मान लीजिए क्या आप इस लोन को समय पर वापस नहीं कर पाते हैं तो पहली बात तो यह की आपको पीएफ का जो ब्याज मिलता था वह भी नहीं मिलेगा दूसरी बात यह की आपकी जितनी भी लोन होगी उस पर 6% प्रत्येक साल के दर से ब्याज भी देना पड़ेगा।
पार्शियल निकासी:
ध्यान देने वाली पहली बात यह है कि आप 7 साल से पहले आंशिक निकासी नहीं कर सकते। PPF निवेश कम से कम 7 साल पुराना होने के बाद ही आप आंशिक निकासी का लाभ उठा सकते हैं।
दूसरी बात यह है कि आंशिक निकासी वर्ष में केवल एक बार ही की जा सकती है।
ध्यान देने वाली तीसरी बात यह है कि जब पीपीएफ के 7 साल पूरे हो जाते हैं तो आप आंशिक निकासी का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन पीपीएफ के 7 साल पूरे होने पर आपको पीपीएफ पर लोन नहीं दिया जाएगा।
प्रीमेच्योर क्लोजर:
ध्यान देने वाली पहली बात यह है कि आप समयपूर्व समापन का उपयोग केवल 6 वर्ष के बाद ही कर सकते हैं।
प्रीमेच्योर क्लोज कंडिशन:
आप समय से पहले PPF को बंद करने का उपयोग केवल दो स्थितियों में कर सकते हैं, पहला, यदि आप किसी भी चिकित्सा गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो आप इस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं।
दूसरे, आप समय से पहले PPF बंद करने का लाभ केवल तभी उठा सकते हैं जब आपके परिवार के सदस्य, जो आप पर निर्भर हैं, किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हों या आपको या वैसे व्यक्ति जो आपपे निर्भर हो उन्हें उच्च शिक्षा के लिए धन की आवश्यकता हो।
तीसरा विकल्प यह था कि अगर कोई भारतीय अपनी नागरिकता बदलकर एनआरआई नागरिकता हासिल कर लेता है तो वह भी प्रीमैच्योर क्लोज का इस्तेमाल कर सकता है। जब कोई एनआरआई नागरिकता हासिल कर लेता है तो उसका पीपीएफ सरकार के तरफ से ही बंद कर दिया जाता है।
जब भी हम समय से पहले PPF खाता बंद करने का विकल्प चुनते हैं, तो 1% का जुर्माना लगाया जाता है और वह भी पीपीएफ खाता खुलने के समय से लेकर खाता बंद करने तक।
मैं आपको एक और बात बता दूं कि जब आप प्रीमैच्योर क्लोज करते हैं, तो उस समय आपको जो ब्याज दर मिल रही होती है, उसमें एक प्रतिशत की कमी हो जाती है। उदाहरण के लिए: मान लीजिए कि जिस समय आप प्रीमैच्योर क्लोज कर रहे हैं, उस समय ब्याज दर 7.1% है, तो आपको केवल 6.1% ब्याज ही मिलेगा।
Note: पीपीएफ में एक बात का ध्यान रखें कि आपको ब्याज सिर्फ उसी साल का मिलता है जो साल पूरा हो जाता है इसलिए जब भी आप पीपीएफ में निवेश करना शुरू करें तो साल के पहले महीने से ही निवेश करना शुरू कर दें। तो मान लीजिए आपने मार्च या अप्रैल महीने से पीएफ में निवेश करना शुरू कर दिया तो आपको उस साल का ब्याज नहीं मिलेगा आपको अगले साल से ब्याज मिलेगा क्योंकि आने वाले साल पूरा साल आप PPF में निवेश करेंगे इसलिए आपको आने वाले साल से ब्याज का लाभ दिया जाएगा।
अब आपके मन में सवाल उत्पन्न हो रहा होगा कि लोन अमाउंट कितना तक मिलता है?
मान लीजिए आपने 1 अक्टूबर 2024 को लोन के लिए आवेदन किया है तो अक्टूबर 2024 से 2 साल पहले यानी 2022 में आपकी जमा राशि का 25% लोन के रूप में दिया जाएगा। मान लीजिए आपने 1 अक्टूबर 2024 को लोन के लिए आवेदन किया है तो 2 साल पहले आपके जमा खाते में 4 लाख हो चुके थे तो 4 लाख का 25% यानी 1 लाख आपको लोन के रूप में दिया जाएगा।
अब हम जानेंगे कि पार्शियल विड्रॉल में कितना पैसा निकाल सकते हैं?
मान लीजिए आपने 1 अक्टूबर 2030 को आंशिक निकासी के लिए आवेदन किया है। तो जब आप आंशिक निकासी के लिए आवेदन करेंगे, तो पिछले पाँचवें साल में आपके पीपीएफ खाते में जितनी राशि थी। आप उसमें से 50% राशि आंशिक रूप से निकाल सकते हैं।
तो चलिए एक उदाहरण की मदद से समझने की कोशिश करते हैं, मान लीजिए आपने 1 अक्टूबर 2030 को आंशिक निकासी के लिए आवेदन किया है, तो इसका 5 साल पहले 2025 होता हैं, इसलिए 2025 में मान लेते है कि PPF खाता में कुल 5 लाख जमा हो गए थे, तो आप 5 लाख का 50% यानी 2.5 लाख की आंशिक निकासी कर सकते हैं।
अब हम जानेंगे कि अगर हमारा PPF अकाउंट बंद हो जाता है तो वह किस कारण से होता है और अगर उसे दोबारा चालू करवाना हो तो उसके लिए हमें क्या करना पड़ेगा?
