भारतीय बाज़ार और विदेशी मुद्रा बाज़ार के बीच अंतर(difference between Indian market and forex market)?
अगर आप भारतीय बाजार और Forex Market बाजार के बीच अंतर समझना चाहते हैं तो आपके लिए इन बातों के बारे में जानना जरूरी है।
1. मार्केट के प्रकार:-
Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में दो तरह के एक्सचेंज होते हैं, पहला BSE जिसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है. और दूसरा NSE जिसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है. जहां भारतीय कंपनी के शेयर खरीदते और बेचते हैं।
Forex Exchange Market: विदेशी मुद्रा बाज़ार वह बाज़ार है जहाँ आप दुनिया की सभी मुद्राएँ खरीद और बेच सकते हैं। इसे विदेशी मुद्रा बाज़ार के नाम से भी जाना जाता है।
2. ऐसेट ट्रैडिंग:
Indian Stock Market: भारत में व्यापारी या निवेशक केवल उन्हीं कंपनियों में व्यापार और निवेश कर सकते हैं जो एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हैं।
Forex Exchange Market: Forex Market में आप दुनिया की सभी वस्तुओं, मुद्राओं आदि में व्यापार कर सकते हैं।
3. ट्रैडिंग समय:
Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय सुबह 9.15 बजे से दोपहर 3.15 बजे तक है, और सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक चालू रहती है।
Forex Exchange Market: Forex Market बाजार में ट्रेडिंग घंटे 24×7 खुले हैं, लेकिन विदेशी मुद्रा बाज़ार हर सप्ताह सोमवार से शनिवार तक खुला रहता है।
4. Regulation
Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाज़ार SEBI द्वारा शासित होता है, जो NSE और BSE दोनों के लिए समान है।
Forex Exchange Market: विदेशी मुद्रा बाज़ार का कारोबार दुनिया भर में होता है, इसलिए किसी एक संस्था के लिए इसकी निगरानी करना संभव नहीं है। लेकिन ऐसे कई देश हैं जहां इसकी निगरानी उस देश के निकायों द्वारा की जाती है जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (सीएफटीसी) और संयुक्त राज्य अमेरिका में वित्तीय आचरण प्राधिकरण (एफसीए)।
5. वोलैटिलिटी और लिक्विडिटी:
Indian Stock Market:भारत का शेयर बाजार में वोलैटिलिटी और लिक्विडिटी आर्थिक स्थिति, कंपनियों की कमाई और बाजार की भावनाओं पर निर्भर करता है।
Foreign Exchange Market: हम सभी जानते हैं कि Forex Market बाजार में भारतीय बाजार की तुलना में अधिक अस्थिरता है। क्योंकि फॉरेक्स में पूरी दुनिया की करेंसी का व्यापार होता है तो जाहिर सी बात है कि पूरे देश और दुनिया की खबरों में कई बड़े लोग हैं जो एक ही बार में बड़ी संख्या में ट्रेडिंग करते हैं, जिसके कारण फॉरेक्स में अधिक अस्थिरता उत्पन्न होती है।
Table of Contents
विदेशी मुद्रा बाज़ार के नकारात्मक पक्ष क्या हैं(What are the negative side of forex market)?
जब हम Forex Market बाजार के बारे में बात करते हैं, तो विदेशी मुद्रा बाजार के बारे में कई अच्छी बातें हैं जैसे: अधिक अस्थिरता, अधिक तरलता, अधिक मार्जिन, अधिक समय, आदि।
1. high volatility: अधिक अस्थिरता के कारण कम समय में कभी अधिक लाभ तो कभी अधिक हानि हो सकती है।
2. Leverege Risk(लेवेरेज रिस्क): विदेशी मुद्रा बाजार में हमें भारतीय बाजार की तुलना में अधिक या यूं कहें कि अधिक लेवेरेज मिलता है, जिसके कारण हम लेवेरेज के कारण बहुत सारा पैसा कमा या खो सकते हैं। लेकिन देखा गया है कि अधिकतर लोग लेवेरेज के कारण घाटे में ही रहते हैं।
3.बाज़ार में हेरफेर(Market Manipulation): क्योंकि Forex Market में पूरी दुनिया में कारोबार होता है, इस कारण फ़ॉरेक्स में भी Manipulation होने की संभावना अधिक होती है।
4. जटिलता(Complexity): विदेशी मुद्रा सीखना और उससे पैसा कमाना बहुत कठिन है, क्योंकि इसके लिए बहुत सी चीजें सीखने की आवश्यकता होती है। और भले ही आपने इसे लगभग सीख ही लिया हो, फिर उसके बाद कोई एक नई तकनीक आ जाती है। और आपको उसे भी सीखना होगा, अन्यथा आप हार सकते हैं।
95 विदेशी मुद्रा व्यापारी पैसा क्यों खो देते हैं(why do 95 of forex traders lose money)?
लगभग 95% लोग Forex Market में पैसा खो देते हैं, लेकिन यह आंकड़ा सही या गलत हो सकता है। और चलिए बात करते हैं कि नुकसान क्यों होता है, कुछ चीजें हो सकती हैं।
1. शिक्षा और अनुभव की कमी(Lack of Education and Experience): बहुत से लोग जो ट्रेडिंग करने आते हैं उन्हें कहीं न कहीं से एक वीडियो मिल जाता है, जिसे देखने के बाद वे ट्रेडिंग करने आते हैं और सोचने लगते हैं कि कुछ समय बाद वे पैसा कमाना शुरू कर देंगे। लेकिन ऐसा नहीं होता है, पहले उन्हें अच्छे से सिखाएं और फिर बिना फायदे के बारे में सोचे दो-तीन महीने तक इसका नियमित अभ्यास करें। लेकिन केवल 5% लोग ही ऐसा काम कर पाते हैं और इस वजह से केवल 5% लोग ही व्यापारी बन पाते हैं।
2. भावनात्मक व्यापार(Emotional Trading): बहुत से लोग ट्रेडिंग सीखते हैं लेकिन फिर भी पैसा नहीं कमा पाते हैं, इसका एक सबसे बड़ा कारण उनका अपनी भावनाओं पर नियंत्रण न होना हो सकता है। क्योंकि जब आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रखेंगे तो कभी लालच, कभी डर तो कभी ओवरट्रेडिंग के कारण आपको नुकसान होगा।
3. ज्यादा लीवरेजिंग(Overleveraging): कई व्यापारी उच्च लीवरेज के साथ व्यापार करते हैं और सोचते हैं कि पैसा लगाने से उन्हें अधिक लाभ मिलेगा, लेकिन वे यह नहीं सोचते कि नुकसान भी अधिक हो सकता है।
4. रिस्क मनेजमेंट का अभाव(Lack of Risk Management): ऐसे कई व्यापारी हैं जो जोखिम प्रबंधन किए बिना व्यापार करना शुरू कर देते हैं, जिसके कारण भले ही उन्हें लाभ होता है, लेकिन नुकसान होने पर यह अधिक होता है। और ऐसा शुद्ध घाटे में होता है।