परिचय
बजट आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में बजट पेश करने वाली हैं। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा। इस बजट से लोगों को कई उम्मीदें हैं, लेकिन शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों को Capital Gain Tax को लेकर डर है। उन्हें लगता है कि सरकार इस बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव कर सकती है। इस रिपोर्ट में हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि विशेषज्ञों का क्या कहना है।
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Capital Gain Tax पर विशेषज्ञों की राय
प्रसिद्ध निवेशक क्रिस वुड ने Capital Gain Tax और बजट पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव से चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि किसी भी तरह के बदलाव का शुरुआत में उतना बुरा असर नहीं पड़ेगा जितना की अनुमान लगाया जा रहा है।
क्रिस वुड की राय
क्रिस वुड का कहना है कि हांगकांग जैसे देश Capital Gain Tax के बिना भी काम करते हैं। उनका मानना है कि अगर भारत में भी ऐसा किया जाए तो इससे निवेश बढ़ सकता है और बाजार का विस्तार हो सकता है। उन्होंने कहा कि कैपिटल गेन टैक्स को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए एक संरचना दी जानी चाहिए। उन्होंने शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के कैपिटल गेन टैक्स की दरों में अंतर रखने की वकालत की है।
Capital Gain Tax का महत्व
Capital Gain Tax का मतलब है संपत्ति या निवेश जैसे शेयरों को बेचने से होने वाले मुनाफे पर लगने वाला टैक्स। मौजूदा समय में शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के कैपिटल गेन पर टैक्स की दरों में कोई बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। फिलहाल, प्रॉपर्टी से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20% की दर से टैक्स लगता है जिसमें महंगाई के हिसाब से समायोजन का प्रावधान है।
निवेशकों के लिए Capital Gain Tax
सरकार निवेशकों से कई तरह के टैक्स वसूलती है ताकि राजस्व हासिल किया जा सके। इनमें से एक Capital Gain Tax है। जब कोई निवेशक अपनी प्रॉपर्टी, घर या कार बेचता है तो उस बिक्री से होने वाले मुनाफे पर जो टैक्स लगता है, उसे कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं। इसे सरकार इनकम का ही एक हिस्सा मानती है। साल 2018 में इसे स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर भी लागू कर दिया गया था।
Capital Gain Tax की दरें
कैपिटल गेन टैक्स अलग-अलग संपत्तियों पर अलग-अलग दर से लगता है। अगर शेयर बाजार की बात करें तो किसी स्टॉक को एक साल के अंदर बेचने पर उससे हुए मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो आपके टैक्स स्लैब के आधार पर होता है। अगर शेयर 3 साल बाद बेचा जाता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा जिसमें ₹1 लाख तक का मुनाफा टैक्स के दायरे से बाहर होता है। इससे ज्यादा प्रॉफिट पर 10% की दर से टैक्स देना होता है। गोल्ड के मामले में भी यही नियम लागू होता है।
भविष्य की दृष्टि से
आने वाले बजट में सरकार Capital Gain Tax में किस तरह का बदलाव करेगी या नहीं करेगी, यह देखना होगा। निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इससे बाजार पर भी प्रभाव पड़ेगा।
निष्कर्ष
इस रिपोर्ट में हमने Capital Gain Tax को लेकर बजट 2024-25 के संभावित बदलावों पर चर्चा की। क्रिस वुड जैसे विशेषज्ञों की राय से पता चलता है कि किसी भी बदलाव का शुरुआत में उतना बुरा असर नहीं पड़ेगा जितना कि अनुमान लगाया जा रहा है। निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे बजट के बाद की स्थितियों पर ध्यान दें और अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर करें।
धन्यवाद!