New possibilities of Riyan Parag’s role after Gautam Gambhir became the head coach of Team India

Gautam Gambhir को टीम इंडिया का हेड कोच नियुक्त किया गया, तो कई लोगों ने कहा कि अब कुछ अप्रत्याशित की उम्मीद की जा सकती है। गंभीर अपने अलग सोच और रणनीतियों के लिए जाने जाते हैं, और उन्होंने पहले टी20 मैच में ऐसा ही किया। सवाल उठता है कि क्या रियान पराग गौतम गंभीर के सुनील नरेन बन सकते हैं?

सुनील नरेन वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने Gautam Gambhir की सोच को एक नई दिशा दी थी। जब Gautam Gambhir कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) में शामिल हुए, तो उन्होंने सिर्फ दो बदलाव किए थे – एक सुनील नरेन को ओपनिंग करवाना और दूसरा मिशेल स्टार्क को टीम में लाना। इन दोनों बदलावों को लेकर काफी सवाल उठे थे, लेकिन जब आईपीएल समाप्त हुआ, तो इन दोनों खिलाड़ियों ने केकेआर को जीत दिलाई।

Gautam Gambhir अब टीम इंडिया के हेड कोच बने हैं और उन्होंने रियान पराग को मौका दिया। रियान पराग जब 17वें ओवर में गेंदबाजी करने आए, तो लोग हैरान थे। बैटिंग में रियान पराग फ्लॉप हो चुके थे, लेकिन Gautam Gambhir ने उन पर भरोसा जताया।

रियान पराग का फर्स्ट क्लास करियर पिछले एक-दो साल में काफी अच्छा रहा था। उन्होंने एक बल्लेबाज के रूप में जबरदस्त प्रदर्शन किया था और एक गेंदबाज के रूप में भी ठीक-ठाक रहे थे। लेकिन अब Gautam Gambhir युग में उन्होंने 17वें और 20वें ओवर में गेंदबाजी करके सबको चौंका दिया। इसीलिए लोग कह रहे हैं कि क्या रियान पराग Gautam Gambhir के सुनील नरेन बन सकते हैं?

जब पूरी दुनिया सुनील नरेन को खत्म मान रही थी, तब Gautam Gambhir ने उन पर भरोसा किया था। अब रियान पराग पर भी ऐसा ही भरोसा जताया जा रहा है। पूरी दुनिया को शक है कि रियान पराग में दम नहीं है। लोग सवाल उठाते हैं कि संजू सैमसन, शिवम दुबे और वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को कैसे बाहर बैठाया जा सकता है, जबकि रियान पराग को टीम में रखा गया है। लेकिन गंभीर ने कहा, “रुको, जरा सब्र करो।”

रियान पराग ने 2024 के आईपीएल में 488 रन बनाए थे, 180 के स्ट्राइक रेट के साथ, और उन्होंने 17 विकेट भी लिए थे, इकॉनमी 6.6 की थी। यह प्रदर्शन अद्वितीय था। जब सबको लगा कि रियान पराग का कोई उपयोग नहीं है, तब उन्होंने साबित किया कि वह एक मैच फिनिशर हैं। उन्होंने एक ओवर में दो गेंदों में पांच रन और तीन विकेट लेकर मैच खत्म कर दिया।

श्रीलंका जो 140 पर एक थी, वह 20 ओवर भी नहीं खेल पाई। आखिरी के पांच ओवरों में रियान पराग ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। पहले बॉल पर विकेट, फिर सिंगल, फिर डॉट बॉल, फिर विकेट, और फिर सिंगल-सिंगल, सिर्फ पांच रन दिए। 20वें ओवर में भी पहली बॉल पर विकेट, दूसरी बॉल पर विकेट और मैच खत्म।

रियान पराग ने सात बॉल में तीन विकेट लेकर मैच खत्म कर दिया। यह प्रदर्शन लोगों को सुनील नरेन की याद दिला गया। अक्षर पटेल और सूर्यकुमार यादव ने भी कहा था कि वे रियान पराग को हाईली रेट करते हैं। उन्होंने आईपीएल और एनसीए में उनसे मुलाकात की थी और पाया कि उनमें एक्स फैक्टर है।

टीम इंडिया में कई बड़े खिलाड़ी बाहर बैठे हैं, जैसे वाशिंगटन सुंदर, संजू सैमसन और शिवम दुबे। ऐसे में रियान पराग का चयन कई लोगों को चौंकाने वाला लगा। लेकिन गौतम गंभीर ने उन्हें टीम में मौका दिया और उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को चुप करा दिया।

Gautam Gambhir का यह कदम बताता है कि वह अप्रत्याशित को अपेक्षित बनाने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने पहले भी ऐसा किया था और अब भी कर रहे हैं। देखते हैं कि रियान पराग उनके सुनील नरेन बन पाते हैं या नहीं।

