जून 2024 में, Gold ETF (Exchange Traded Funds) में निवेशकों ने 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लगाई। यह प्रवाह 726.16 करोड़ रुपये का था, जबकि मई में यह प्रवाह 827.43 करोड़ रुपये था। मई और जून के दौरान गोल्ड ETF में जमकर निवेश किया गया, जबकि अप्रैल में 395.69 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। यदि पिछले छह महीनों का आंकड़ा देखें तो 2024 के पहले छह महीनों में कुल 3185 करोड़ रुपये का निवेश गोल्ड ETF में किया गया है। इस अवधि के दौरान, गोल्ड ETF में 24% की वृद्धि देखी गई, यानी लगभग एक चौथाई अतिरिक्त धनराशि इस स्कीम में आई है।
गोल्ड ETF कैटेगरी के सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कीम्स में LIC MF Gold ETF और Nippon India ETF शामिल हैं। यह स्कीम्स शीर्ष प्रदर्शनकर्ता हैं। जून 2024 के अंत तक, गोल्ड ETF में एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 34,355 करोड़ रुपये था। अन्य ETF और इंडेक्स फंड्स की तुलना में यह काफी कम है, लेकिन मंथली बेसिस पर देखें तो यह कैटेगरी सबसे तेजी से बढ़ रही है। जून में, इस कैटेगरी में 8% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले छह महीनों में 24% की वृद्धि के साथ 22,266 करोड़ रुपये का योगदान देती है।
गोल्ड ETF के बढ़ते निवेश का कारण समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि यह एक पैसिव फंड होता है जिसे किसी इंडेक्स के साथ बेंचमार्क किया जाता है। इसमें इंडेक्स फंड, इंडेक्स ETF, और गोल्ड ETF शामिल होते हैं। पैसिव फंड्स के बीच गोल्ड ETF ने सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है। मई से 8.4% की वृद्धि हुई है और पूरे वर्ष की गणना करने पर यह 54% की वृद्धि दिखाता है। एमफी (AMFI) की रिपोर्ट के अनुसार, 12 गोल्ड ETF हैं जो एक वर्ष से अधिक पुरानी हैं और उनका एवरेज रिटर्न इस साल 22.95% रहा है। इसका मतलब है कि जो पैसा निवेशकों ने लगाया था उसमें करीब 23% की बढ़ोतरी एक साल में हुई है।
सबसे तेजी से बढ़ने वाली स्कीम्स में LIC MF, Gold ETF ने 23.83% का ग्रोथ दिखाया है और UTI Gold ETF ने 23.7% का। Nippon India ETF Gold BeES, जो भारत की सबसे पुरानी गोल्ड ETF स्कीम है, ने पिछले एक साल में 22.6% का रिटर्न दिया है। इस समय, उनके पास 11,144 करोड़ रुपये का AUM है। सबसे कम रिटर्न देने वाली स्कीम SBI Gold ETF है, लेकिन वह भी 22.2% का रिटर्न दिखाती है।
पहले छह महीनों में, Gold ETF ने 12.7% का एवरेज रिटर्न दिखाया है। यही वजह है कि बाजार में लोग इस समय शेयर बाजार के साथ-साथ गोल्ड ETF में भी पैसा निवेश कर रहे हैं।
पहले की धारणा थी कि जो लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं, वे गोल्ड से दूर रहते हैं और जो गोल्ड में निवेश करते हैं, वे शेयर बाजार से दूर रहते हैं। यह धारणा अब बदल रही है। निवेशक अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने के लिए अच्छा एसेट एलोकेशन कर रहे हैं। इस फार्मूले के अनुसार, आपके पोर्टफोलियो का 5 से 10% हिस्सा गोल्ड में होना चाहिए ताकि आप अपने पोर्टफोलियो को लगातार डी-रिस्क रख सकें। अब अधिक से अधिक लोग इस बात को समझने लगे हैं।
धन्यवाद और नमस्कार!