RTM: आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन के आयोजन में अभी कुछ समय बाकी है, लेकिन इस आयोजन को लेकर पहले से ही कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल रिटेंशन पॉलिसी को लेकर है, जिसमें अब तक कोई स्पष्टता नहीं है। बीसीसीआई ने हाल ही में आईपीएल फ्रेंचाइजी मालिकों के साथ बैठक की, जिसमें कुछ नियमों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई फ्रेंचाइजी RTM (राइट टू मैच) कार्ड का अधिकतम उपयोग करने की छूट चाहती हैं। लेकिन, भारत के मशहूर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन आरटीएम नियम से असंतुष्ट हैं और उन्होंने इसे खिलाड़ियों के साथ अन्याय बताया है।
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RTM नियम क्या है और इसका प्रभाव?
RTM (राइट टू मैच) कार्ड का इस्तेमाल केवल मेगा ऑक्शन के दौरान किया जाता है। इस नियम के तहत, फ्रेंचाइजी नीलामी के दौरान पहले से रिलीज किए गए खिलाड़ी को उसी मूल्य पर अपनी टीम में वापस शामिल कर सकती है, जिस पर उस खिलाड़ी को दूसरी फ्रेंचाइजी ने खरीदा होता है। अश्विन, जो राजस्थान रॉयल्स (RR) टीम का हिस्सा हैं, ने अपने यूट्यूब चैनल पर RTM नियम के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उनके अनुसार, आरटीएम से खिलाड़ियों को उनके सही मूल्य नहीं मिल पाता और यह एक अनुचित प्रक्रिया है।
RTM नियम का उदाहरण और अश्विन का गुस्सा
अश्विन ने उदाहरण देते हुए बताया कि, “मान लीजिए कि X नाम का एक खिलाड़ी सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) में खेलता है, जिसकी मौजूदा कीमत पाँच से छह करोड़ रुपये है। अगर वह खिलाड़ी नीलामी में जाता है और KKR तथा मुंबई इंडियंस (MI) जैसी टीमों के बीच बोली युद्ध होता है, जिसमें उसकी कीमत छह करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है, तो ऐसे में SRH RTM का इस्तेमाल कर उस खिलाड़ी को वापस अपनी टीम में शामिल कर सकता है।
अश्विन का कहना है कि इस प्रक्रिया में SRH तो खुश होता है, लेकिन बोली लगाने वाली टीमों और खिलाड़ी के लिए यह एक अनुचित स्थिति बन जाती है। उन्होंने कहा, “इस स्थिति में KKR और मुंबई इंडियंस को नुकसान उठाना पड़ता है, जबकि सनराइजर्स को बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के खिलाड़ी मिल जाता है। इससे खिलाड़ियों के सही मूल्यांकन का कोई मतलब नहीं रह जाता।”
RTM नियम के नकारात्मक पहलू
अश्विन ने इस नियम के नकारात्मक प्रभावों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “RTM का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे खिलाड़ियों के लिए उचित मूल्य नहीं मिल पाता। अगर तीन RTM कार्ड का उपयोग किया गया तो कई खिलाड़ी खाली हाथ रह जाएंगे। पहले से ही नीलामी में खिलाड़ियों के लिए उचित मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया बहुत कठिन है, और आरटीएम इसे और भी जटिल बना देता है।
अश्विन की चेतावनी: RTM से हो सकता है खिलाड़ियों का नुकसान
अश्विन का मानना है कि RTM का उपयोग खिलाड़ियों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने कहा, “इस नियम से खिलाड़ियों को उनके सही मूल्य पर अनुबंध नहीं मिल पाता और वे आर्थिक रूप से भी नुकसान उठा सकते हैं। आरटीएम का उपयोग अगर ठीक से नहीं किया गया तो यह खिलाड़ियों के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है।
फ्रेंचाइजी और खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति
आईपीएल में फ्रेंचाइजी और खिलाड़ियों के बीच की यह जटिल स्थिति न केवल खिलाड़ियों के करियर को प्रभावित करती है, बल्कि खेल की भावना को भी प्रभावित कर सकती है।आरटीएम नियम के कारण फ्रेंचाइजी को तो लाभ मिल सकता है, लेकिन खिलाड़ियों के साथ अन्याय होता है, जो उनके भविष्य के लिए सही नहीं है। इसीलिए, अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी इस नियम पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं ताकि खिलाड़ियों को उनके सही मूल्य और मान्यता मिल सके।
क्या RTM नियम में बदलाव होगा?
यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई इस मुद्दे को कैसे हल करता है और क्या RTM नियम में कोई बदलाव किया जाएगा। अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ी की आवाज को नजरअंदाज करना मुश्किल है, और ऐसे में संभव है कि आरटीएम के नियमों में बदलाव किया जाए। इससे न केवल खिलाड़ियों के साथ न्याय होगा, बल्कि खेल की पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
निष्कर्ष
IPL में आरटीएम नियम का प्रभाव खिलाड़ियों के भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है। अश्विन की चिंता इस बात को रेखांकित करती है कि इस नियम से खिलाड़ियों के साथ अन्याय हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि बीसीसीआई और फ्रेंचाइजी इस मुद्दे पर विचार करें और खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लें। आईपीएल जैसे बड़े मंच पर खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा करना न केवल उनके लिए, बल्कि खेल के भविष्य के लिए भी जरूरी है।
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