Does Pakistan want to make Babar Azam like Sachin Tendulkar?

जब भी Pakistan क्रिकेट की बात होती है तो बाबर आज़म का नाम ज़रूर लिया जाता है। अपनी शानदार बल्लेबाज़ी शैली और तकनीकी कौशल के कारण वे जल्द ही Pakistan के सबसे बड़े क्रिकेट सितारों में से एक बन गए हैं। लेकिन इन सबके बीच Pakistan में बाबर आज़म को लेकर एक दिलचस्प बहस चल रही है। क्या Pakistan क्रिकेट बोर्ड और कोचिंग स्टाफ़ बाबर को सचिन तेंदुलकर जैसा क्रिकेटर बनाना चाहता है?

बाबर और विराट: एक लंबी तुलना

बाबर आजम का करियर जब शुरू हुआ तो Pakistan में उनकी तुलना विराट कोहली से की जाती थी। भारतीय क्रिकेट टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले विराट कोहली हमेशा से बाबर के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। पहले तो बाबर ने विराट कोहली के खेल को आदर्श मानकर अपनी बल्लेबाजी को सुधारने की कोशिश की, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, Pakistan में यह विचार उभरा कि बाबर को सचिन तेंदुलकर के सापेक्ष विराट से ऊपर देखा जाना चाहिए।

विराट कोहली का फॉर्म 30 के आसपास पहुंचते ही गिर गया, जबकि बाबर 30 तक पहुंचने से पहले ही गिरावट के दौर से गुजरने लगा। अब सवाल यह उठता है कि Pakistan बाबर को सचिन तेंदुलकर के स्तर पर क्यों देखना चाहता है और क्या ये उम्मीदें बाबर के लिए बहुत ज्यादा साबित नहीं हो सकती हैं?

बाबर को तेंडुलकर जैसा बनाने की कोशिश

Pakistan क्रिकेट टीम के कोच और बैटिंग कोच इस बात पर जोर दे रहे हैं कि बाबर आजम को तेंदुलकर की तरह क्रिकेट खेलना चाहिए। Pakistan के हेड कोच जावेद और बैटिंग कोच शाहिद असलम बाबर आजम को एक ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में किया था।

तेंदुलकर के बैटिंग करियर में ओपनिंग ने अहम भूमिका निभाई, जहां उन्होंने लगातार रन बनाए और भारतीय टीम को जीत दिलाई। Pakistan का मानना ​​है कि बाबर में भी वही काबिलियत है और वह सचिन की तरह ओपनिंग करके Pakistan क्रिकेट को नई दिशा दे सकते हैं। हफीज जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी इस राय से सहमत हैं और उनका मानना ​​है कि बाबर को भी तेंदुलकर की तरह ओपनिंग करनी चाहिए।

पाकिस्तान की ओपनिंग समस्या

पाकिस्तान की ओपनिंग बल्लेबाजी हमेशा से ही एक बड़ा सवाल रही है। फखर जमान और अब्दुल्ला शफीक जैसे पाकिस्तान के मौजूदा ओपनर कभी भी अपनी निरंतरता बनाए नहीं रख पाए हैं। विश्व कप के बाद जमान को काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा और शफीक को भी कुछ खराब सीरीज के बाद आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। अब पाकिस्तान क्रिकेट बाबर को ओपनिंग के लिए भेजने पर विचार कर रहा है, ताकि टीम में कुछ स्थिरता आए। अब्बास ने कहा, “पाकिस्तान टीम के पास बाबर को ओपनिंग के लिए भेजने का अच्छा मौका है। वह क्रिकेट के सबसे बड़े सितारों में से एक बन सकते हैं और टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।”

बाबर का रोल: क्या सच में तेंडुलकर जैसा बनना संभव है?

यह सच है कि पाकिस्तान के क्रिकेट मैनेजमेंट ने बाबर को सचिन तेंडुलकर की तरह खेलने का दबाव बनाया है। लेकिन क्या बाबर इस उम्मीद पर खरे उतर सकते हैं? सचिन तेंडुलकर का करियर भारत क्रिकेट के इतिहास का सबसे चमकदार करियर था। उन्होंने ओपनिंग से लेकर मिडिल ऑर्डर तक हर भूमिका में शानदार प्रदर्शन किया। उनका एक लंबा और स्थिर करियर था, और उनकी तकनीकी विशेषज्ञता ने उन्हें क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में शामिल किया।

बाबर आजम की तकनीक सचिन से काफी मेल खाती है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि वह सचिन के जैसा करियर बना पाएंगे। पाकिस्तान का क्रिकेट संरचना और मानसिकता भारतीय क्रिकेट से भिन्न है। यहां तक कि बाबर को कोहली से भी अधिक दबाव का सामना करना पड़ता है, क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट में हर अच्छा खिलाड़ी जल्दी ही उम्मीदों के पहाड़ से दबा होता है।

बाबर को ओपनिंग में भेजने का क्या फायदा?

अगर बाबर आजम को ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में भेजा जाता है, तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह हो सकता है कि वह अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन कर सकेंगे। ओपनिंग करने से उन्हें अधिक गेंदों का सामना करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनका बैटिंग क्रम बेहतर हो सकता है। पाकिस्तान के क्रिकेट को यह निश्चित रूप से मदद करेगा, क्योंकि वर्तमान ओपनर्स की अस्थिरता पाकिस्तान के बल्लेबाजी क्रम को कमजोर बनाती है।

पाकिस्तान क्रिकेट के अंदर एक और कारण है जिसके कारण बाबर को ओपनिंग में भेजने की योजना बनाई जा रही है। बाबर ने टी20 क्रिकेट में ओपनिंग की है, और उनकी सफलता को देखकर यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगर वह वनडे में भी ओपन करें तो उनका प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है।

दबाव और तुलना: क्या यह सही है?

यह सच है कि बाबर आजम पर विराट और तेंडुलकर जैसे महान क्रिकेटरों से तुलना का भारी दबाव डाला जा रहा है। लेकिन क्या यह तुलना सही है? क्या बाबर के पास अपनी खुद की पहचान बनाने का समय मिलेगा, या वह हमेशा दूसरों के मुकाबले में खड़ा रहेगा? पाकिस्तान क्रिकेट में यह स्थिति बहुत आम है, जहां युवा खिलाड़ियों को बड़े नामों से तुलना कर उनसे ज्यादा उम्मीदें लगाई जाती हैं।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की तुलना बाबर पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है। ऐसा हो सकता है कि वह अपनी क्रिकेटिंग क्षमता के बजाय केवल तुलना की वजह से खुद को साबित करने की कोशिश करें, जो अंततः उनके खेल को प्रभावित कर सकता है।

निष्कर्ष

क्या बाबर आजम सचिन तेंदुलकर जैसे क्रिकेटर बन सकते हैं? यह सवाल अब पाकिस्तान क्रिकेट में सबसे ज्यादा चर्चा में है। बाबर आजम में वो सारी तकनीकी दक्षता और प्रतिभा है जो उन्हें एक महान खिलाड़ी बना सकती है, लेकिन क्या वो दबाव को झेल पाएंगे और अपने करियर को सही दिशा में ले जा पाएंगे? इस सवाल का जवाब तो भविष्य ही दे सकता है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को बाबर आजम से काफी उम्मीदें हैं, लेकिन उसे बाबर को अपनी पहचान बनाने के लिए समय देना होगा। क्या वो सचिन तेंदुलकर की तरह अपने करियर को शानदार बना पाएंगे या फिर दूसरों की उम्मीदों का बोझ ढोते हुए यूं ही गिरते रहेंगे, ये तो देखना होगा।

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