परिचय
Inflation: आपके जेब से जुड़े हुए एक अहम मसले पर। एक ऐसा मसला जो सीधे-सीधे आपकी जेब, आपके खर्च, और आपके पूरे घर-गृहस्थी के कामकाज पर असर डालता है। इस लेख में हम Inflation और बजट के प्रभावों पर चर्चा करेंगे, खासतौर पर मोदी 3.0 की वापसी के बाद की स्थिति पर।
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चुनाव के बाद Inflation का हाल
4 जून को चुनाव के नतीजे आए और जब मोदी 3.0 की वापसी हुई, तब से कम से कम एक मोर्चा ऐसा है जहां पर लोगों को राहत नहीं मिली है। महंगाई की मार जनता पर लगातार पड़ रही है। सबसे पहले दूध के दाम बढ़े, फिर टोल टैक्स महंगा हुआ, और अब ताजे आंकड़े खुदरा Inflation के बढ़ने की ओर इशारा कर रहे हैं।
खुदरा Inflation के आंकड़े
आज शुक्रवार को रिटेल इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई के आंकड़े आए हैं। जून महीने के आंकड़ों के अनुसार खुदरा महंगाई 5.08% पर पहुँच गई है, जो कि 5 महीने में पहली बार बढ़ी है। मई में यह दर 4.75% थी, जो कि 12 महीने के लो लेवल पर थी। इस बढ़ोतरी ने सरकार और रिजर्व बैंक दोनों को चिंतित कर दिया है।
खाने-पीने की चीजों की Inflation
खाने-पीने की चीजों की महंगाई में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जून में खाने-पीने की चीजों की Inflation बढ़कर 9.55% पर पहुंच गई है, जो कि मई में 8.69% थी। सब्जियों की कीमतों में भी भारी उछाल देखा गया है। जून में सब्जियों की कीमतें 27.33% बढ़ी हैं।
आरबीआई और सरकार की चिंता
खुदरा Inflation दर अभी भी 2% से 6% तक के आरबीआई के टॉलरेंस लेवल के भीतर है। लेकिन मई के मुकाबले महंगाई में हुई बढ़ोतरी चिंताजनक है। इससे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें भी धूमिल हो गई हैं, जिससे आपकी ईएमआई ऊंचे लेवल्स पर बनी रह सकती है। अगर आप नया कर्ज लेना चाहते हैं, तो आपको महंगे कर्ज का सामना करना पड़ सकता है।
आगामी पूर्ण बजट
23 जुलाई को सरकार का पूर्ण बजट आने वाला है। भाजपा सिंगल पार्टी के तौर पर मेजॉरिटी मार्ग से पीछे रह गई है। ऐसे में आम लोगों की Inflation और दूसरी चीजों की नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। जनता उम्मीद कर रही है कि उन्हें टैक्स में छूट और दूसरी प्रकार की राहत मिले ताकि उनकी जेब पर बोझ कम हो सके।
निष्कर्ष
जून के Inflation के आंकड़े वाकई चौकाने वाले हैं और हम सबके लिए चिंता पैदा करने वाले भी हैं। क्या सरकार मध्यम वर्ग को इस बजट में राहत देगी या नहीं, यह 23 तारीख को पता चलेगा। फिलहाल, हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि सरकार हमारे लिए क्या कदम उठाती है।
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