इस Big Updte के बारे में सभी Option Trader को जनना जरूरी है।

अगर आप Option Trader हैं तो आपके लिए बुरी समाचार है, सरकार द्वारा आपको आपके लाभ पर 30% तक टीडीएस देना पड़ सकता है।

अभी तक यह खबर आधिकारिक तौर पर नहीं आई है लेकिन कहा जा रहा है कि Option Trader के मुनाफे पर 30% टीडीएस काटा जाएगा, इसकी पूरी पुष्टि होनी बाकी है और बजट के दिन ही इसकी पुष्टि होगी कि टीडीएस लिया जाएगा या नहीं। 30% ही लिया जाएगा या उससे कम या ज्यादा, इस बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

अगर इसे लागू किया जाता है तो Option Trader को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि Option Trader में पहले से ही काफी जोखिम होता है और उसके बाद ही कुछ मुनाफा कमाया जाता है और सेबी ने एक आधिकारिक नोट भी जारी किया है कि सौ प्रतिशत ऑप्शन ट्रेड में से लगभग 95%,96% ऑप्शन ट्रेड में पैसा डूबता है और 4-5% ट्रेड में पैसा बनता है। 

लेकिन अगर 30% भी लागू हो गया तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी, क्या करूं, मान लीजिए कोई ऑप्शन ट्रेड है, उसने ₹1000 का मुनाफा कमाया है, उससे पहले ₹300 लिए जाएंगे, उसके अलावा ब्रोकरेज, जीएसटी और कई तरह के चार्ज भी लिए जाते हैं, तो सब कुछ मिलाकर देखा जाए तो इतना जोखिम लेने के बाद ट्रैडर के पास बहुत कम पैसे बचेंगे, तो ऑप्शन ट्रेडर के लिए यह बहुत ही दुखद खबर है।

अभी तक सरकार यही कह रही थी कि अगर आप Option Trader करते हैं तो उसे ऑप्शन ट्रेडिंग ही माना जाता था, इसलिए आपने पूरे साल में जो मुनाफा कमाया, उस मुनाफे के आधार पर देखा जाता था कि आप इनकम टैक्स के किस पक्ष में आते हैं, तो उसके हिसाब से आपको 5% से 30% तक टैक्स देना पड़ता था और ये किसी भी बिजनेस के लिए एक जैसा ही था और ऑप्शन ट्रेडिंग को भी बिजनेस ही माना जाता था, इसलिए बिजनेस में आपको अपने 1 साल के मुनाफे पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता था।

अभी तक Option Trader को एक बिजनेस की तरह माना जाता था। लेकिन आप इसे स्पीक रिलेटिव इनकम माना जाने लगा है जिससे कोई नुकसान होगा की वह कितना भी प्रॉफिट कमाए उनको 30% प्रतिशत टीडीएस के तौर पर देना ही पड़ेगा।

Option Trader को कभी-कभी एक व्यापार के रूप में देखा जाता है और किसी भी व्यापार में यदि आपको घाटा होता है तो आपके लाभ की ऑफसेटिंग की जाती है और उसके बाद बचे हुए लाभ पर टैक्स देना होता है लेकिन यदि यह सट्टेबाज़ी किसी व्यापार की आय के अंतर्गत आती है तो आप उसके द्वारा दिए जाने वाले ऑफसेटिंग ऑप्शन का उपयोग नहीं कर सकते हैं और आपको सीधे प्रतिशत नियम का भुगतान करना होता है जैसे वर्तमान में Option Trader पर 30% टीडीएस का नियम लागू होने जा रहा है उसके बाद आपको अपने लाभ पर 30% का भुगतान करना होगा।

यदि यह नियम लागू होता है तो यह समझा जा सकता है कि जो ट्रेडर्स Option Trader करते हैं उन पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वे इस नियम से पहले भी 30% टैक्स दे रहे थे और इस नियम के लागू होने के बाद भी उतना प्रतिशत नहीं देंगे लेकिन इसका बुरा असर सिर्फ नए और छोटे ट्रेडर्स पर ही देखने को मिलेगा क्योंकि भले ही उनका मुनाफा कम हो रहा हो लेकिन उन्हें टीडीएस के रूप में 30% टैक्स देना होगा जिसका उन पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

और इस नियम का असर घाटे में चल रहे व्यापारियों की बजाय मुनाफा कमाने वाले व्यापारियों पर ज्यादा पड़ेगा। अब यह सरकार कह सकती है कि यह नियम खुदरा व्यापारियों के फायदे के लिए लाया जाएगा, लेकिन आंकड़ों से ऐसा नहीं लगता।

यह भी जानना है की सरकार इसमें पड़ क्यों रही है?

ऐसा लगता है कि सरकार दो कारणों से इसमें शामिल हो रही है।

  1. कुल मिलाकर टर्नओवर, चाहे वह नोशनल हो या प्रीमियम, बढ़ रहा है। जहाँ तक जानकारी उपलब्ध है, यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय टर्नओवर देखा जा रहा है। लेकिन नोशनल और प्रीमियम में बहुत बड़ा अंतर है। 
  2. दूसरा कारण यह बताया जा रहा है कि अन्य स्टेटस 89% होने और रोजाना पैसे देने से बचने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

लोगों के काम प्रभावित हो सकते हैं और मानक घरेलू आय का मुद्दा सामने आ रहा है, यह कहने के लिए सरकार नहीं है, इसलिए यह नियम लाया जा रहा है ताकि उन लोगों को ज्यादा नुकसान न हो।

जो यह नियम लाया जा रहा है उसका नुकसान यह होगा कि ट्रेडर्स सोचेंगे कि मैंने तो पहले ही कोई मुनाफा नहीं कमाया तो मैं टैक्स क्यों दूं और इसके बाद भी अगर टैक्स देने की बात आती है तो वे उस सेगमेंट में ट्रेडिंग करना बंद कर देंगे और वही ट्रेडर्स जाकर क्रिप्टो ट्रेडिंग, डब्बा ट्रेडिंग या कोई और रंग ट्रेडिंग करेंगे जिसके लिए किसी तरह की जानकारी लेने की जरूरत नहीं है वे सिर्फ जुए की तरह ट्रेडिंग करते हैं और घाटा उठाते हैं।

और इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह किसी भी प्राधिकरण के अंतर्गत नहीं आता है और न ही यह सेबी के अंतर्गत आता है, जिसके कारण इन सभी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर ट्रैडिंग करना और भी अधिक हानिकारक है।

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