जब कोई व्यक्ति Atal Pension Yojana में निवेश शुरू करता है और उसकी मौत हो जाती है, तो इस स्थिति में नियमों के अनुसार निम्नलिखित बातें हो सकती है:
1. नॉमिनी को पेंशन का लाभ: यदि निवेशक के नॉमिनी का नाम योजना में दर्ज है, तो उसे पेंशन का लाभ मिलेगा। यह पेंशन नियमित अंतराल में निवेशक के नियमित आयु तक जारी रहेगी।
2. नॉमिनी को जमा रकम: अगर निवेशक के नॉमिनी का नाम नहीं है या निवेशक ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है, तो उसकी जमा रकम उसके संतान को मिल सकती है। इसमें जमा की गई राशि और निवेश के समय की आय सम्मिलित होती है।
इसलिए, यदि निवेशक का नाम योजना में दर्ज है, तो उसके नियमित आयु तक उसके निवासियों को पेंशन का लाभ मिलेगा। यदि निवेशक ने नॉमिनी का नाम नहीं दिया है, तो उसकी जमा राशि उसके संतानों को मिल सकती है।
यदि आप बुढ़ापे में नियमित आय की चिंता से परेशान रहते हैं, तो Atal Pension Yojana आपके लिए उपयोगी हो सकती है। इसके माध्यम से आप अपने लिए 5000 रुपये तक की पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं। लेकिन इस योजना में केवल वे लोग निवेश कर सकते हैं जो टैक्सपेयर नहीं हैं, साथ ही जिनकी आयु 18 से 40 साल के बीच है। अटल पेंशन स्कीम में निवेशक को 60 साल की आयु तक निवेश करना होता है, और इसके बाद पेंशन की व्यवस्था होती है।
अगर किसी व्यक्ति ने Atal Pension Yojana में निवेश शुरू किया है और उसकी मौत हो जाती है, तो उसकी जमा रकम का विवादित मामला हो सकता है। इस संदर्भ में, पेंशन योजना के नियमों के अनुसार, जमा रकम नॉमिनी को मिलती है। अतः यदि निवेशक के पास नॉमिनी का नाम सही से दर्ज होता है, तो जमा रकम नॉमिनी को दी जाती है। यदि नॉमिनी का नाम उपलब्ध नहीं है या नामांकित नहीं किया गया है, तो विभाग अपने नियमों के अनुसार जमा रकम का वितरण करता है। पेंशन का लाभ भी नॉमिनी को दिया जा सकता है, लेकिन यह नियमों और शर्तों पर निर्भर करता है जो पेंशन योजना के अंतर्गत निर्धारित किए गए होते हैं।
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60 से पहले निवेशक की मौत होने पर क्या होता है? Atal Pension Yojana के नियम और प्रक्रिया
अटल पेंशन योजना के अनुसार, यदि किसी निवेशक की मृत्यु किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण 60 साल की उम्र पूरी होने से पहले हो जाती है, तो उसकी निवेश की हुई राशि व्यर्थ नहीं जाती। इस मामले में, जीवनसाथी या नॉमिनी को अटल पेंशन योजना निवेशक द्वारा जमा की गई पूरी राशि का निकासी का अधिकार होता है।
इसके अलावा, यदि जीवनसाथी चाहे तो वह Atal Pension Yojana खाते में योगदान जारी रख सकता है और 60 साल के बाद पेंशन प्राप्त कर सकता है।
ग्राहक का पति या पत्नी वही पेंशन राशि प्राप्त करने का हकदार होगा, जो ग्राहक को मिलनी थी।
पेंशनधारक और जीवनसाथी की मौत के मामले में नियम क्या होते हैं?
अगर कोई व्यक्ति अटल पेंशन योजना का लाभ लेता है और उसकी मौत हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को समान पेंशन का भुगतान किया जाएगा। साथ ही, अगर योजना के निवेशक और उनके स्पाउस दोनों की मौत हो जाती है, तो जमा की गई पेंशन राशि नॉमिनी को वापस कर दी जाएगी। यह नॉमिनी उस व्यक्ति का हो सकता है जिसे निवेशक ने पेंशन की योजना में नामित किया है।
Atal Pension Yojana के लिए ऐसे करें आवेदन
अगर आप भी अटल पेंशन योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले किसी बैंक में बचत खाता खोलवा लें। अगर आपका पहले से ही बैंक में बचत खाता है तो आपको वहां से योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा। फॉर्म में नाम, आयु, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर आदि तमाम जानकारी सही-सही भरें। मांगे गए सभी जरूरी दस्तावेज साथ में अटैच करें। इसके बाद फॉर्म को बैंक में जमा करें। इसके बाद आपके सभी दस्तावेजों को वेरीफाइ किया जाएगा और अटल पेंशन योजना के तहत आपका खाता खोल दिया जाएगा।
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