Farewell to Shikhar Dhawan: The amazing journey of the ‘Gabbar’ of Indian cricket

Shikhar Dhawan का नाम भारतीय क्रिकेट टीम में हमेशा एक ऐसे खिलाड़ी के तौर पर लिया जाएगा जो मैदान पर हमेशा मुस्कुराते रहते थे और दूसरों के चेहरे पर भी मुस्कान लाने में सक्षम थे। Shikhar Dhawan ने अपने पूरे क्रिकेट सफर में निस्वार्थ स्वभाव का परिचय दिया और जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की तो पूरी दुनिया भावुक हो गई। Shikhar Dhawan के करियर में कई ऐसे पल आए हैं जो उन्हें गब्बर बनाते हैं और आज हम उनके करियर पर एक नजर डालेंगे।

शुरुआती करियर और वनडे टीम में शामिल होना

Shikhar Dhawan ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ अपना वनडे डेब्यू किया था। युवा बल्लेबाज़ ने अपने पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन किया और धीरे-धीरे भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। उनका आखिरी वनडे 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ़ था, जहाँ उन्होंने भारतीय क्रिकेट में अपना आखिरी योगदान दिया।

चैंपियंस ट्रॉफी और वर्ल्ड कप में धवन का योगदान

धवन का करियर चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व कप में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए भी याद किया जाएगा। उन्होंने इन टूर्नामेंटों में 65 की औसत से 1229 रन बनाए, जो सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से भी बेहतर है। Shikhar Dhawan का यह प्रदर्शन उन्हें मिस्टर आईसीसी का टैग दिलाने में मदद करता है।

टेस्ट करियर और डेब्यू का ऐतिहासिक शतक

Shikhar Dhawan ने भी अपने टेस्ट करियर की शुरुआत शानदार तरीके से की थी। 2013 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में उन्होंने 85 गेंदों में शतक जड़कर नया रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने 187 रनों की पारी खेली थी, जो किसी भी भारतीय डेब्यूटेंट द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है।

वनडे क्रिकेट में धवन की उपलब्धियाँ

धवन ने अपने वनडे करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हासिल की हैं। उन्होंने 140 पारियों में 6000 रन बनाए हैं, ऐसा करने वाले वे दुनिया के सिर्फ़ चार बल्लेबाज़ों में से एक हैं। इसके अलावा धवन ने आईपीएल में भी शानदार प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 6779 रन बनाए और 768 चौके लगाए, जो उन्हें इस फ़ॉर्मेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक बनाता है।

आईपीएल में धवन का जलवा

Shikhar Dhawan का प्रदर्शन आईपीएल में भी कुछ कम नहीं रहा। उन्होंने पांच बार 500 से ज़्यादा रन बनाए और विराट कोहली के बाद दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। उनके 768 चौके आईपीएल इतिहास में सबसे ज़्यादा हैं, जो साबित करता है कि Shikhar Dhawan की बल्लेबाज़ी तकनीक कितनी शानदार थी।

शिखर का संघर्ष और उसकी विजय

Shikhar Dhawan के करियर में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 2019 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान उनके अंगूठे में चोट लग गई थी, लेकिन उन्होंने फिर भी अपनी पारी जारी रखी और शतक जड़ा। यह उनकी दृढ़ता और समर्पण का सबूत है। इस चोट के बावजूद वे मैदान पर डटे रहे और भारत के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए।

गब्बर की यादें और विदाई

Shikhar Dhawan की गब्बर के रूप में लोकप्रियता उनके अनोखे अंदाज और जोश का नतीजा है। कबड्डी स्टाइल में जश्न मनाने और मैदान पर उनकी मुस्कुराहट ने उन्हें क्रिकेट प्रशंसकों के बीच खास जगह दिलाई है। धवन कहते हैं कि उन्हें हमेशा पता था कि कब आगे बढ़ना है और यही वजह है कि जब उन्होंने अपने संन्यास की घोषणा की, तो उन्होंने बिल्कुल भी शिकायत नहीं की।

शिखर धवन की अविस्मरणीय पारियाँ

शिखर धवन ने अपने करियर में कई अविस्मरणीय पारियां खेली हैं, लेकिन उनमें से कुछ खास हैं। जैसे 2013 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 187 रनों की पारी या 2019 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक। इन पारियों ने न केवल उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाया बल्कि उन्हें भारतीय क्रिकेट का एक अहम हिस्सा भी बनाया।

धवन और रोहित शर्मा की साझेदारी

शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम की सबसे सफल ओपनिंग जोड़ियों में से एक रही है। दोनों ने मिलकर 18 शतकीय साझेदारियां की हैं, जिससे वे सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के बाद दूसरी सबसे सफल भारतीय जोड़ी बन गए हैं। उनकी साझेदारी ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

धवन की विनम्रता और क्रिकेट के प्रति प्यार

शिखर धवन हमेशा अपने विनम्र स्वभाव और क्रिकेट के प्रति अपने प्यार के लिए जाने जाएंगे। उन्होंने अपने करियर में कभी किसी खिलाड़ी के बारे में बुरा नहीं कहा और जब भी उन्हें टीम से बाहर किया गया तो उन्होंने इसे स्वीकार किया और अपनी मेहनत जारी रखी। धवन का कहना है कि उन्हें हमेशा पता था कि कब आगे बढ़ने का समय है और यही वजह है कि आज जब वह रिटायर हो रहे हैं तो उनके प्रशंसक और साथी खिलाड़ी उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा कर रहे हैं।

निष्कर्ष

शिखर धवन का करियर प्रेरणास्रोत है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए जो कुछ भी किया, वह अविस्मरणीय है। धवन की मुस्कान, उनका आत्मविश्वास और उनका गब्बर अंदाज हमेशा भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में रहेगा। आज जब हम उन्हें अलविदा कह रहे हैं, तो हम उनके योगदान के लिए उनका शुक्रिया अदा करना नहीं भूल सकते। शिखर धवन ने हमें कई यादगार पल दिए हैं और उनके सफर को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

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