F&O Trading: Dangers and Precautions for Common Man

F&O Trading: शेयर बाजार का नाम सुनते ही आजकल हर किसी को लगता है कि यह पैसे कमाने का आसान तरीका है। खास तौर पर युवाओं में ट्रेडिंग का आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है, खास तौर पर F&O Trading (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) सेगमेंट में। लेकिन क्या यह वाकई इतना आसान है? क्या आम आदमी वाकई यहां से मुनाफा कमा सकता है? हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए गए हैं, जो हमें इस सेगमेंट के खतरों से वाकिफ कराते हैं।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

इस रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन सालों में 93% व्यक्तिगत F&O Trading ट्रेडर्स को नुकसान उठाना पड़ा है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि जो लोग यह सोचकर F&O Trading में कदम रखते हैं कि वे जल्दी पैसा कमा लेंगे, वे अक्सर अपना पैसा गंवा देते हैं।

1. औसत नुकसान: रिपोर्ट में कहा गया है कि एक औसत व्यक्तिगत ट्रेडर को करीब ₹2 लाख का नुकसान हुआ है।

2. शीर्ष ट्रेडर्स का नुकसान: शीर्ष 35% ट्रेडर्स को औसतन ₹28 लाख का नुकसान हुआ है।

3. सिर्फ़ 1% का मुनाफ़ा: सिर्फ़ 1% व्यक्तिगत ट्रेडर्स ने मुनाफ़ा कमाया है और उनका औसत मुनाफ़ा सिर्फ़ ₹1 लाख है।

युवाओं F&O Trading पर असर

रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाली बात यह बताई गई है कि 30 साल से कम उम्र के लोग तेज़ी से इस सेगमेंट में आ रहे हैं। 2023 में इनकी हिस्सेदारी 31% थी जो 2024 में बढ़कर 43% हो गई है। यानी युवा इस सेगमेंट की ओर तेज़ी से आकर्षित हो रहे हैं, ख़ासकर छोटे शहरों से। शीर्ष 30 शहरों से बाहर के 72% ट्रेडर्स F&O Trading में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं।

F&O Trading सेगमेंट: बड़े खिलाड़ियों का खेल

रिपोर्ट के मुताबिक, मुनाफ़ा कमाने वाले ज़्यादातर पेशेवर ट्रेडर्स और FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) जैसे बड़े संस्थागत निवेशक और प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स हैं। ये लोग मैन्युअल ट्रेडिंग नहीं करते, बल्कि एल्गोरिथम ट्रेडिंग और मशीन लर्निंग का सहारा लेते हैं। इनके पास इतने सटीक सिस्टम होते हैं कि मानवीय व्यवहार को हटा दिया जाता है और मशीन खुद ही सही समय पर ट्रेड कर देती है।

2024 में एफपीआई ने करीब ₹3000 करोड़ और प्रोप्राइटरी ट्रेडर्स ने ₹28000 करोड़ का मुनाफा कमाया, जबकि व्यक्तिगत एफएंडओ ट्रेडिंग ट्रेडर्स ने ₹6000 करोड़ का घाटा उठाया।

इतना घाटा क्यों हो रहा है?

यह सवाल हर किसी के मन में उठता है कि आखिर इतने सारे लोग घाटा क्यों उठा रहे हैं। इसका मुख्य कारण ट्रांजेक्शन कॉस्ट है। एक व्यक्तिगत ट्रेडर को औसतन ₹66,000 ही ट्रांजेक्शन फीस के तौर पर चुकाने पड़ते हैं। इस कॉस्ट में 51% ब्रोकरेज फीस और 20% एक्सचेंज फीस शामिल है।

इतना सब होने के बाद भी लोग ट्रेडिंग क्यों नहीं छोड़ रहे हैं? यह लत का नतीजा है। 75% से ज्यादा ट्रेडर्स घाटा उठाने के बावजूद ट्रेडिंग जारी रखते हैं।

सोशल मीडिया और गलतफहमियां

आजकल सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो और विज्ञापन देखने को मिलते हैं, जिनमें दावा किया जाता है कि आप चंद मिनटों में लाखों कमा सकते हैं। खास तौर पर युवा इसके झांसे में आकर एफएंडओ ट्रेडिंग सेगमेंट में बड़ी रकम लगा देते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 5 लाख रुपये सालाना आय वाले लोगों का एक बड़ा हिस्सा F&O Trading में भी लगा हुआ है, जो उनकी आय के हिसाब से बहुत बड़ा जोखिम है।

क्या करें?

F&O Trading सेगमेंट में ट्रेडिंग करना आम आदमी के बस की बात नहीं है। यह बड़े खिलाड़ियों का खेल है, जो प्रोफेशनल्स और एक्सपर्ट्स के लिए बना है। इसलिए अगर आप ट्रेडिंग में कदम रखना चाहते हैं, तो पहले अच्छे से सीखें, रिसर्च करें और छोटे निवेश से शुरुआत करें।

– शेयर बाजार लंबे समय तक धन कमाने का जरिया है। इसे जुआ न समझें।

– ट्रेडिंग से पहले अपनी जोखिम क्षमता का आकलन करें और तय करें कि आप कितना पैसा गंवा सकते हैं।

– सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले बड़े मुनाफे के झांसे में न आएं।

निष्कर्ष

शेयर बाजार में पैसा कमाना आसान नहीं है। खास तौर पर F&O Trading सेगमेंट में, जहां बड़े खिलाड़ी खेलते हैं, आम आदमी के लिए मुनाफा कमाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह रिपोर्ट हमें आगाह करती है कि अगर हम बिना तैयारी और समझ के इस बाजार में कदम रखते हैं, तो नुकसान तय है।

पैसा आपका है, फैसला आपका है, लेकिन समझदारी से निवेश करें और अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखें।

क्या आप इस रिपोर्ट से सहमत हैं? हमें कमेंट में अपने विचार बताएं।

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