Pakistan-England Test series media rights dispute: ICC and BCCI will save PCB

हाल ही में Pakistan क्रिकेट के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। एक तरफ जहां Pakistan क्रिकेट को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए आईसीसी से हरी झंडी मिल गई है, वहीं दूसरी तरफ वह गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है। Pakistan क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के मीडिया अधिकार बेचने में विफल रहा है, जिसके कारण सीरीज के वैश्विक ब्लैकआउट का खतरा मंडरा रहा है। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि आईसीसी और बीसीसीआई इस स्थिति को कैसे बदल सकते हैं।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 और उम्मीदें

कुछ दिन पहले Pakistan क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के लिए एक सकारात्मक खबर आई थी। आईसीसी प्रतिनिधिमंडल ने Pakistan का दौरा कर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए की जा रही तैयारियों को हरी झंडी दे दी थी। इससे पीसीबी को उम्मीद जगी थी कि शायद टीम इंडिया भी Pakistan में खेलने आ सकती है। हालांकि, अभी इसकी पूरी तरह पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारियों को देखते हुए Pakistan क्रिकेट बोर्ड को राहत की सांस जरूर मिली है।

मीडिया राइट्स की असफल बिक्री और बड़ा आर्थिक झटका

इंग्लैंड और Pakistan के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 7 अक्टूबर 2024 से शुरू होने वाली है। लेकिन यह सीरीज गंभीर संकट में है। पीसीबी इस सीरीज के मीडिया अधिकार बेचने में विफल रहा है, जिसके कारण टेस्ट सीरीज के वैश्विक ब्लैकआउट का खतरा मंडरा रहा है। पीसीबी ने मीडिया अधिकारों की न्यूनतम कीमत 21 मिलियन डॉलर तय की थी, लेकिन इसे खरीदने के लिए कोई बड़ी बोली नहीं लगी। एक कंपनी ‘स्पोर्ट्स एफ’ ने सबसे ज्यादा 7.8 मिलियन डॉलर की बोली लगाई थी,

लेकिन पीसीबी ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद जब दोबारा बोली प्रक्रिया शुरू की गई तो स्थिति और खराब हो गई। इस बार पीसीबी को 5 मिलियन डॉलर से भी कम की बोली मिली, जिसे भी बोर्ड ने खारिज कर दिया। अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पास अंतरराष्ट्रीय मीडिया अधिकार बेचने के लिए भी समय नहीं बचा है, जिससे वैश्विक ब्लैकआउट का खतरा और बढ़ गया है।

ग्लोबल ब्लैकआउट: क्या होगा इसका असर?

ग्लोबल ब्लैकआउट का मतलब है कि Pakistan और इंग्लैंड के बीच होने वाली इस टेस्ट सीरीज को दुनिया भर के दर्शक नहीं देख पाएंगे। जब इंग्लैंड जैसी बड़ी टीम Pakistan में खेलती है तो पूरी दुनिया में इसको लेकर उत्साह रहता है। खासकर इंग्लैंड के बेसबॉल स्टाइल क्रिकेट को देखने के लिए फैंस बेसब्री से इंतजार करते हैं। लेकिन अगर मीडिया राइट्स नहीं बिकते हैं तो यह सीरीज सिर्फ पाकिस्तान के घरेलू दर्शकों तक ही सीमित रह जाएगी।

स्काई स्पोर्ट्स ने दिखाई बेरुखी

आमतौर पर स्काई स्पोर्ट्स यूके इंग्लैंड के Pakistan दौरे को कवर करने के लिए Pakistan क्रिकेट बोर्ड के साथ साझेदारी करता है। लेकिन इस बार, स्काई स्पोर्ट्स ने पाकिस्तान-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के राइट्स खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। यह पीसीबी के लिए एक और बड़ा झटका है, क्योंकि स्काई स्पोर्ट्स इंग्लैंड में क्रिकेट प्रसारण का एक प्रमुख माध्यम है।

आईसीसी और बीसीसीआई का रोल

अब सवाल यह उठता है कि इस संकट में ICC और BCCI की क्या भूमिका है? PCB इस समय पूरी कोशिश कर रहा है कि किसी भी कीमत पर मीडिया अधिकार बेचे जाएं ताकि वह ब्लैकआउट से बच सके। ICC ने पहले ही चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारियों के लिए PCB को कुछ आर्थिक मदद दी है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इस समय BCCI की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

अगर BCCI टीम इंडिया को पाकिस्तान में खेलने के लिए मना लेता है और भारत सरकार सुरक्षा आश्वासन को स्वीकार कर लेती है, तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को करोड़ों का फायदा हो सकता है। इससे पाकिस्तान क्रिकेट के लिए यह बड़ा आर्थिक संकट कुछ हद तक कम हो सकता है।

इंग्लैंड-पाकिस्तान टेस्ट सीरीज का महत्व

इस टेस्ट सीरीज की अहमियत सिर्फ मीडिया राइट्स तक सीमित नहीं है। इंग्लैंड और पाकिस्तान दोनों के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में जगह बनाने के लिए यह सीरीज काफी अहम है। दोनों टीमों के पास इस सीरीज के जरिए WTC फाइनल की रेस में बने रहने का मौका है। जो भी टीम यह सीरीज हारेगी, वह सीधे फाइनल की रेस से बाहर हो जाएगी।

हालांकि पाकिस्तान की स्थिति पहले से ही खराब है, लेकिन इंग्लैंड अभी भी कुछ मौकों के साथ फाइनल की रेस में बना हुआ है। ऐसे में यह सीरीज इंग्लैंड के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। अगर ग्लोबल ब्लैकआउट होता है, तो यह सीरीज अंतरराष्ट्रीय प्रशंसकों तक नहीं पहुंच पाएगी, जिससे क्रिकेट का रोमांच कम हो जाएगा।

पाकिस्तान क्रिकेट का भविष्य और चुनौतियां

पाकिस्तान क्रिकेट इस समय गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जिस तैयारियों की बात की जा रही है, उसमें अभी भी बहुत काम बाकी है। आईसीसी से मिली वित्तीय मदद पर्याप्त नहीं है और नवंबर तक काम पूरा होने की उम्मीद है। अगर बीसीसीआई टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने के लिए राजी हो जाता है तो इससे पीसीबी को बड़ी राहत मिलेगी। इससे पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों में बड़ी संख्या में दर्शक आते रहे हैं, जिससे पीसीबी को बड़ा वित्तीय फायदा हो सकता है।

निष्कर्ष

पाकिस्तान क्रिकेट इस समय बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के मीडिया राइट्स न बिकने से ग्लोबल ब्लैकआउट का खतरा मंडरा रहा है, जिससे पीसीबी को करोड़ों का नुकसान हो सकता है। इस समय आईसीसी और बीसीसीआई की भूमिका अहम है, क्योंकि अगर टीम इंडिया पाकिस्तान में खेलने के लिए राजी हो जाती है तो यह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए बड़ी राहत की बात हो सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस चुनौती का सामना कैसे करता है और इंग्लैंड-पाकिस्तान टेस्ट सीरीज का वैश्विक प्रसारण होगा या नहीं।

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