Gambhir : चैंपियंस ट्रॉफी 2025 भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है। भारत के हालिया प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर टीम इस टूर्नामेंट में उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी तो भारतीय क्रिकेट में बड़ा संकट आ सकता है। बीसीसीआई और प्रशंसक दोनों ही अब नतीजों की मांग कर रहे हैं और यह मांग अब Gambhir संकट में बदल सकती है।
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बीसीसीआई का धैर्य और हालिया प्रदर्शन
बीसीसीआई ने अब तक कई हार के बाद धैर्य दिखाया है। चाहे वो श्रीलंका के खिलाफ ऐतिहासिक हार हो या न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में वाइटवॉश, बोर्ड ने टीम का साथ दिया। 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हारने और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहने के बाद भी बीसीसीआई ने धैर्य बनाए रखा। लेकिन इस बार अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी में उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो बीसीसीआई का धैर्य खत्म हो सकता है।
गौतम Gambhir की कोचिंग पर सवाल
गौतम Gambhir को बड़ी उम्मीदों के साथ मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। उनकी हर मांग पूरी की गई- चाहे वह सहायक कोच की नियुक्ति हो, गेंदबाजी कोच की नियुक्ति हो या खिलाड़ियों का चयन हो। Gambhir के नेतृत्व में स्टार कल्चर को खत्म कर टीम को नई दिशा देने की कोशिश की गई है। लेकिन अगर नतीजे नहीं आए तो Gambhir की स्थिति पर भी सवाल उठेंगे।
Gambhir का अनुबंध 2027 विश्व कप तक है, लेकिन अगर चैंपियंस ट्रॉफी में टीम का प्रदर्शन खराब रहा तो बीसीसीआई उनके अनुबंध की समीक्षा कर सकता है।
स्टार कल्चर बनाम टीम कल्चर
Gambhir का मानना है कि टीम इंडिया में स्टार कल्चर खत्म होना चाहिए। उनका ध्यान हमेशा टीम के प्रदर्शन और अनुशासन पर रहा है। लेकिन कुछ सीनियर खिलाड़ियों को यह बदलाव पसंद नहीं आया। Gambhir ने खिलाड़ियों के होटल में रहने की जगह, अभ्यास के समय और यात्रा के नियमों में बदलाव किए, जिससे सीनियर खिलाड़ियों को परेशानी हुई। हालांकि, Gambhir द्वारा किए गए इन बदलावों का मकसद टीम को नई दिशा देना था।
हालिया हार: भारतीय क्रिकेट के लिए चेतावनी
भारतीय क्रिकेट टीम की हालिया हारों ने सभी को झकझोर दिया है। आइए नजर डालते हैं इन परफॉर्मेंसेस पर:
- श्रीलंका के खिलाफ – 27 साल बाद भारतीय टीम वनडे सीरीज हारी।
- न्यूजीलैंड के खिलाफ – 36 साल बाद घर में टेस्ट सीरीज गंवाई।
- चिन्नास्वामी स्टेडियम में हार – 19 साल बाद यहां हार का सामना करना पड़ा।
- वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप – फाइनल में जगह बनाने में नाकाम।
- ऑस्ट्रेलिया दौरा – खिलाड़ियों की मांगों और प्रदर्शन दोनों पर सवाल उठे।
यह आंकड़े बताते हैं कि भारतीय टीम में कई सुधारों की जरूरत है।
रोहित शर्मा और विराट कोहली की भूमिका
रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों के करियर पर भी सवाल उठ रहे हैं। बीसीसीआई और Gambhir दोनों को यह तय करना होगा कि इन खिलाड़ियों की फॉर्म और फिटनेस 2027 तक टीम को फायदा पहुंचा सकती है या नहीं। चैंपियंस ट्रॉफी में इन दोनों का प्रदर्शन टीम में उनकी जगह तय करेगा।
अगर चैंपियंस ट्रॉफी में हार होती है
यदि भारत चैंपियंस ट्रॉफी में सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंचता है, तो यह एक बड़ा झटका होगा। इसके परिणामस्वरूप:
- टीम का पुनर्गठन – कई सीनियर खिलाड़ियों को टीम से बाहर किया जा सकता है।
- कोचिंग स्टाफ में बदलाव – Gambhir और उनकी टीम की समीक्षा की जाएगी।
- बीसीसीआई का कड़ा रुख – बोर्ड प्रदर्शन आधारित चयन पर जोर देगा।
- क्रिकेट फैंस का असंतोष – भारत में क्रिकेट फैंस की उम्मीदें हमेशा ऊंची रहती हैं, और इस हार के बाद असंतोष बढ़ सकता है।
जीत के साथ भविष्य की ओर
अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी जीतता है, तो गंभीर और उनकी रणनीतियों को मान्यता मिलेगी। यह टीम के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला होगा और 2027 वर्ल्ड कप के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।
निष्कर्ष
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए चैंपियंस ट्रॉफी 2025 महज एक टूर्नामेंट नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा निर्णायक मोड़ है जो टीम की दिशा और भविष्य तय करेगा। गंभीर का कोचिंग करियर और भारतीय क्रिकेट की प्रतिष्ठा दोनों ही इस टूर्नामेंट पर निर्भर हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम इस चुनौती का सामना कैसे करती है। उम्मीद है कि भारतीय टीम हार के इस सिलसिले को तोड़कर एक नया अध्याय लिखेगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो गंभीर के सामने गंभीर संकट और गंभीर समीक्षा दोनों ही होंगी।
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