India vs Sri Lanka Series: Has Bumrah’s absence weakened Indian bowling?

हाल ही में संपन्न भारत और श्रीलंका के बीच की सीरीज के बाद एक सवाल सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है – क्या Indian गेंदबाजी जसप्रीत बुमराह पर ही निर्भर है? क्या बुमराह के बिना Indian गेंदबाजी का प्रदर्शन कमजोर हो जाता है? इस सवाल का जवाब पाने के लिए हमें सीरीज के दौरान और पिछले कुछ मैचों में Indian गेंदबाजों के प्रदर्शन पर गौर करना होगा।

बुमराह की गैरमौजूदगी और भारतीय गेंदबाजी की स्थिति

पूर्व क्रिकेटर जुनैद खान ने एक बार कहा था, “अगर बुमराह को Indian गेंदबाजी से हटा दिया जाए, तो वह बेहद कमजोर हो जाएगी।” यह बात विचारणीय है क्योंकि बुमराह ने पिछले कुछ वर्षों में Indian गेंदबाजी को जिस प्रकार का नेतृत्व और मजबूती दी है, वह अन्य गेंदबाजों से संभव नहीं दिखती। यह स्थिति कुछ वैसी ही है, जैसे विराट कोहली और रोहित शर्मा ने सालों तक Indian बल्लेबाजी को मजबूत बनाए रखा।

श्रीलंका सीरीज में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन

भारत और श्रीलंका की सीरीज में Indian गेंदबाजी की कमजोरी साफ नजर आई। पहले वनडे में, जहां श्रीलंका की टीम ने 100 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे, वहां से वे 224 रन तक पहुंचने में कामयाब रहे। अर्शदीप सिंह ने 8 ओवरों में 47 रन दिए और स्पिनर्स भी ज्यादा प्रभावी नहीं रहे। दूसरे मैच में स्थिति और भी खराब हो गई, जब श्रीलंका की टीम ने 136/6 के बाद भी 240 का स्कोर बना लिया। अर्शदीप ने इस मैच में 9 ओवर में 58 रन दे दिए। तीसरे मैच में मोहम्मद सिराज भी संघर्ष करते नजर आए, उन्होंने 9 ओवरों में 78 रन लुटा दिए।

श्रीलंकाई गेंदबाजी और भारतीय गेंदबाजी की तुलना

श्रीलंका ने इस सीरीज में न केवल बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि हर विभाग में भारत से आगे रहे। खास बात यह है कि श्रीलंका के प्रमुख गेंदबाज जैसे पथिराना, हसरंगा, मधुशंका, तुषारा, चमीरा, और फर्नांडो इस सीरीज में नहीं खेले थे, फिर भी उनके गेंदबाजों ने भारत के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। वांडरसन ने दो मैचों में आठ विकेट लिए, वेला लागे ने सात और अलंका ने छह विकेट चटकाए। इस प्रदर्शन से साफ होता है कि श्रीलंकाई गेंदबाजी ने Indian बल्लेबाजों पर हावी रहते हुए सीरीज को अपने पक्ष में कर लिया।

बुमराह की गैरमौजूदगी में भारतीय गेंदबाजी की समस्याएं

Indian गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। जब बुमराह टीम में होते हैं, तो वह न केवल खुद विकेट निकालते हैं, बल्कि अन्य गेंदबाजों के लिए भी माहौल बनाते हैं। उनके बिना, Indian गेंदबाजी में धार कम हो जाती है। बुमराह के टी20 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि वह Indian गेंदबाजी की रीढ़ हैं। लेकिन जैसे ही वह टीम से बाहर होते हैं, Indian गेंदबाजी का प्रदर्शन नीचे गिर जाता है।

नए गेंदबाजों की फॉर्म और भविष्य की चुनौतियां

भारतीय टीम ने पिछले कुछ समय में नई पीढ़ी के गेंदबाजों को मौका दिया, जैसे खलील अहमद और आवेश खान, लेकिन वे अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए। मोहम्मद सिराज भी लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अर्शदीप सिंह भी बुमराह की गैरमौजूदगी में वैसी धार नहीं दिखा पाए। ऐसे में यह सवाल उठता है कि बुमराह और मोहम्मद शमी की वापसी के बिना भारतीय गेंदबाजी कैसे मजबूत हो पाएगी?

निष्कर्ष

जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भारतीय गेंदबाजी की कमजोरी स्पष्ट हो गई है। चाहे वह टी20 वर्ल्ड कप हो या हाल ही में समाप्त हुई वनडे सीरीज, बुमराह के बिना भारतीय टीम को जीतना मुश्किल हो रहा है। यह स्थिति चिंता का विषय है और भारतीय टीम को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अगर हम पूरी तरह से बुमराह पर निर्भर हैं, तो हमें अपने गेंदबाजों की नई पीढ़ी को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

भारतीय टीम के लिए अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बुमराह की गैरमौजूदगी में गेंदबाजी को कैसे सुधारा जाए। क्या हमारे पास कोई ऐसा गेंदबाज है जो बुमराह की तरह ही प्रभावशाली हो सके? टीम को इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भारतीय गेंदबाजी फिर से अपनी पुरानी ताकत हासिल कर सके।

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