NPS Vatsalya Yojana: माता-पिता हमेशा अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हैं। वे उनकी पढ़ाई से लेकर शौक और उनकी भावी ज़िंदगी की सभी ज़रूरतों का ख्याल रखते हैं। ऐसे में परिवार नियोजन और बचत भी इसी के तहत की जाती है ताकि बच्चों को भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो।
अब सवाल यह है कि बच्चों के भविष्य को बेहतर तरीके से कैसे सुरक्षित किया जाए? केंद्र सरकार ने इस चिंता को दूर करने के लिए एक नई योजना NPS Vatsalya Yojana शुरू की है। यह योजना पेंशन योजना के ज़रिए बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का एक बेहतरीन विकल्प है, जिसे माता-पिता अपने बच्चों के नाम पर शुरू कर सकते हैं।
क्या है NPS Vatsalya Yojana?
NPS Vatsalya Yojana बच्चों के लिए एक खास पेंशन योजना है, जिसमें निवेश करने से उनके भविष्य में एक बड़ा फंड जमा होगा। इस फंड का इस्तेमाल बच्चे की पढ़ाई से लेकर उसके रिटायरमेंट तक किया जा सकता है। बच्चों के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने यह योजना शुरू की है।
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कैसे काम करती है NPS Vatsalya Yojana?
माता-पिता अपने बच्चों के नाम पर इस योजना में पेंशन खाता खोल सकते हैं। इस खाते में सालाना कम से कम ₹1000 जमा करना होता है, हालांकि अधिकतम जमा राशि की कोई सीमा नहीं है। जितनी बड़ी राशि जमा होगी, चक्रवृद्धि ब्याज के साथ उतना ही बड़ा फंड तैयार होगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई माता-पिता अपने बच्चे के जन्म के तुरंत बाद सालाना ₹1000 लाख जमा करना शुरू कर देता है, तो 18 साल तक इस योजना में करीब ₹1000 8 लाख का निवेश हो जाएगा।
चक्रवृद्धि ब्याज के साथ यह राशि कई गुना बढ़ सकती है और बच्चे के भविष्य के लिए एक मजबूत वित्तीय आधार तैयार हो जाएगा। तीन अलग-अलग ब्याज दरें और उनकी संभावनाएँ इस योजना में निवेश करते समय तीन तरह की ब्याज दरों का विकल्प दिया जाता है: 1. LC 75 (बड़ा जोखिम, बड़ा रिटर्न) – इसमें आपको बड़ा रिटर्न मिलने की संभावना है, लेकिन जोखिम भी अधिक है। 2. LC 50 (संतुलित रिटर्न) – यह योजना कम जोखिम के साथ संतुलित रिटर्न देती है। 3. LC 25 (कम जोखिम, स्थिर रिटर्न) – जोखिम कम है, लेकिन रिटर्न स्थिर है।
जब बच्चा 60 वर्ष का हो जाता है, तो फंड का उपयोग
जब बच्चा 60 वर्ष का हो जाता है, तो इस योजना के तहत जमा किया गया फंड एक बड़ा कोष बन जाएगा। उस समय, बच्चे के पास फंड का 20% निकालने और शेष 80% फंड से मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक आधार पर पेंशन के रूप में राशि प्राप्त करने का विकल्प होगा।
NPS Vatsalya Yojana का कर लाभ और अन्य लाभ
– इस योजना के तहत निकाले गए धन का 60% तक कर मुक्त लाभ मिलेगा।
– अभिभावक की मृत्यु के बाद योजना में एक नया अभिभावक नियुक्त किया जा सकता है।
– यदि माता-पिता दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो कानूनी अभिभावक बच्चे के 18 वर्ष का होने तक खाते को बनाए रख सकता है।
– 3 साल की लॉक-इन अवधि के बाद, आप शिक्षा या बीमारी जैसी किसी भी महत्वपूर्ण आवश्यकता के लिए निवेशित योगदान का 25% निकाल सकते हैं।
कौन पात्र है और खाता कैसे खोलें?
– पात्रता: NPS Vatsalya Yojana का लाभ उठाने के लिए बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। इसके अलावा पैन कार्ड और आधार कार्ड होना जरूरी है।
– निवेश: न्यूनतम निवेश ₹1000 से शुरू किया जा सकता है, और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।
– दस्तावेज: खाता खोलने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और माता-पिता का पहचान पत्र जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या वोटर आईडी कार्ड की आवश्यकता होती है।
योजना कहां से शुरू करें?
NPS Vatsalya Yojana को पोस्ट ऑफिस, बैंक या ऑनलाइन के जरिए शुरू किया जा सकता है। केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और अन्य प्रमुख बैंकों में यह सुविधा उपलब्ध है।
निष्कर्ष: बच्चों का भविष्य सुरक्षित करें
NPS Vatsalya Yojana बच्चों के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने का एक अनूठा विकल्प है। सिर्फ ₹1000 बचाकर आप अपने बच्चों के बुढ़ापे की चिंता से मुक्त हो सकते हैं। NPS Vatsalya Yojana कम जोखिम, बेहतर रिटर्न और टैक्स लाभ का लाभ भी देती है।
तो NPS Vatsalya Yojana के बारे में आपके क्या विचार हैं? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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