Iftikhar Ahmed’s pain: Lack of respect in the Pakistan team and the challenge of performance

पाकिस्तान के ऑलराउंडर Iftikhar अहमद, जिनका क्रिकेट सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, ने हाल ही में अपने अनुभवों को लेकर कुछ बड़े खुलासे किए हैं।Iftikhar को लगता है कि उन्हें अपने देश और अपनी टीम में वो सम्मान नहीं मिलता जिसके वो हकदार हैं। उनकी स्थिति की तुलना आवारा लोगों से करना गलत नहीं होगा, जहां जब भी किसी का मन करता है, उसे टीम से बाहर कर दिया जाता है। Iftikhar ने अपना दर्द एक वायरल वीडियो के जरिए शेयर किया, जिसमें वो खुलकर बता रहे हैं कि टीम में उनके साथ कैसा व्यवहार होता है।

इफ्तिखार की नाराजगी

Iftikhar का कहना है कि उन्हें टीम में वो सम्मान नहीं मिलता जो एक मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ या ऑलराउंडर को मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करने के लिए भेजा जाता है, जो उनके जैसे खिलाड़ी के लिए उचित नहीं है. उनका मानना ​​है कि जब वह सातवें या आठवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हैं तो यह उनकी क्षमता के साथ न्याय नहीं करता. Iftikhar ने कहा, “मैं एक मिडिल ऑर्डर खिलाड़ी हूँ, लेकिन मुझे निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करने के लिए बनाया जाता है. मैं ऑलराउंडर नहीं हूँ, बल्कि एक टैलेंट हूँ

बैटिंग पोजीशन की समस्या

Iftikhar की शिकायत है कि उन्हें टीम में सही बैटिंग पोजिशन नहीं मिलती है. उन्होंने टी20 और वनडे मैचों में अपनी पोजिशन को लेकर कई सवाल उठाए. Iftikhar का कहना है कि दुनिया का कोई भी देश अपने मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ को सातवें या आठवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने के लिए नहीं भेजता, लेकिन पाकिस्तान में उन्हें हमेशा यही रोल निभाना पड़ता है. इस वजह से वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाते.

आलोचना का सामना

Iftikhar अहमद की आलोचना उनके खराब प्रदर्शन के लिए होती रही है। बाबर आजम की कप्तानी में उन्हें अक्सर टीम में जगह मिली, लेकिन वे टीम के लिए कोई बड़ा योगदान नहीं दे पाए। उनके आलोचकों का कहना है कि Iftikhar को जो मौके मिले, उनमें वे कुछ खास नहीं कर पाए। 55 टी20 पारियों में उन्होंने 25 बार पांचवें, 11 बार सातवें और 10 बार छठे नंबर पर बल्लेबाजी की। उन्होंने वनडे में भी 16 बार छठे नंबर पर बल्लेबाजी की, लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा।

इफ्तिखार की उम्मीदें

हालांकि, Iftikhar का मानना ​​है कि उन्होंने अब तक के अपने अनुभवों से सीखा है और आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी क्षमता साबित करने के लिए तैयार हैं। Iftikhar ने कहा, “जो हो गया सो हो गया। इस बार चैंपियंस ट्रॉफी में हम कुछ नया करेंगे, कुछ कमाल करेंगे और सबको दिखाएंगे कि हम क्या कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उन्हें टीम में वापसी का मौका मिलेगा।

भविष्य की योजनाएं

आने वाले समय में पाकिस्तान टीम में कई बदलाव होने की संभावना है और Iftikhar को उम्मीद है कि वह इस बार टीम का हिस्सा होंगे। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि उन्हें मौका मिलेगा या नहीं। वह बाबर आजम की कप्तानी में टीम का हिस्सा रहे हैं और कई लोगों का मानना ​​है कि बाबर की वजह से ही उन्हें टीम में जगह मिली है। Iftikhar का दर्द शायद बाबर आजम के प्रति है, लेकिन इस बारे में स्पष्टता नहीं है।

इफ्तिखार के करियर की समीक्षा

34 वर्षीय Iftikhar अहमद ने अब तक पाकिस्तान के लिए 4 टेस्ट मैच, 28 वनडे और 66 टी20 मैच खेले हैं, लेकिन उन्होंने किसी भी फ़ॉर्मेट में ऐसा कुछ बड़ा नहीं किया है जिससे उनकी काबिलियत साबित हो सके। वह बल्ले या गेंद से टीम के लिए कोई बड़ा योगदान नहीं दे पाए हैं। इसके बावजूद वह अपने अनुभवों को लेकर चिंतित हैं और उन्हें लगता है कि उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया गया।

निष्कर्ष

Iftikhar अहमद की कहानी पाकिस्तान क्रिकेट के कई ऐसे खिलाड़ियों की कहानी है जिन्हें अपने करियर में सही पहचान और सम्मान नहीं मिला। उनकी नाराज़गी जायज़ हो सकती है, लेकिन उनके प्रदर्शन ने उनकी स्थिति को कमज़ोर भी किया है। अब देखना यह है कि चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें मौक़ा मिलता है या नहीं और अगर मिलता भी है तो क्या वे अपनी योग्यता साबित कर पाते हैं या नहीं। इफ़्तिख़ार के लिए यह एक अहम समय है और उनके प्रशंसकों को उम्मीद है कि वे इस मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाएँगे।

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