सबसे पहली बात जो हम जानेंगे कि PPF अकाउंट क्यों बंद हो जाता है तो इसका मुख्य कारण यह हो सकता है कि योजना के नियमों के अनुसार आपको साल में कम से कम ₹500 जमा करने होते हैं और अगर आपने 500 रकम जमा नहीं करते हैं तो आपका अकाउंट बंद हो जाता है हालांकि आप इसे दोबारा एक्टिवेट करवा सकते हैं।
यदि आप उस खाते को फिर से चालू करवाना चाहते हैं तो आपका PPF खाता कितने वर्षों के लिए बंद था? उसे चालू करवाने के लिए सबसे पहला काम यह करना होगा कि जितने वर्षों के लिए आपका खाता बंद था, मान लीजिए आपका खाता 5 वर्षों के लिए बंद था तो आपको सबसे पहले ₹500 प्रति वर्ष जमा करवाने होंगे, यानी कि जितने वर्षों के लिए आपका खाता बंद था, उसके लिए आपको पहले ₹2500 जमा करवाने होंगे और फिर जितने वर्षों के लिए आपका खाता बंद था, उसके लिए आपको ₹50 प्रति वर्ष पेनाल्टी भी देनी होगी, यानी कि यदि आपका खाता 5 वर्षों के लिए बंद था तो आपको ₹250 पेनाल्टी के रूप में देने होंगे।
अब हम जानेंगे कि PPF का लिमिटेशन क्या-क्या है? क्योंकि हर स्कीम में कुछ अच्छे और कुछ बुरे बातें शामिल होते हैं।
पहली बात जो हमें ध्यान में रखनी है वो ये है कि PPF में लिक्विडिटी बहुत कम होती है लिक्विडिटी का मतलब है कि हम इस पैसे को कभी भी आसानी से नहीं निकाल सकते हैं इसीलिए कहा जाता है कि जब भी आप PPF में निवेश करें तो ध्यान रखें कि आप जो पैसा PPF में निवेश कर रहे हैं उसका इस्तेमाल 15 साल तक नहीं किया जा सकता है आप इसका इस्तेमाल 15 साल के बाद ही कर सकते हैं।
PPF का दूसरा नुकसान यह है कि जब भी आप PPF में निवेश करते हैं तो आपको औसत रिटर्न मिलता है। इसलिए अगर आप अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो उसके लिए यह विकल्प सही नहीं है। ज्यादा रिटर्न के लिए आप दूसरे विकल्प जैसे शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड आदि ले सकते हैं और भी ऐसे विकल्प हैं जिनमें आपको ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।
अब आप सबको मन में यह सवाल उत्पन्न हो रहा होगा कि तो आखिर किन लोगों को PPF में निवेश करना चाहिए?
- आपको बता दें कि पीएफ निवेश उन लोगों के लिए है जो जोखिम मुक्त रिटर्न चाहते हैं और वह योजना सरकार द्वारा सुरक्षित भी है, ऐसे लोगों के लिए पीएफ एक अच्छा निवेश विकल्प है।
- जो लोग लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं ताकि रिटायरमेंट के समय उन्हें मदद मिल सके या फिर बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए पीएफ एक अच्छा निवेश विकल्प है।
- जो लोग कहीं काम कर रहे हैं लेकिन उनकी कंपनी में EPF का विकल्प नहीं है, उनके लिए भी PPF एक अच्छा विकल्प है।
- जो लोग निवेश के साथ-साथ टैक्स भी बचाना चाहते हैं, वे PPF में निवेश कर Section 80C तहत टैक्स को बचा सकते हैं, वो लोग जो टैक्स बचना चाहते हैं, उनके लिए PPF एक अच्छा विकल्प है।
Aspect | Details |
Introduction | Public Provident Fund (PPF): Should we invest in it or not? This article covers everything about PPF, including its advantages and disadvantages |
Why Invest in PPF? | 1. Historical Interest Rate: 7%-8% 2. Risk-Free: Government-backed 3. EEE Tax Deduction: No tax on investment, interest, or maturity amount 4. Tax Exemption: Up to Rs 1.5 lakh under Section 80C |
Future of PPF | Lock-in Period: 15 years, extendable in 5-year blocks Interest Rate: Currently 7.1% |
Interest Rate on PPF | Current Rate: 7.1% – Interest Calculation: Yearly compound interest – Investment Timing: Invest between 1st and 5th of the month for monthly interest eligibility |
Loan Against PPF | 1. Eligibility: Between 3rd and 6th year 2. Interest Rate: PPF interest rate + 1% (currently 8.1%) 3. No Interest During Loan Period: Until repayment 4. Repayment Period: 3 years, lump sum or monthly 5. Penalty: 6% per annum if not repaid on time |
Partial Withdrawal | 1. Eligibility: After 7 years 2. Frequency: Once a year 3. Amount: 50% of the balance at the end of the 4th year or the previous year, whichever is lower 4. No Loan After 7 Years: Loans are not available after 7 years |
Premature Closure | 1. Eligibility: After 6 years 2. Conditions: Medical emergencies, higher education, change to NRI status 3. Penalty: 1% interest penalty from the account opening date |
Reactivating PPF | 1. Minimum Deposit: ₹500 per year 2. Penalty: ₹50 per year of account inactivity 3. Example: For 5 years of inactivity, deposit ₹2500 and pay ₹250 penalty |
Limitations of PPF | 1. Low Liquidity: Difficult to withdraw money before 15 years 2. Average Returns: Suitable for those not seeking high returns, better options may include stock markets and mutual funds |
Who Should Invest? | 1. Risk-Averse Investors: Government-protected, risk-free investment 2. Long-Term Goals: Ideal for retirement planning or children’s education 3. No EPF Option: Suitable for employees without an EPF option in their workplace 4. Tax Savers: Save taxes under Section 80C |