जब हम व्यापारिक घरानों की बात करते हैं, तो भारत में ऐसे कई समूह हैं जिन्होंने दशकों से अपनी सफलता की कहानियां लिखी हैं। ऐसे ही एक समूह की कहानी है, Murugappa Group की। यह समूह करीब 7200 करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ कई पीढ़ियों से एक साथ काम कर रहा था, लेकिन अब इसमें बंटवारे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। Murugappa Group शुगर से लेकर फर्टिलाइजर, इंजीनियरिंग से लेकर फाइनेंशियल सर्विसेस जैसे विविध क्षेत्रों में कारोबार कर रहा है। इस ब्लॉग में हम इस समूह के बंटवारे और इसके पीछे के कारणों पर एक नजर डालेंगे।
Murugappa Group: एक परिचय
Murugappa Group दक्षिण भारत का एक प्रतिष्ठित कारोबारी घराना है। इस समूह की नींव मुर्ग चेटर द्वारा रखी गई थी और तब से इसने कई व्यवसायिक क्षेत्रों में सफलता हासिल की है। इस समूह की 30 से अधिक कंपनियां हैं, जिनमें से 10 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इस समूह के संचालन में परिवार के तीन बड़े समूह शामिल हैं। यह समूह शुगर, फर्टिलाइजर, इंजीनियरिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज़ जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है, और इसका कारोबार लाखों करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
Murugappa Group की बंटवारे की शुरुआत:
बंटवारे की शुरुआत तब हुई जब परिवार की नई पीढ़ी ने समूह के व्यवसाय को अपने ढंग से संचालित करने की इच्छा जताई। हालांकि शुरुआत में यह बंटवारा आपसी सहमति से होता दिख रहा था, लेकिन समय के साथ इसमें कई विवाद उभरने लगे। परिवार के सदस्य कारोबार के विभाजन और हिस्सेदारी को लेकर अलग-अलग विचारधाराओं पर अड़े हुए हैं।
Table of Contents
सीजी पावर का टर्नअराउंड:
Murugappa Group के बंटवारे का सबसे बड़ा कारण सीजी पावर कंपनी है। इस कंपनी को समूह की ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया (TII) ने 4 साल पहले खरीदा था, और तब से कंपनी ने तेजी से प्रगति की है। सीजी पावर के शेयरों में शानदार बढ़त देखी गई, और कंपनी के मूल्य में भारी इजाफा हुआ। 2023 तक सीजी पावर के शेयरों में 1502% की वृद्धि हो चुकी है। इस अद्वितीय बढ़ोतरी ने परिवार के तीन प्रमुख धड़ों के बीच तनाव पैदा कर दिया है।
चोल मंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस का मामला:
चोल मंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस भी एक बड़ी कंपनी है, जिसका Murugappa Group में महत्वपूर्ण स्थान है। इसका मार्केट कैप अब ₹1 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच गया है। इस कंपनी के बढ़ते मूल्य ने परिवार के भीतर असंतोष को और बढ़ा दिया है। परिवार के सदस्यों के बीच यह विवाद हो रहा है कि मौजूदा कारोबारी ढांचे में किस प्रकार तीन समान समूहों में विभाजन किया जा सकता है।
फैमिली एग्रीमेंट और उसका प्रभाव:
Murugappa Group की संरचना एक होल्डिंग कंपनी अंबाडी इन्वेस्टमेंट्स के माध्यम से संचालित होती है। इस होल्डिंग कंपनी के जरिए समूह की सात ब्रांचेस विभिन्न कंपनियों का संचालन करती हैं। कारोबार कैसे चलेगा, इसे लेकर पहले से एक फैमिली एग्रीमेंट है, जो काफी लंबे समय से बिना किसी बदलाव के चला आ रहा है। हालांकि अब इस एग्रीमेंट पर पुनर्विचार करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
टीवीएस ग्रुप की तर्ज पर बंटवारा:
Murugappa Group का फैमिली सेटलमेंट टीवीएस ग्रुप के सेटलमेंट की तर्ज पर करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब यह रास्ता बंद होता दिख रहा है। यह सेटलमेंट कैसे होगा और परिवार के सदस्य इसे किस प्रकार से स्वीकार करेंगे, यह अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
Murugappa Group की विवाद की जड़:
विवाद की जड़ यह है कि समूह की कंपनियों की वैल्यूएशन में असाधारण वृद्धि हो रही है। सीजी पावर, चोल मंडलम इन्वेस्टमेंट्स, और अन्य प्रमुख कंपनियों के शेयरों में तेजी से उछाल आया है, जिससे परिवार के धड़ों में समान विभाजन का मुद्दा और पेचीदा हो गया है।
अर्थशास्त्र के नजरिए से:
व्यवसायिक बंटवारे के पीछे का आर्थिक तर्क यह है कि किसी भी कंपनी या समूह का मूल्यांकन उसकी बाजार स्थिति और भविष्य की संभावनाओं के आधार पर किया जाता है। Murugappa Group की प्रमुख कंपनियों की जबरदस्त वृद्धि ने इनकी वैल्यूएशन को बढ़ा दिया है। शेयरधारकों और मालिकों के लिए, जब कंपनियों की वैल्यू बढ़ती है, तो बंटवारे की प्रक्रिया कठिन हो जाती है क्योंकि सभी हितधारक समान हिस्सेदारी चाहते हैं।
इस स्थिति में, उचित वैल्यूएशन और एसेट्स का विभाजन एक जटिल प्रक्रिया होती है। व्यापारिक परिवारों के मामले में, यह और भी पेचीदा हो जाता है क्योंकि व्यक्तिगत रिश्तों और भावनात्मक बंधनों की भी बड़ी भूमिका होती है। व्यवसाय का विभाजन करना एक बात है, लेकिन परिवार को एकजुट रखना एक और चुनौतीपूर्ण काम है।
समाप्ति:
Murugappa Group का बंटवारा सिर्फ एक कारोबारी फैसला नहीं है, यह एक पीढ़ियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। एक साथ काम करने वाले परिवार के सदस्यों के बीच बंटवारा करना आसान नहीं होता। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि व्यवसाय के साथ-साथ परिवार को एकजुट रखना कितना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब बात बड़े पैमाने पर वित्तीय संपत्तियों और बाजार मूल्यांकन की हो।
Murugappa Group का यह बंटवारा आने वाले समय में भारतीय व्यापारिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित करेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
यह भी पढ़ें: जमा वृद्धि और ऋण वृद्धि का विश्लेषण