परिचय
Budget सबसे बड़ी खबर है RBI की नई गाइडलाइन हमारे देश की आर्थिक स्थिति को परिभाषित करता है। इसमें बताया जाता है कि सरकार कितना पैसा कहां खर्च करेगी और कहां से आएगा। आज हम बजट, बाजार और इससे जुड़ी खबरों पर चर्चा करेंगे। इसमें हम जानेंगे कि Budget के फैसलों का आम आदमी पर क्या असर पड़ता है।
Table of Contents
Budget की पाठशाला: समझें अर्थशास्त्र
बजट में कई तकनीकी शब्द और नीतियाँ होती हैं जिन्हें समझना हर किसी के बस की बात नहीं होती। हम इसे सरल भाषा में समझाएंगे ताकि हर कोई जान सके कि Budget का क्या मतलब है और यह कैसे काम करता है।
Budget टॉक: बजट की बारीकियों पर बात
Budget में कई महत्वपूर्ण बिंदु होते हैं जो आम आदमी को प्रभावित करते हैं। बजट टॉक के जरिए हम इन बारीकियों को समझेंगे और जानेंगे कि किन शहरों पर बजट का कैसा असर पड़ेगा।
Budget पंचायत: जनता के मन की बात
बजट पंचायत के जरिए हम आम जनता की राय जानेंगे। Budget के फैसलों पर उनकी क्या राय है और वे इसे कैसे देखते हैं।
आरबीआई की नई गाइडलाइन्स: कर्जदारों के लिए बड़ी राहत
बैंक से लोन लेने वालों के लिए एक अच्छी खबर आई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कर्जदारों को एक बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने लोन देने वालों को एक बड़ा अधिकार दे दिया है जिससे कर्जदारों को काफी राहत मिलेगी।
क्या है नई गाइडलाइन्स?
पहले, अगर कोई लोन लेने वाला शख्स किसी वजह से अपना लोन नहीं चुका पाता था, तो बैंक उसे तुरंत डिफॉल्टर की कैटेगरी में डाल देते थे। इससे कर्जदार को कई परेशानियां होती थीं। इतना ही नहीं, अगर लोन समय पर नहीं चुकाया गया तो बैंक उसे फ्रॉड तक घोषित कर देते थे।
लेकिन अब आरबीआई ने नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन गाइडलाइन्स के अनुसार, बैंक बिना सुनवाई के किसी भी लोन लेने वाले शख्स को फ्रॉड की कैटेगरी में नहीं डाल सकते। आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि उन्हें अब डिफॉल्टर को पहले 21 दिन का कारण बताओ नोटिस देना होगा ताकि डिफॉल्टर को अपना पक्ष रखने का मौका मिल सके।
कोरोना महामारी का प्रभाव
कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की कमाई पर बुरा असर पड़ा था। कई लोगों की नौकरी चली गई थी, जिससे वे लोन की किश्त नहीं भर पा रहे थे। बैंकों ने तुरंत ऐसे लोगों को डिफॉल्टर और फ्रॉड घोषित कर दिया था। इसके बाद लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। लेकिन अब आरबीआई ने निर्देश दिए हैं कि बैंकों को लोन अकाउंट फ्रॉड की कैटेगरी में डालने से पहले उस शख्स को सुनवाई का मौका देना होगा।
आरबीआई की नई गाइडलाइन्स का प्रभाव
आरबीआई की इन नई गाइडलाइन्स से कर्जदारों को काफी राहत मिलेगी। अब बैंकों को लोन लेने वाले शख्स को कारण बताओ नोटिस जारी करना होगा। इस नोटिस का जवाब देने के लिए बैंकों को 21 दिन का समय दिया गया है। कोर्ट के 27 मार्च 2023 के फैसले को ध्यान में रखते हुए ये निर्देश दिए गए हैं।
आरबीआई का मास्टर सर्कुलर
आरबीआई ने एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है जिसमें फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट से जुड़े नियमों को साफ किया गया है। इस सर्कुलर में कहा गया है कि सभी रेगुलेटेड एंटिटी के पास फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट पर बोर्ड अप्रूव्ड पॉलिसी होनी चाहिए। गाइडलाइन्स के मुताबिक सभी बैंकों, एचएफसी और एनबीएफसी को इंटरनल और बोर्ड कंट्रोल को मजबूत करने के लिए नए नियमों का पालन करना होगा।
आने वाले समय में क्या होगा?
आरबीआई की इस नई गाइडलाइन्स से लोन लेने वालों को कितनी राहत मिलेगी, यह आने वाले समय में देखने वाली बात होगी।
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निष्कर्ष
Budget और आरबीआई की नई गाइडलाइन्स आम आदमी के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे न केवल आर्थिक स्थिति स्पष्ट होती है बल्कि लोगों को राहत भी मिलती है। उम्मीद है कि सरकार और आरबीआई की ये पहलें लोगों के जीवन को बेहतर बनाएंगी।
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