Gautam Gambhir ने टीम इंडिया के हेड कोच के रूप में एक नया युग शुरू किया है और रियान पराग को मौका देकर उन्होंने दिखा दिया है कि वह नवाचार में विश्वास रखते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रियान पराग Gautam Gambhir की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं और क्या वह उनकी टीम के अगले स्टार बन पाते हैं।

रियान पराग की चुनौतियाँ और अवसर

रियान पराग को जब टीम में शामिल किया गया, तो कई लोग हैरान थे। उनका हालिया प्रदर्शन कुछ खास नहीं था और कई लोग सवाल उठा रहे थे कि उन्हें टीम में क्यों शामिल किया गया। लेकिन Gautam Gambhir का दृष्टिकोण अलग था। उन्होंने रियान पराग में वह काबिलियत देखी, जो शायद दूसरों को नहीं दिखी।

Gautam Gambhir ने कहा था कि वह रियान पराग को एक फिनिशर के रूप में देखते हैं, जो किसी भी वक्त मैच को पलट सकता है। यह विश्वास तब और मजबूत हुआ जब रियान पराग ने महत्वपूर्ण मौकों पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया।

श्रीलंका के खिलाफ मैच में, रियान पराग ने अपने गेंदबाजी कौशल से सबको प्रभावित किया। जब टीम संकट में थी, तब उन्होंने शानदार गेंदबाजी करके मैच को भारत के पक्ष में मोड़ दिया। उनके इस प्रदर्शन ने Gautam Gambhir के फैसले को सही साबित कर दिया।

रियान पराग ने यह साबित किया कि वह एक उपयोगी खिलाड़ी हैं, जो किसी भी परिस्थिति में टीम के लिए योगदान दे सकते हैं। उनकी गेंदबाजी ने सबको चौंका दिया और उनके बल्लेबाजी कौशल ने भी टीम को महत्वपूर्ण रन दिए।

Gautam Gambhir का दृष्टिकोण और उनकी रणनीति

Gautam Gambhir का दृष्टिकोण हमेशा से अलग और नवाचारी रहा है। उन्होंने केकेआर के लिए जब सुनील नरेन को ओपनर बनाया, तो कई लोगों ने इस फैसले को उटपटांग माना। लेकिन यह निर्णय एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ।

Gautam Gambhir ने हमेशा से ही खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचानने और उनका सही उपयोग करने में विश्वास रखा है। उन्होंने रियान पराग में भी वही क्षमता देखी है, जो उन्होंने सुनील नरेन में देखी थी।

Gautam Gambhir का यह विश्वास उनके कोचिंग शैली का हिस्सा है। वह खिलाड़ियों को स्वतंत्रता और विश्वास देते हैं, ताकि वे अपने खेल को और बेहतर बना सकें। रियान पराग के साथ भी उन्होंने यही किया और परिणाम सबके सामने है।

भविष्य की उम्मीदें और चुनौतियाँ

रियान पराग का चयन और उनका प्रदर्शन भविष्य में टीम इंडिया के लिए उम्मीदें और चुनौतियाँ दोनों ही लेकर आता है। गंभीर का यह फैसला कि उन्होंने रियान पराग को मौका दिया, टीम के बाकी खिलाड़ियों के लिए भी एक संदेश है कि प्रतिभा और प्रदर्शन के आधार पर ही टीम में जगह मिलेगी।

आने वाले मैचों में यह देखना दिलचस्प होगा कि रियान पराग कैसे अपनी जगह को मजबूत करते हैं और टीम के लिए कितना योगदान दे पाते हैं। उनके प्रदर्शन पर सभी की नजरें होंगी और उन्हें अपनी क्षमता को साबित करना होगा।

निष्कर्ष

Gautam Gambhir के नेतृत्व में टीम इंडिया एक नए युग की ओर बढ़ रही है। उनकी रणनीतियाँ और फैसले हमेशा से ही चौंकाने वाले रहे हैं, लेकिन उन्होंने हर बार साबित किया है कि उनके फैसलों के पीछे एक ठोस विचार होता है। रियान पराग का चयन और उनका प्रदर्शन इसका जीवंत उदाहरण है।

Gautam Gambhir ने दिखा दिया है कि वे नवाचार और प्रतिभा को महत्व देते हैं और उन्हें सही अवसर प्रदान करते हैं। रियान पराग का भविष्य उज्जवल है और अगर वह इसी तरह प्रदर्शन करते रहे, तो वह निश्चित ही गंभीर के सुनील नरेन बन सकते हैं। अब यह देखना बाकी है कि रियान पराग कैसे अपने खेल को और बेहतर बनाते हैं और टीम इंडिया के लिए और क्या-क्या योगदान देते हैं।

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