Government’s big Decision on IREDA Shares: Know What will be the Impact on Investors

सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए IREDA (भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी) में अपनी 7% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। इस फैसले का सीधा असर इरेडा के शेयरों पर देखने को मिल रहा है। आज इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि सरकार के इस फैसले का इरेडा के शेयरों पर क्या असर होगा और निवेशकों को कितना रिटर्न मिल सकता है।

सरकार की हिस्सेदारी में कमी

IREDA में सरकार की हिस्सेदारी 75% थी, लेकिन अब सरकार ने अपनी 7% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। यह बिक्री QIP (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) के जरिए होगी, जिससे सरकार को करीब ₹4500 करोड़ की रकम जुटाने की उम्मीद है। यह बिक्री एक बार या टुकड़ों में की जा सकती है।

इस हिस्सेदारी बिक्री के बावजूद इरेडा में सरकार का नियंत्रण बरकरार रहेगा, क्योंकि सरकार के पास अभी भी 68% हिस्सेदारी रहेगी।

IREDA के लिए फंड जुटाने की योजना

IREDA को 4500 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी मिल गई है, जिसे वह नए इक्विटी इश्यू के जरिए जुटाएगी। इरेडा के निदेशक मंडल ने अगस्त 2024 में एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) या अन्य तरीकों से फंड जुटाने की मंजूरी पहले ही दे दी थी।

इस रकम से कंपनी को अपनी अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी, जो 2030 तक 500 गीगावाट बिजली उत्पादन के भारत सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में IREDA के लिए अहम भूमिका निभाएगी।

शेयर पर असर: तेजी और गिरावट

सरकार द्वारा अपनी हिस्सेदारी बेचने के फैसले के बाद 19 सितंबर को इरेडा के शेयर में मामूली तेजी देखने को मिली। दोपहर के समय शेयर 2% की तेजी के साथ ₹30 पर कारोबार कर रहा था। इस साल जुलाई में IREDA के शेयर में अपने ऑल टाइम हाई ₹10 से करीब 27% की गिरावट आई थी, लेकिन इसके बावजूद इस शेयर ने निवेशकों को इस साल 100% से भी ज्यादा का रिटर्न दिया है।

हालांकि, अब देखना यह है कि भविष्य में इरेडा के शेयर में तेजी आएगी या इसमें और गिरावट देखने को मिलेगी।

IREDA के मुनाफे में बड़ी उछाल

जून तिमाही में इरेडा ने ₹3384 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया, जो पिछले साल से 30% ज्यादा है। एक साल पहले इरेडा का मुनाफा ₹2295 करोड़ था, जिससे साफ पता चलता है कि कंपनी का प्रदर्शन लगातार सुधर रहा है।

निवेशकों के लिए क्या है खास?

निवेशकों के लिए IREDA का शेयर अभी भी आकर्षक बना हुआ है, क्योंकि कंपनी ने इस साल बेहतरीन रिटर्न दिया है। हालांकि, निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सरकार की हिस्सेदारी बिक्री और बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते शेयर में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

निष्कर्ष:

सरकार द्वारा IREDA में अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला कंपनी के विकास और फंड जुटाने के प्रयासों का हिस्सा है। इसके साथ ही, निवेशकों के लिए यह एक बड़ा अवसर हो सकता है, क्योंकि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में IREDA की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप इरेडा के शेयरों में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो मौजूदा बाजार स्थितियों को देखते हुए यह सही समय हो सकता है।

आप IREDA के शेयरों और सरकार के इस फैसले के बारे में क्या सोचते हैं? नीचे कमेंट में अपने विचार जरूर शेयर करें।

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