Microsoft Warning: लोकसभा 2024 चुनावों पर चीन के Ai का खतरा

Microsoft का एक रिपोर्ट मे कहना है की चीन Ai का प्रयोग करके दुनियाभर मे चल रहे है चुनाव जैसे की दक्षिणी कोरिया, USA और भारत मे हस्तछेप कर सकता है।

भारत के चुनाव मे Ai किस तरह है खतरा।

अमेरिका के दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का कहना है की चीन सिर्फ भारत मे ही नहीं बल्कि दुनियाभर मे हो रहे है चुनाव मे आई के द्वारा नकली Contant फैला कर वोट की हेराफेरी कर सकता है। यह आई के मदद से चुनावी प्रत्याशी के बारे मे अफवाह के रूप मे नकली विडिओ, औडियो और मिम्स बना कर आम लोगों के बीच मे संदेह पैदा कर रहा है जिससे चुनाव मे खड़े प्रत्याशी को बराबरी का मौका नहीं मिलेगा। अगर ऐसा होता है तो चीन जिसे चाहे चुनाव मे परोक्ष रूप से किसी भी को जीता सकता है। जिससे यह सीधा-साधा लोकतंत्र का हत्या होगी।

साइबर हमलावर अक्सर deepfakes जैसे Ai का प्रयोग करके न्यूज Anchor या कोई फेमस सेलिब्रिटी के औडियो मे फैक न्यूज या गलत बयान दे देते है जिससे भोली भाली जनता भ्रमित हो जाती है और वो अपने मन से वोटिंग नहीं कर पाते है । जिससे चुनाव मे खड़े उम्मीदवार को बराबरी का मौका नहीं मिल पता है।

ताइवान के चुनाव मे दखल

माइक्रोसॉफ्ट का दावा है की ताइवान मे हुए चुनाव के समय चीन इसी तरह से अपने तकनीक का प्रयोग करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर चुका है। चीन पहला देश है जो Ai के मदद से दूसरे देश मे चुनाव मे हस्तक्षेप कर रह है। ताइवान के चुनाव के समय चीन का साइबर हमलावर Strom 1376 यूट्यूब पर नकली विडिओ और मिम्स बनाकर ताइवान के जीतने वाली पार्टी के बारे मे काफी नेगटिवटी फ़ैलाया था।

कैसे पता चला, चीन Ai का प्रयोग करके चुनाव मे हस्तक्षेप कर रहा है।

माइक्रोसॉफ्ट ने बताया की चीन के साइबर हमलावर USA मे सोशल मीडिया के द्वारा लोगों के बारे मे और वोटिंग डेमग्रैफिक के बारे मे जानकारी इक्कठा कर रहे है। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा” हाल के महीनों मे चीन ने Ai के द्वारा बनाए गए फैक न्यूज का प्रचलन बढ़ गया है। जिससे की लोगों के बीच मे फुट पड़ सके।

जिसका सीधा सबूत यह है की नवंबर 2023 में केंटकी में ट्रेन के पटरी से उतरने, माउई जंगल की आग सहित कई विषयों पर अमेरिका और अन्य जगहों पर विभाजन को प्रभावित करने का प्रयास किया गया था। अगस्त 2023 में, जापानी परमाणु अपशिष्ट जल को निपटाने, अमेरिका में नशीली दवाओं के उपयोग के साथ-साथ आप्रवासन नीतियों और देश में नक्सली तनाव के कारण जैसे बहुत सबूत हैं कि जो बताते है जनमत के प्रयास को प्रभावित करने में सफल रहे है।

चीन इस समय लगातार Ai का एक्सपेरिमेंट कर रहा है जिससे की यह अनुमान लगा सकते है की यह भविष्य मे कितना खतरनाक हो सकता है।

शोधकर्ताओ ने ये सुनिश्चित नहीं किया है की साइबर हमलावर कौन से सोशल मीडिया को निशाना बनाए हुए है। परंतु शोधकर्ताओ के रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट से पता चलता है की वो फेस्बूक और ट्विटर हो सकता है।

Ai का जहा पर अच्छा प्रयोग है वही पर बहुत सारे गलत कार्यों मे प्रयोग किया जा सकता है। जैसे की किसी का mms बनाना, ठगी करना जो की आज कल हो भी रह है। आशा है भविष्य मे इसका Ai के द्वारा सोल्यूशंस भी या जाए ।

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रिपोर्ट में हाल फिलहाल के गतिविधियों के सीमित उदाहरण दिए गए हैं और यह विस्तार से नहीं बताया गया है कि शोधकर्ताओं ने पोस्ट के लिए चीन को कैसे जिम्मेदार ठहराया है। जैसे ही आगे की जानकारी आती है आपको इसके बारे मे पूर्ण जानकारी दे दी जाएगी।

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