Loan एक निश्चित राशि का धन माना जाता है जो किसी व्यक्ति या बैंक से लिया जाता है, और फिर उस लोन को वापस भी करना पड़ता है, पहले से तय की गई ब्याज से साथ।
Loan क्या है ? कितने प्रकार के होते हैं?
लोन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
1. सुरक्षित लोन : सुरक्षित लोन उस लोन को कहते हैं जिस लोन के बदले कुछ देना पड़ता है वो इसलिए की अगर आप लोन नहीं चुका पायें तो वह समान उनका हो जाएगा । सुरक्षित लोन निम्नलिखित हैं – होम लोन, कार लोन, गोल्ड लोन, आदि।
2. असुरक्षित लोन : असुरक्षित लोन उस लोन को कहते हैं जो आपके क्रडिट स्कोर और आपके मासिक आय की क्षमता को देखते हुए दिया जाता है उस में लोन के बदले आपको कुछ रखने की जरूरत नहीं होता है। असुरक्षित लोन निम्नलिखित प्रकार के हैं- पर्सनल लोन, शिक्षा लोन, क्रेडिट कार्ड लोन।
* इसलिए आप देखेंगे की सुरक्षित लोन में ब्याज का दर कम होता है क्योंकि सुरक्षित लोन में लोन के बदले आपको कुछ ग्रीवि रखना पड़ता हैं और असुरक्षित लोन में ब्याज दर ज्यादा होता है क्योंकि आप जो लोन ले रहें हैं उसके बदले आप कुछ ग्रीवि नहीं रख रहें हैं ।
Table of Contents
इन दो प्रकार के अलावा लोन कई और प्रकार के होते हैं :
उदेश्य के आधार पर लोन :-
1. व्यक्तिगत लोन 2. आवास लोन 3. बिजनेस लोन 4. शिक्षा लोन
लोन चुकाने की अवधी के अनुसार :-
1. अल्पकालीन लोन 2. मध्यम अवधी का लोन 3. दीर्घकालिन लोन
ब्याज के अनुसार लोन :-
1. स्थिर ब्याज का लोन 2. चल ब्याज दर लोन
यहाँ आपके के लिए कुछ सुझाव दिये गयें हैं जो आपको लोन लेने में मदद करेगी :
- लोन लेने से पहले सभी लोनों को आपस में तुलना करें उसके बाद अपनी अवशकताओं को ध्यान में रखकर अपना लोन चुनें।
- लोन की शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समझें।
- लोन लेनें से पहले अपनी बजट योजना बनायें उसके बाद जितनी जरूरत पड़े उतना ही लोन लें ।
- लोन लेने के बाद उसकों चुकाने के लिए एक निश्चित योजना बनाएं ।
Loan लेने के फायदे और नुकसान :
Loan लेने के फायदे :
- अगर आप कोई व्यापार करने की सोच रहें हैं, पर आपके पास उस व्यापार में लागत लगाने के लिए पैसे नहीं हैं, पर आप उस व्यापार को करना चाहते हैं तो आप लोन की सहायता लें सकते हैं।
- पैसे से सबंधित आपका कोई गोल हो पर उसे पूरा करने के लिए पैसों की कमी है तो आप लोन ले सकते हैं।
- अगर आपको कभी अचानक पैसों की जरुरत पड़ जाए तो आप लोन ले सकते हैं।
लोन लेने का नुकसान :
- आप जितना लोन लेते हैं, आपको उस लोन के साथ उसका ब्याज भी चुकाना पड़ता है।
- अगर आप लोन लिए और लोन वापस करने की निश्चित समय पर लोन वापस नहीं कर पाते हैं तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है।
- लोन लेने के बाद अगर उसे चुकाने में असमर्थ रहे तो आपका क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
how to calculate interest rate on a loan (लोन पर ब्याज दर की गणना कैसे करें)?
Loan की ब्याज पता करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों की जानकारी होनी चाहिए :
- मूल राशि : जितना आप लोन लेते हैं, उसे मूल राशि कहा जाता है।
- ब्याज दर : यह वो दर होता है जो जब आप लोन लेने किसी के पास जाते है तो एक ब्याज दर बताई जाती है जिसके अनुसार आपके लोन बढ़ती जाती है ।
- लोन अवधी(समय) : उस समय को कहते हैं जो लोन के बाद उसे वापस करने का समय दिया जाता है उस समय को लोन अवधी(समय) कहा जाता है।
ब्याज दर जानने के लिए आप इस सूत्र का उपयोग कर सकते हैं।
ब्याज = (मूल राशि * ब्याज दर * समय)/ 100
उदाहरण : मान लीजिए की आप 10000 का लोन 10% ब्याज के दर पर 1 वर्ष के लिए लेते है।
ब्याज = (10000*10*1) / 100
ब्याज =1000
इसलिए आपको 1000रु ब्याज के रूप मे देना पड़ेगा ।
यहाँ कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए जब आप ब्याज पता कर रहें हों :
- ब्याज दर कई बातों पर निर्भर करता है जैसे : लोन की राशि, लोन का समय, आपका क्रेडिट स्कोर और बाजार में ब्याज दर।
- कुछ लोन में न बढ़ने वाली ब्याज होता है पर कुछ लोन में समय के अनुशार आपका ब्याज बढ़ सकता है।
- जिस लोन की ब्याज निश्चित होती है उसका समय भी निश्चित रहता है पर जिस लोन का ब्याज बढ़ने-घटने वाली होती है उसका समय भी बढ़-घट सकता है।