आज के दिन मार्केट में दो प्रमुख आईपीओ, MK & Pharmaceuticals और Bansal Wires, पर खासा ध्यान केंद्रित है। दोनों आईपीओ के दूसरे दिन की सब्सक्रिप्शन स्थिति, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP), और अंतिम दिन की तैयारियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इससे पहले कि हम शुरू करें, यह समझना महत्वपूर्ण है कि एनएसई ने आईपीओ के प्री मार्केट में 90% प्राइस लिमिट तय की है। इस लेख में, हम इन परिवर्तनों के प्रभावों और दोनों आईपीओ के भविष्य के संभावित परिणामों पर चर्चा करेंगे।
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MK & Pharmaceuticals आईपीओ: सब्सक्रिप्शन और विश्लेषण
MK & Pharmaceuticals का आईपीओ दो दिन में लगभग पांच गुना सब्सक्राइब हो चुका है, जो लगभग 900 करोड़ रुपये की राशि है। इस आईपीओ के विभिन्न श्रेणियों में सब्सक्रिप्शन की स्थिति इस प्रकार है:
– क्यूआईबी पोर्शन: 0.97 टाइम्स (अंडर सब्सक्राइब)
– एनआईआई पोर्शन: 13.99 टाइम्स (उच्च सब्सक्रिप्शन)
– रिटेल पोर्शन: 3.55 टाइम्स
– एंप्लॉई पोर्शन: 4.92 टाइम्स
ये आंकड़े बताते हैं कि एनआईआई श्रेणी में अधिक सब्सक्रिप्शन हुआ है, जबकि क्यूआईबी श्रेणी में अभी भी अधिक सब्सक्रिप्शन की उम्मीद है। एंकर लिस्ट भी अच्छी आई है, जो इस आईपीओ के प्रति सकारात्मक संकेत है।
ग्रे मार्केट में इस आईपीओ का प्रीमियम लगभग 30% है। हालांकि, जीएमपी केवल एक अनुमान है और इसे अंतिम निर्णय के लिए पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं माना जाना चाहिए। क्यूआईबी का सब्सक्रिप्शन कल दोपहर 2 बजे के आसपास पता चलेगा, जो इस आईपीओ की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
फाइनल डिसीजन:
– एंकर लिस्ट और सब्सक्रिप्शन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह आईपीओ लिस्टिंग गेंस के हिसाब से अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
– जीएमपी और एंकर लिस्ट के सकारात्मक संकेतों के बावजूद, क्यूआईबी सब्सक्रिप्शन पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।
– प्रमोटर्स ग्रुप में नमिता थापड़ जैसी चर्चित शख्सियत का होना भी इस आईपीओ के प्रति सकारात्मकता को बढ़ाता है।
Bansal Wires आईपीओ: सब्सक्रिप्शन और विश्लेषण
Bansal Wires का आईपीओ भी दो दिन में छह गुना सब्सक्राइब हो चुका है, जिसमें लगभग 3162 करोड़ रुपये की राशि निवेशित है। इस आईपीओ के विभिन्न श्रेणियों में सब्सक्रिप्शन की स्थिति इस प्रकार है:
– क्यूआईबी पोर्शन: अंडर सब्सक्राइब
– एनआईआई पोर्शन: 12.84 टाइम्स
– रिटेल पोर्शन: 6.57 टाइम्स
रिटेल श्रेणी में अधिक सब्सक्रिप्शन हुआ है, जो छोटे निवेशकों के बीच इस आईपीओ की लोकप्रियता को दर्शाता है। एंकर लिस्ट भी ठीक आई है, जो इस आईपीओ के प्रति सकारात्मक संकेत है।
ग्रे मार्केट में इस आईपीओ का प्रीमियम लगभग 20% है। जैसे कि MK & Pharmaceuticals के मामले में, यहाँ भी जीएमपी केवल एक अनुमान है और इसे अंतिम निर्णय के लिए पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं माना जाना चाहिए।
फाइनल डिसीजन:
– लिस्टिंग गेंस के हिसाब से, सब्सक्रिप्शन और एंकर लिस्ट के संकेतों को देखते हुए, यह आईपीओ भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
– जीएमपी और एंकर लिस्ट के सकारात्मक संकेतों के बावजूद, क्यूआईबी सब्सक्रिप्शन पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।
– छोटे इशू साइज के कारण अलॉटमेंट के चांसेस थोड़े कम हो सकते हैं।
एनएसई की नई 90% प्राइस लिमिट का प्रभाव
एनएसई द्वारा प्री मार्केट में 90% प्राइस लिमिट तय करने का निर्णय आईपीओ बाजार पर कई प्रभाव डाल सकता है। इस नए नियम के तहत, प्री मार्केट में अधिकतम प्रॉफिट 90% तक ही सीमित रहेगा। इससे कुछ संभावित प्रभाव हो सकते हैं:
1. सब्सक्रिप्शन में कमी: अधिकतम प्रॉफिट की सीमा तय होने से निवेशकों की रुचि में कमी आ सकती है, जिससे सब्सक्रिप्शन में कमी हो सकती है।
2. फर्जी कंपनियों का निष्कासन: यह नियम छोटी और फर्जी कंपनियों के आईपीओ को हतोत्साहित कर सकता है, जिससे केवल अच्छी और विश्वसनीय कंपनियां ही आईपीओ ला पाएंगी।
3. मार्केट की स्थिरता: यह निर्णय मार्केट को स्थिर बनाए रखने में मदद कर सकता है, क्योंकि अत्यधिक प्रॉफिट की सीमा तय होने से अनियमितताओं को कम किया जा सकता है।
समग्र विश्लेषण और निष्कर्ष
MK & Pharmaceuticals और Bansal Wires दोनों ही आईपीओ अपने-अपने तरीकों से निवेशकों के लिए आकर्षक साबित हो रहे हैं। हालांकि, एनएसई की नई प्राइस लिमिट का प्रभाव भी ध्यान में रखना जरूरी है। निवेशकों को दोनों आईपीओ की सब्सक्रिप्शन स्थिति, एंकर लिस्ट, और जीएमपी के आधार पर अपना निर्णय लेना चाहिए।
लिस्टिंग गेंस के हिसाब से, दोनों आईपीओ में संभावित प्रॉफिट हो सकता है। हालांकि, निवेशकों को क्यूआईबी सब्सक्रिप्शन पर नजर रखनी चाहिए और अपने रिस्क और एनालिसिस के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।
लंबी अवधि के लिए, दोनों कंपनियों में कुछ सुधार की आवश्यकता हो सकती है। MK & Pharmaceuticals के प्रमोटर्स और Bansal Wires के यूनिक सेक्टर में संभावनाएं हैं, लेकिन निवेशकों को ध्यान में रखना चाहिए कि मार्केट में अन्य बेहतर विकल्प भी मौजूद हैं।
आपका निर्णय:
– अपनी रिस्क और एनालिसिस के आधार पर निवेश करें।
– दोनों आईपीओ में संभावित लिस्टिंग गेंस हैं, लेकिन लंबी अवधि के लिए कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति और वैल्युएशंस को ध्यान में रखें।
– एनएसई की नई प्राइस लिमिट के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय लें।