Harbhajan Singh : जब पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर तनवीर अहमद ने हरभजन सिंह को गाली दी, तो मुझे यह कहावत याद आ गई, जो बड़े होते हैं, वे चुपचाप खड़े रहते हैं, लेकिन उनके लहजे से पता चलता है कि वे कितने बड़े हैं। अपने करियर में बड़ी ऊंचाइयों को छूने वाले हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी इन छोटी-छोटी बातों से प्रभावित नहीं होते।
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पाकिस्तानी क्रिकेटरों का रवैया
क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले वसीम अकरम जैसे कुछ पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी जब बात करते हैं, तो उनकी विनम्रता और शिष्टाचार साफ झलकता है। वहीं, सोशल मीडिया पर लोकप्रियता के भूखे कुछ नए खिलाड़ी गलियों की भाषा में बात करते हैं। उनका यह व्यवहार उनकी असली क्षमता को दर्शाता है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर विवाद
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पाकिस्तान में होगी या नहीं, इस पर सवाल बने हुए हैं। शब्बीर मलिक जैसे खिलाड़ी बार-बार भारत को पाकिस्तान आने का न्योता दे रहे हैं। शाहिद अफरीदी का कहना है कि अगर विराट कोहली और रोहित शर्मा पाकिस्तान आ गए, तो वे भारत की मेहमाननवाजी भूल जाएंगे।
हालांकि, कई खिलाड़ी, जिन्होंने कुछ ही अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, वे अभद्र भाषा का सहारा ले रहे हैं और ऐसी बातें कह रहे हैं जो उनकी क्षमता से परे हैं।
Harbhajan Singh का बयान
Harbhajan Singh ने बीसीसीआई और भारतीय सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से भारतीय टीम को पाकिस्तान नहीं जाना चाहिए। तनवीर अहमद ने उनके बयान पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “हरभजन, अगर आप कहते हैं कि भारत को पाकिस्तान नहीं आना चाहिए, तो आप पाकिस्तानी खिलाड़ियों से क्यों मिलते हैं?”
पाकिस्तान में क्रिकेट और सुरक्षा मुद्दे
भारतीय टीम सुरक्षा कारणों से कई बार पाकिस्तान जाने से बचती रही है। 1996 के बाद से पाकिस्तान में कोई बड़ा क्रिकेट आयोजन नहीं हुआ है। अगर चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में होती है, तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
Harbhajan Singh और अन्य खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
Harbhajan Singh का यह कहना सही है कि भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। बीसीसीआई के फैसले का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आए दिन घटनाएं होती रहती हैं और भारतीय टीम का वहां जाना सुरक्षित नहीं है।
तनवीर अहमद का विवादित बयान
Harbhajan Singh के खिलाफ तनवीर अहमद का बयान उनकी प्रतिष्ठा को कम करता है। गौतम गंभीर ने भी एक बार तनवीर अहमद को जवाब देते हुए कहा था कि 100 टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों का स्तर और भाषा अलग होती है। हरभजन सिंह ने तनवीर अहमद के बयान पर सीधे तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जो उनके महान खिलाड़ी होने की निशानी है। उन्हें इस विवाद में पड़ने की जरूरत नहीं है। हरभजन सिंह ने जो कुछ भी कहा वह भारतीय टीम और उसकी सुरक्षा के पक्ष में था, जो किसी भी खिलाड़ी की प्राथमिकता होनी चाहिए।
निष्कर्ष
Harbhajan Singh और तनवीर अहमद के बीच यह विवाद हमें यह सिखाता है कि एक महान खिलाड़ी हमेशा अपने स्तर पर रहता है और उसकी महानता उसकी भाषा और व्यवहार में झलकती है। वहीं दूसरी ओर, जो खिलाड़ी अपने करियर में कुछ खास नहीं कर पाए हैं, वे अक्सर अभद्र भाषा और विवादों से घिरे रहते हैं। भारतीय टीम की सुरक्षा और प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए हरभजन सिंह ने जो कहा वह बिल्कुल सही है और इसे समझने की जरूरत है।
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