Brand : दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि हल्दीराम जैसे बड़े Brand का एक आउटलेट चार साल चलने के बाद क्यों बंद हो गया? ऐसा Brand जो ग्राहकों के बीच विश्वसनीयता का प्रतीक माना जाता है, आखिरकार अपना बोर्ड क्यों उतारना पड़ा?
इस स्टोर को खोलने और फ्रेंचाइजी लेने में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आया होगा। अब आप सोच सकते हैं कि इसके मालिक ने कितनी कमाई की होगी। लेकिन जो भी कमाया गया, वह शायद नुकसान में चला गया होगा।
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क्वालिटी पर ध्यान देना क्यों जरूरी है?
जब आप अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी पर ध्यान नहीं देते और अपने ग्राहकों का ख्याल नहीं रखते, तो इसका अंजाम यही होता है। मैं खुद इस आउटलेट पर कई बार गया हूं। हल्दीराम के स्वीट्स और खाने की क्वालिटी पहले अच्छी होती थी। लेकिन करीब 7-8 महीने पहले मैंने यहां का “हल्दीराम स्पेशल नूडल” खाया, और उसकी क्वालिटी सड़क किनारे ठेले वाले नूडल्स जैसी थी।
उस दिन के बाद मैंने इस आउटलेट पर जाना बंद कर दिया। असल में, हर ग्राहक को प्रोडक्ट की क्वालिटी का अनुभव होता है। अगर आप उन्हें अच्छी क्वालिटी नहीं देते, तो वे दोबारा नहीं आते।
क्या हुआ जब कस्टमर टूटने लगे?
जब प्रोडक्ट की क्वालिटी खराब हुई, तो ग्राहक टूटने लगे। ग्राहक कम होने के कारण कॉस्ट कटिंग शुरू हुई, और अंततः हल्दीराम का बोर्ड हटाकर इस आउटलेट को “हरिराम” में बदल दिया गया। लेकिन सच यह है कि जब आपका प्रोडक्ट सही नहीं होता, तो नाम बदलने से भी कुछ नहीं बदलता।
Brand और प्रोडक्ट का रिश्ता
Brand ग्राहकों को आकर्षित करता है, लेकिन ग्राहक दोबारा तभी आते हैं जब आपका प्रोडक्ट उनकी उम्मीदों पर खरा उतरता है।
क्या सिखाया इस घटना ने?
- क्वालिटी ही सबसे बड़ी पहचान है: चाहे Brand कितना ही बड़ा हो, अगर प्रोडक्ट की क्वालिटी खराब होगी, तो ग्राहक दूर हो जाएंगे।
- ग्राहकों का विश्वास बनाना जरूरी है: एक बार अगर ग्राहक का भरोसा टूट गया, तो उसे वापस पाना मुश्किल हो जाता है।
- कॉस्ट कटिंग से बचें: गुणवत्ता से समझौता करने से हमेशा नुकसान होता है।
निष्कर्ष
इस घटना से हमें यह सीखने को मिलता है कि बड़े Brand होने से ही सबकुछ नहीं हो जाता। ग्राहकों का विश्वास और प्रोडक्ट की क्वालिटी ही किसी व्यवसाय की असली पूंजी होती है। यदि इन दोनों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो बड़े से बड़ा Brand भी विफल हो सकता है।
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